यहां गायों के लिए लगा है Air कूलिंग सिस्टम, नहाने के लिए हैं शॉवर

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झुंझुनूं. 117 वर्ष पुरानी ये गोशाला अपने आप में अनूठी है। देश की यह पहली ऐसी गोशाला है जहां गायों के नहाने के लिए शॉवर स्ट्रीट (फव्वारा सिस्टम) लगाया गया है। इसके एक छोर में गाय घुसती हैं और नहाती हुई दूसरी तरफ निकल जाती हैं। गोशाला कैंपस में दिनभर भजनों की धुन बजती रहती हैं। गायों के रहने के स्थान पक्के हैं। हर दिन में दो बार प्रेशरयुक्त पानी से इनकी सफाई होती है।

हर महीनें 10 लाख रुपए कमाती हैं ये गायें…

– रोजाना मलमूत्र गोशाला के खेतों में पहुंचा दिया जाता है। गायों को गर्मी से बचाने के लिए पूरी गोशाला में सेंट्रलाइज कूलिंग सिस्टम लगा हुआ है।
– 80 सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं। देश की किसी भी कोने में बैठकर वेबसाइट के जरिये गोशाला की गतिविधियां ऑनलाइन देखी जा सकती हैं।
– गोशाला में पूजा अर्चना के लिए नंदी पूजा गृह व गोरधन परिक्रमा स्थल भी बने हुए हैं। गोशाला में वर्तमान में करीब 1000 गाय हैं। इनमें से 160 गाय दूध देती हैं।
– इनसे गोशाला को सालाना सवा करोड़ रुपए की आय होती है। यानी हर महीने करीब दस लाख रुपए का दूध बेचा जाता है।

व्यापारी देते हैं सालाना 40 लाख 
– झुंझुनूं के व्यापारियों का गोशाला को बड़ा सहयोग मिलता है। व्यापारी अपनी कमाई का 25 टका यानी 100 रुपए पर 25 पैसे गोशाला को देते हैं। व्यापारियों से सालाना 40 लाख रुपए मिल जाते हैं।

सरकार ने किए सिर्फ वादे 
– भाजपा सरकार से गोशालाओं को कोई मदद नहीं मिल रही है। सरकार ने चुनाव के समय हर वर्ष नौ माह अनुदान देने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक एक रुपया भी नहीं दिया। आपसी सहयोग से चलती है।

भविष्य का ये है प्लान…
गोशाला सचिव सुभाष क्यामसरिया के मुताबिक भविष्य में गोशाला में गायों के अंतिम संस्कार के लिए विद्युत चलित मशीन लगाने की योजना है। साथ ही बारिश का पानी एकत्रित करने के लिए पांच लाख लीटर क्षमता का वाटर टैंक बनाया जाएगा। सौर ऊर्जा प्लांट लगाने की भी योजना है। गोशाला को पर्यटन विभाग से जोड़ने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।

साभार – भास्कर

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