इस नन्हें छात्र ने किया बड़ा अविष्कार, देखने को लग रही लाइनें

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ग्लोबल वार्मिंग, पेट्रो पदार्थों की किल्लत और पानी का संकट…। आने वाले कुछ वर्षों में यह समस्या विकराल रूप धारण कर सकती है। पर्यावरण विदों और पर्यावरणीय वैज्ञानिकों ने भी ऐसे संकेत दिए हैं। लेकिन हिमाचल के एक नन्हे वैज्ञानिक ने ऐसा आविष्कार किया है, जिससे इन सभी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। जरूरत है तो बस इस मॉडल को मूर्त रूप देने की।

नाहन के चौगान मैदान में हुई राज्य स्तरीय विज्ञान कांग्रेस में लाया गया यह मॉडल आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसे देखने के‌ लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। बिलासपुर के सीसे स्कूल पंजगाईं के गौरव वात्सयान ने इसे तैयार किया है। ‘सोलर पावर वाटर पंपिंग सिस्टम’ नामक इस मॉडल के जरिये गौरव ने न केवल पेयजल संकट को दूर होने का दावा किया है, बल्कि इससे न तो बिजली संकट रहेगा और न ही पेट्रोल और डीजल की जरूरत रहेगी।

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ऐसे दूर होगी पानी की कमी, बिजली भी होगी पैदा >>
प्रदेश में नदी-नालों के पानी को उठाऊ पेयजल योजनाओं से रिस्टोर करके सप्लाई किया जाता है। गौरव के इस मॉडल में एक ऐसा पंप है, जो सोलर एनर्जी से संचालित होता है। सोलर लाइट से ही यह पानी को उठाकर टैंक में डालेगा। खास यह है कि पेयजल योजनाओं में टैंक से भर जाने पर पंप बंद करना पड़ता है।  इस मॉडल की खासियत यह है कि पानी का टैंक ओवरफ्लो होने के बाद पानी वापस एक अन्य पाइप से टैंक से कुछ दूरी पर बनाई गई टरबाइन तक पहुंचेगा। ऊंचाई से पानी तेजरफ्तार में जाकर टरबाइन को घुमाएगा। इससे बिजली पैदा होगी।

गौरव के अनुसार इस मॉडल से एक तो पानी की किल्लत कम होगी। दूसरा बिजली पैदा होगी। वहीं, अधिकतर पंप मशीने या तो डीजल-पेट्रोल या फिर बिजली से चलती है, लेकिन सोलन एनर्जी से संचालित होने के कारण इसका खर्चा न के बराबर है। बताया कि प्रधानाचार्य नीरज पालीवॉल और शिक्षक नरेश ठाकुर के मार्गदर्शन में उन्होंने यह मॉडल तैयार किया है।