वादों से मुकरना तो गाँधी खानदान के खून में है ! इंदिरा गांधी की मौत का रहस्य

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इंदिरा गांधी को एक संत ने श्राप दे दिया था |और वो सच हुआ था ! 1966 के समय में एक़ संत थे क्रपात्री जी महाराज। इंद्रा गांधी के लिये उस वकत चुनाव जीतना बहुत मुश्किल था ।क्रपात्री जी महाराज के आशीर्वाद से इंद्रा गांधी चुनाव जीती। इंद्रा ग़ांधी ने उनसे वादा किया था चुनाव जीतने के बाद गाय के सारे कत्ल खाने बंद हो जायेगें ।जो अंग्रेजो के समय से चल रहे हैं ।

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और जैसा की आप जानते हैं । वादे से मुकरना नेहरु परिवार की खानदानी आदत है ।  चुनाव जितने के बाद कृपात्री जी महाराज ने कहा और मेरा काम करो न गाय के सारे कत्ल खाने बंद करो । इंद्रा ग़ांधी ने धोखा दिया । कोई कत्लखाना बंद नहीं किया गया । (तब रोज कि 15000 गाय कत्ल की जाती थी.अब 50000 काटी जाती है . आज तो मनमोहन सिंह ने गाय का मास बेचने वाले देशो भारत को पुरी दुनिया में तीसरे नंबर पर ला दिया है।

खैर तो फ़िर किर्पत्री जी महाराज का धैर्य टूट गया ! क्रपात्री जी ने एक दिन लाखो भगतो के सथ संसद क़ा घिराव कर दिया |और कहा की गाय के कतलखाने बंद होगे इसके लिये बिल पास करो | बिल पास करना तो दूर इंद्रा गांधी ने उन पर भगतो के उपर गोलिया चलवा दी सैंकड़ो गौ सेवको मरे गए ! तब क्र्पात्री जे ने उन्हे श्राप दे दिया की जिस तरह तुमने गौ सेवको पर गोलिया चलवाई है उसी तरह तुम मारी जाओगी और (ये अजीब ही इत्फ़ाक हैं.)जिस दिन इंद्रा गांधी ने गोलिया चलवाई थी उस दिन गोपा अष्टमी थी. (गाय के पूजा का सबसे बड़ा दिन) और जिस दिन इंद्रा गांधी को गोली मरी गई उस दिन भी गोपा अष्टमी थी !

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