सिर्फ 2 बूंद से मोतियाबिंद, चश्मा, कान में दर्द, कान में मवाद जड़ से ख़त्म

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राजीव जी कहते हैं कि अगर गाय रखनी है तो देसी रखिये नही तो मत रखिये क्यूंकि देसी गाय का ही मूत्र और दूध ही औषधिये गुणवान होते हैं और कोई दूसरी गाय के नही.

अब आप कहेंगे कि देसी गाय का दूध कम होता है तो भगवन ने इस देश में बहुत बड़ा बैलेंस बनाया है ज्यादा दूध की गाय भी है और कम दूध की भी और दोनों अपनी अपनी जगह उपयोगी है जैसे जो गाय कम दूध देती है उसके बछड़े बहुत मजबूत होती है और जो गाय बहुत ज्यादा दूध देती हैं उनके बछड़े कुछ कमजोर होते है तो कम दूध देने वाली गाय बछड़ों के लिए है और जो ज्यादा दूध देती है वो हम लोगों के लिए.

इस देश में ऐसी भी गाय हैं जो 65 लीटर दूध देती हैं जो की 1 लाख रूपए तक की है किसी भी गाडी से महंगी नही है, ये गाय ज्यादातर हरियाणा और पंजाब में मिलती है, उन गायों को गन्ने का ऊपरी भाग बहुत पसंद है, ये खिलाएंगे तो दूध बढता चला जाता है. ऐसी भी गाय है जो 1 लीटर दूध देती है तो आप उस गाय का तिरिस्कार न करें क्यूंकि उनके बछड़े ही बड़े होकर मजबूत बैल बनते हैं और ये नही है कि बैल की जरुरत नही पड़ेगी क्योंकि जब तेल 100 रूपए लीटर हो जायेगा तो ट्रेक्टर क्या चलाएगा किसान. खर्च बहुत बढ़ जायेगा

देसी गाय का जो बछड़ा बैल बनता है वो कम से कम 3 टन तक माल खिंच सकता है बिना रुके और जो ज्यादा दूध देने वाली गाय है उसका बचदा 3 टन माल तो लेके जायेगा लेकिन वह रस्ते में 3 जगह रुकेगा और जो कम दूध वाली गाय है उसके बचदा दौड़ता बहुत तेज है गोदा भी मुकाबला नही कर सकता. आप कहेंगे कि रखेंगे कहाँ तो जब विदेशी कंपनियां बाहर से आकर ट्रेक्टर और अन्य मशीनो के लिए जगह खरीद सकती है तो आप क्यूँ नी खरीद सकते इनके लिए जगह.

अगर आप एक गाय पलते हैं तो साल की उसकी इनकम 2 लाख रूपए है और लागत सिर्फ 20 हजार, 20 हजार का खाएगी और 2 लाख की इनकम दूध, दही और घी के रूप में, माखन के रूप में, गोमूत्र के रूप में और गोबर के रूप में और जो गाय बूढी हो गयी दूध देना बंद कर गयी तो भी इनकम सवा एक लाख होगी.

तो इनपुट कम है और आउटपुट ज्यादा है अगर गाय के दूध का बिज़नस भी आज शुरू करें तो मतलब दूध का, दही का, मख्खन का, तो कुछ सालों बाद सरकार आपको बोलेगी कि जगह जगह गोबर गैस प्लांट लगाओ सिलेंडर भरो और गाड़ियाँ चलाओ क्योंकि डीजल और पेट्रोल बहुत महंगा हो रहा है. और अगर आप दूध पियोगे तो गाय की संख्या बढेगी मूत्र बेचोगे दवा के लिए तो भी गाय बढ़ेगी, गोबर बेचोगे खाद के लिए तो भी गाय बढेगी तो इन तरीकों से आप गायों को बचा सकते हैं और गायों की सख्या बढेगी.

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गौ मूत्र के लाभ

गाय के दूध के फायदे तो अपने बहुत सुने होंगे की वह पोषक के साथ साथ एक औश्दिये गुण से भरपूर है लेकिन क्या आप जानते हैं कि दूध तो एक बोनस के रूप में है सबसे असरदार चीज तो गौमूत्र है जिसकी बराबरी कोई अन्य औषधि नही कर सकती.

वागभट्ट जी कहते हैं आँख का कोई भी रोग सभी कफ के रोग है जैसे मोतियाबिंद, ग्लूकोमा और रेटिनल डीटेचमेंट जिसका तो दुनिया में कोई भी इलाज है ही नही ऑपरेशन भी नही है उसका हो भी तो सफल नही है अगर अमेरिका भी चले जायें इलाज के लिए तो डॉक्टर भी कहेंगे ओप्रतिओं तो कर देंगे लेकिन विज़न आने की कोई गारंटी नही है, और आँखों का लाल होना आँखों से पानी आना आँखों में जलन होना तो ऐसी छोटी से लेकर बड़ी बीमारी ये सभी गौमूत्र से ठीक होती हैं

और कंट्रोल नही क्योर(cure) होती है जड़ से खत्म होती है बस करना इतना ही है कि देसी गाय का मूत्र कपडे से छानकर एक एक बूँद आँख में डालनी है सवा 1 महीने में चश्मे का नंबर बदल जायेगा और 3 महीने में चश्मा उतर जायेगा ग्लूकोमा 4 सवा 4 महीने में बिलकुल ठीक होता है केटरेक्ट अगर ठीक करना हो तो 6 महीने में ठीक हो जायेगा और रेटिनल डीटेचमेंट अगर ठीक करना हो तो 1 साल से डेढ़ साल तक लगता है लेकिन लगातार डालते रहिये 1-1 बूँद गौमूत्र डालते रहिये.

बच्चों के अगर कान बह रहे हैं कान से अगर मवाद निकल रहा है तो 2 या 3 दिन 1-1 बूँद सुबह शाम डाल दीजिये मवाद निकलना बंद हो जायेगा.

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