ऐसे बनता है चीन में खाने पीने का सामान
चीन विश्व का एक ऐसा देश है जहां सभी वस्तुए बहुत आसानी से और बहुत काम दाम पर उपलब्ध हो जाती है चाहे इलेक्ट्रोनिक हो या फिर खाद्य सामग्री। लेकिन ये बात भी सभी जानते हैं कि चाइना में बनी कोई भी वस्तु किस क्वालिटी की होती हैं। पर क्या आप जानते हैं जिस तरह वह बाकि वस्तुओं को बनाते समय घटिया सामान का इस्तेमाल करते हैं। उसी तरह जब चीन में कुछ खाने की सामग्री बनाई जाती है तो उसमें भी केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। यह खाने पीने का सामान ऑनलाइन बेचा जाता है। आज हम आपको चीन की कुछ ऐसी ही खाद्य सामग्री के बारे में बताएंगे जो चीन केमिकल के जरिए बनाता है।
1. ऐसे बनाता है फेक एग्स
ये अंडे alginic acid, पोटेशियम फिटकिरी, जिलेटिन, कैल्शियम क्लोराइड, पानी और कृत्रिम रंग से बनाए जाते हैं। अंडे के छिलके को जिसे हम एग शैल कहते हैं, उसे कैल्शियम कार्बोनेट से बनाते हैं। इन अंडों के सेवन से व्यक्ति को पागलपन के दौरे पड़ सकते हैं।
2. इस मांस को खाने से होगा केंसर
चीन में मांस बनाने के लिए भी कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। चीन में सुअर (पॉर्क) के मांस को गाय के मांस जैसा बनाने के लिए सुअर के मांस को एक बहुत ही खतरनाक केमिकल में 90 मिनट तक डाल कर रखते हैं जिसके बाद इसक टेस्ट बिलकुल गाय के मांस जैसा हो जाता है। इसे बनाने की पीछ की वजह यह है कि चीन में पॉर्क यानी सुअर का मांस बहुत सस्ता है और गाय का महंगा। इसलिए ज्यादा प्राफिट हासिल करने के लिए ये तरीका अपनाया गया। डॉक्टरों का मानना है कि यदि इस मांस को खाया जाए तो यह जहर का काम करता है और इसका सेवन करने वाले लोगों को केंसर जैसी भयंकर बीमारिया भी हो सकती हैं।
3. मिट्टी से बनाई जीत है काली मिर्च
यहां काली मिर्च को मिट्टी से तैयार किया जाता है जिसे खाने से हर तरह का गैस्ट्रिक इंफेक्शन हो सकता है।
4. बनाए जाते हैं प्लास्टिक राइस
प्लास्टिक राइस को बनाने के लिये आलू, शकरकंद और प्लास्टिक का प्रयोग किया जाता है। जो इसे असली चावल का आकार देने में सहायक होता है। इसे खाने से पहले तो पेट की बीमारियां होंगी और अगर नियमित तौर पर खाया गया तो, कैंसर भी हो सकता है।
5. प्लास्टिक और पेंट से बनती है पत्ता गोभी
इस पत्तागोभी को देख कर आप पता ही नहीं लगा पाएंगे कि यह अलग अलग रंगों, प्लास्टिक और केमिकल से तैयार की हुई है।
6. नकली मटर बनती है
चीन में नकली मटर भी बनाई जाती है। यह मामला 2005 का है जब करीब आधे घंटे तक पकाने के बाद भी मटर नहीं पकी और और इसका पानी पूरी तरह से हरा हो गया। इसमें से गंध भी आती है।
ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए पहुंचती है
यह सारी खााने पीने की चीजें भारत और अन्य देशों में ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए बेची जा रही हैं।