बंद कर दे चीनी का प्रयोग क्योकि ये आपके शरीर को बिमारी का घर बना रही है

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जहर से जिसका नाम है सल्फर. सल्फर को सरल भाषा मे समझाता हू सल्फर का मतलब होता है गंधक. गंधक का मतलब होता है दीवाली पर चलने वाले पटाखों, का मसाला. बच्चे जो दीवाली पे पटाखे चलाते है, फुलझड़ी चलाते है, बम चलते है, अनार चलाते है, ये सभी चीजे गंधक से बनते है और इसी गंधक से चीनी बनती है बिना गंधक के चीनी नही बनती.

जब आप ये चीनी खाते हो तो ये गंधक चीनी बहुत खराब चीज है चीनी की खराबी जानते है क्योकि चीनी बनती एक ऐसे आपके पेट मे जाती है और ये जो गधक है ये खून मे जमा हो जाती है और गंधक ऐसी खतरनाक रसायन है जो जम तो जाती है लेकिन शरीर से निकल नहीं पाती. हमारे शरीर मे कई बार ऐसा होता है कि हम कुछ गलत खा ले वो बाहर निकल जाता है या तो पेशाब के रस्ते निकलता है या तो पसीने के साथ निकलता है या तो मल के साथ निकल जाता है तो भगवान ने शरीर मे ऐसी व्यवस्था बनाई है

बहुत सारी गंदगी हमारी ऐसी है ये किसी से बाहर नही निकलती, न पेशाब के रास्ते निकलती है, न मल मे निकलती है, न पसीने मे बाहर निकलती है. और हम ये जो चीनी खाते रहते है ये अंदर खून मे जमा होती रहती है क्यूंकि जो भी गंदगी जमा होती है खून मे ही जमा होती है और फिर खून धीरे धीरे इस गंदगी के कारण खराब होना शुरू हो जाता है और सल्फर से जब खून खराब होता है तो सबसे पहले खून मे कोलेस्ट्रोल बढ़ता है. कोलेस्ट्रोल बढेगा तो आपको मोटापा आएगा, आपको हाई बीपी हो जाएगा, ब्रेन हेमरेंज हो सकता है, पेरालिसिस हो सकता है.

ये जो कोलेस्ट्रोल है न ये 103 बीमारियाँ पैदा कर देता है इसलिए चीनी बहुत खराब चीज है. डायबिटीज के रोगी तो कभी भी चीनी न खाए क्यूंकि जहर तो जहर ही है आज नही तो आपको कल आपको बिमारी हो ही जायगी. मेरा सबसे निवेदन है कि चीनी को कोई मत खाए. अब आप पूछेंगे की क्या खाए. आप  गुड खाओ वो चीनी से अच्छा है. गुड और चीनी मे क्या क्या अंतर है ये मैं समझाता हूँ.. हम जो कुछ भी खाते है वो फायदा देती है. कोई चीज ऐसी है जिससे आपके शरीर को कैल्शियम मिलता है, कोई चीज ऐसी है जिससे फोस्फोरेस मिलता है, कोई चीज ऐसी है जिससे मैगनीसियम मिलता है, कई चीज़े ऐसी है जिससे पोटेशीयम मिलता है, ऐसे 18 तत्व होते है हर चीज से कुछ न कुछ मिलता ही है. किसी से विटामिन मिलता है किसी से प्रोटीन मिलते है. लेकिन आपको एक जानकारी दे दूँ कि चीनी से कुछ नही मिलता.

चीनी एक अकेली ऐसी चीज है जिसे खाने से कुछ नहीं मिलता. न कैल्शियम, न आयरन, न फॉस्फोरस, न मैगनीसियम जो मिलता है वो सल्फर है और सल्फर जहर है चीनी में जो मिठास मीठापन है इसको विज्ञानं की भाषा मे कहते है सुक्रोश और ये सुक्रोश वो मिठाई है जो कभी भी हजम नहीं हो सकती. यहाँ तक की जानवरों को भी सुक्रोस हज़म नही होती. ये ऐसी मिठाई है जो खा तो लोगे मीठापन लगेगा लेकिन हजम नही होगी. हजम होने का मतलब कोई भी चीज जब हजम होती है तो वो हमे खून देती है, खून बढ़ाती है. चीनी के हजम होने की कोई सम्भावना नहीं होती क्यूंकि इसमें जो सल्फर है वो इसे हजम नहीं होंने देता. अब दो बाते हमेशा याद रखना कोई चीज जब हजम होती है तो खून बढाती है और जब वो चीज हजम नही होती तो कोलेस्ट्रोल बढाती है कोलेस्ट्रोल मतलब जो कचरा कीचड़ गंदगी कुछ भी खाओगे तो कचरा बढेगा.

अब गुड की बात करते है, गुड मे वो सब चीज है जो हमारे शरीर को फायदा देती है गुड मे कैल्शियम है, गुड मे आयरन है, गुड मे फॉस्फोरस है, गुड मे मैगनीसियम है, गुड मे मैग्नीस है, गुड मे सोडियम है, गुड मे पोटासियम है, हमे जो चहिये वो सब गुड मे है और चीनी मे कुछ नही होता. अब आप बोलेंगे ये चक्कर क्या है चीनी भी गन्ने के रस से बनती है और गुड भी गन्ने के रस से बनता है. बनते तो दोनों एक ही चीज से है लेकिन चीनी मे कुछ नहीं है और गुड मे सब कुछ. ये चक्कर ऐसा है कि जब चीनी बनाई जाती है तो उसके बनाने मे वो सब चीजे जो गन्ने मे है वो निकाल दी जाती है चीनी बनाने की क्रिया इतनी खराब है कि उसमे हर अच्छी चीज निकाल दी जाती है. चीनी बनाने के चक्कर मे ये सब बरबाद हो जाता है क्यूंकि चीनी बनाने मे 23 तरह के केमिकल डाले जाते है वो केमिकल इनको खत्म कर देते है लेकिन गुड बनाने मे कुछ नही होता गुड बनाने मे गन्ने के रस को गर्म करते है और गर्म करते करते गुड बन जाता है. ज्यादा से ज्यादा इतना करते है की गुड बनाते समय थोडा दूध डाल देते है उसमे ताकि उसकी सफाई हो जाये और कुछ किसानो को राजीव भाई ने देखा वो भिंडी का रस डाल देते है. भिंडी भी कोई खराब चीज नहीं है उसे हम खाते है सब्जी के रूप मे.

गुड बनाने मे कोई ऐसी खराब चीज  नही मिलाई जाती इसलिए गुड मे हर चीज है और चीनी मे खतरनाक 23 केमिकल मिलाते है इसलिए चीनी जहर है और गुड अमृत है गुड खाओ चीनी बंद कर दो और किसी भी चीज मे चीनी मत खाओ. चाय पीनी है गुड की पियो, दूध पीना है गुड से पियो, दही खानी है गुड की खाओ, मीठा पीना है छाछ पीनी है गुड से हलवा बनाना है, गुड का बनाओ खीर बनानी है गुड की बनाओ कल मैंने गुड की खीर खाई बहुत स्वादिष्ट थी  कल रात बिलासपुर मे एक प्रोफेसर साहब के घर मे ठहरा उन्होंने गुड की खीर खिलाई बहुत स्वादिष्ट थी. चीनी तो कुछ नही उसके सामने. क्या आप गुड से खीर बना सकते हो, क्यों नही बना सकते ये जो हलवा बनता है, लड्डू बनते है, पेडा बनता है, बर्फी बनती है, कुछ भी बनता है गुड का

आपको एक पुराणी बात याद दिलाता हु कि हम तो हजारो साल से गुड ही खाते रहे. ये चीनी तो कब आयी जब अंग्रेज आये भारत मे अंग्रेज आये उन्होंने अपनी सरकार बनाई और अंग्रेजो ने एक चीनी मिल लगाई सबसे पहले सन 1868 मे और चीनी मिल में चीनी बनाई. फिर अंग्रेजो की नकल कर कर के हमने खाना शुरू कर दिया तब से बीमारी लग गयी. इस देश में मैंने चीनी का बहुत रिसर्च किया है और मैंने उस रिसर्च में यह देखा कि जब तक भारत में कोई चीनी नहीं खाता था किसी को डायबिटीज नहीं थी, किसी को हाई ब्लड प्रेशर नहीं था, किसी को लकवा नहीं मारता था, ब्रेन हेमरेज नहीं होता था, पैरालिसिस नहीं होता था, जब तक चीनी नहीं थी, और जैसे ही इस देश में चीनी घुसी बस सारी गड़बड़ी शुरू हो गई.

तो आप इसे अपने घर से निकाल दो और इसके स्थान पर गुड खाओ और एक छोटी सी बात मुझे समझानी है आप हिंदुस्तान की कोई भी चीनी मिल को देखोगे कोई ना कोई भ्रष्ट हरामी नेता की होगी राजीव भाई पूरे देश में घूम चुके थे उस वक़्त तक भारत में  420 चीनी मील थी. पूरे देश में सब देखी है मैंने और वह सब बेईमान नेताओ की है कुछ महाराष्ट्र के नेता हैं उनकी है, कुछ कर्नाटक के, कुछ आंध्र प्रदेश, के कुछ तमिलनाडु के, कुछ उत्तर प्रदेश, के तो यह बात समझ ले कि हम चीनी खरीद रहे हैं तो हमारे सारे पैसे कमीने और बेईमानों के घर जा रहे हैं वो बोइमानी कर रहे हैं और देश को लूट रहे हैं और यह बेईमान पैसे वाले हो रहे हैं तो चीनी मत खरीदो.

इसकी जगह गुड खरीदों पर अब गुड कौन बनाता है गरीब किसान बनाते हैं तो आपने कोई गुड खरीदा तो वह पैसा किसी गरीब किसान के घर जाएगा और उसकी गरीबी मिटाएगा और चीनी खरीदी तो भ्रष्ट और हरामी नेता के घर जाएगा तो अब आप सोचो कहां भेजना है. मेरी बात मानो गरीबों को दे दो किसानों को दे दो उनको जरूरत है आपके पैसों की और मैंने देखा जो यह भ्रष्ट नेता चीनी मिल चलाते हैं किसानों का बहुत शोषण करते हैं. 3-3  साल किसानों का पेमेंट नहीं करते, गन्ना ले लिया जबरदस्ती चीनी बना ली और बेच दी और पैसे नहीं देते कहते 3 साल बाद मिलेंगे 4 साल बाद मिलेंगे.

फिर किसानों को आंदोलन करने पड़ते हैं सड़क जाम करते हैं, रास्ता जाम करते हैं, पुलिस की गोली चलती है, किसान मरते है. यह रोज तमाशा होता है तो एक तो किसानों का शोषण बहुत होता हैं. यह चीनी के चक्कर में और शोषण पता है दो तरह का एक तो किसानों का गन्ना बहुत सस्ता बिकता है यह चीनी तो बहुत महंगी बिकती है गन्ना बहुत सस्ता ले लेते हैं. हमारा शरीर भी खराब हो रहा है नेताओं के पास बैठे बेईमानी के  पैसा इकट्ठे हो रहे हैं किसानों का शोषण हो रहा है तो मैं सोचता हूं कि एक मात्र इसका समाधान है कि चीनी हटा दो पैसे नहीं जाएंगे नेताओं के पास में और गुड खरीदें तो सारे पैसे किसानों को मिलेंगे.

मैंने इसका हिसाब निकाल कर देखा कि एक साल में हम कितनी चीनी खाते हैं और अगर इतना ही गुड खाएंगे कितने रुपए की चीनी खाते हैं उतने ही रुपए का गुड़ खाने लगे तो 15 करोड़ भारत के किसानों को हमेशा के लिए करोडपति बना सकते है. गुड़ खाऔ और गुड भगवान जी को भी खिलाओ. हां भगवान जी का प्रसाद बनाओ तो चीनी का मत बनाओ पाप लगेगा. गुड का बनाओ. मैंने देखे हैं आजकल भगवान जी को भी चीनी खिलाते हैं खुद तो मरेंगे कि भगवान जी को भी डायबिटीज कराएंगे. तो प्रसाद बनाओ गुड का बनाओ ईश्वर को भी वही खिलाओ जो अच्छा है. तो आज से गुड खाएंगे चीनी बंद करेंगे डायबिटीज सबकी ठीक होनी ही है और गुड खाएंगे तो डायबिटीज होगी ही नहीं

इस विडियो में देखिए चीनी खाने के नुकशान >>