भारतीय स्वदेशी वैज्ञानिकों ने समुद्र के पानी को भी बनाया पीने योग्य

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नई दिल्ली। अब आने वाले समय में भारत के किसी भी शहर या गांव में पीने के पानी की कमी नहीं होगी। अब भारतीय वैज्ञानिको ने भी समुद्र के खारे पानी को पीने योग्य बनाने की तकनीक खोज कर उस पर काम भी शुरू कर दिया है। वर्तमान में समुद्र से कई मिलियन लीटर पानी बनाकर सप्लाई करना शुरू भी हो चुका है।

इस विडियो में देखिए ये सिस्टम कैसे काम करता है >>

यहां बनाया जा रहा समुद्र से पीने का पानी – 
समुद्र के खारे पानी को शुद्ध कर पीने योग्य जल में बदलने का काम तमिलनाडु के कल्पक्कम स्थित पायलट प्लांट में बनाया जा रहा है। इस प्लांट को भाभा अटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क) के वैज्ञानिकों द्वारा स्थापित किया गया है। यहां पर रोजाना 63.3 मिलियन लीटर पीने योग्य पानी बनाकर कुडनकुलम परमाणु रिएक्टर में सप्लाई किया जा रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक समुद्र के पानी से बनाया जा रहा यह जल जमीन से निकलने वाले पानी की तरह की शुद्ध और पीने योग्य है।

इन राज्यों में भी होगा उत्पादन –
बार्क मुंबई के डायरेक्टर केएन व्यास के मुताबिक तमिलनाडु के बाद अब देश अन्य राज्यों में समुद्र के पानी को शुद्ध कर पीने योग्य पानी बनाने के प्लांट लगाए जा रहे हैं। इनमें पश्चिम बंगाल, पंजाब तथा राजस्थान आदि राज्य शामिल है। उन्होंने कहा कि बार्क ने उन सभ्भी तरह की उपब्धियों को हासिल कर लिया है जिनके तहत बहुत ही कम लागत में समुद्र के पानी को धरती से निकलने वाले पानी जैसा बनाया जाता है।

प्रधानमंत्री ने किया विजिट –
प्रधानमंत्री मोदी ने भी भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क) का हाल ही में भ्रमण कर उसका जायजा लिया है। उन्होंने यहां पर उस साइकिल को पेडल लगाकर शुरू किया जो समुद्र के पानी को साफ करने का काम करती है। पेडल लगाए जाने पर इस साइकिल से वाटर प्यूरीफायर को एनर्जी मिलती है और शुरू पानी बनाने लगती है। वैज्ञानिकों ने इस तरह के कई सारे हाउसहोल्ड वाटर प्यूरीफायर बनाए हैं जिन्हें पूरे मेराथवाड़ा में लगाया गया है।

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