देख लीजिए कैसे चर्च के हाथो की कठपुतली थी जय ललिता ! सोनिया गाँधी के साथ मिलकर करती थी काम

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क्या आप जानते है कुछ दिनों से हमारे देश में एक अभियान चल रहा है शंकराचार्य के मठ पर सरकार कब्ज़ा करने जा रही है, कांचीपुरम शंकराचार्य जी के मठ पर सरकार कब्ज़ा करने की पूरी तैयारी कर चुकी है, इसके लिये उनके ऊपर चार्जेस लगाये गए है उनके खिलाफ 2000 पेज की चार्जशीत फाइल की गई है राजीव भाई शंकराचार्य जी के मठ में पिछले 6 साल से जाते थे, और उनकी सभी गतिविधियों में बहुत नजदीक से शामिल थे, शंकराचार्य जी का जो मठ है कांचीपुरम में उसको एक साल में 5000 करोड़ डोनेशन आता है, जी हा 5000 करोड़। एक बार राजीव भाई ने शंकराचार्य जी को पूछा कि इस डोनेशन का ज्यादा कहा पर प्रयोग होता है, तो उन्होंने बताया कि मै इस पैसे का सबसे ज्यादा उन गाँव में प्रयोग करता हूँ जहा पर गरीब हिन्दू इसाई बन गए है। शंकराचार्य जी दक्षिण भारत के गाँव में जो इसाई बने हुए हिन्दू है उनको वापस हिन्दू बनाने में उनका सारा पैसा खर्च होता है। हर साल 5000 करोड़ वो इस काम में खर्च करते है

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राजीव भाई ने एक बार शंकराचार्य जी को कहा कि ये तो बहुत बड़ी रकम है जो आप खर्च कर रहे है तो शंकराचार्य जी ने कहा कि राजीव भाई आपको मालूम है लोगो को इसाई बनाने के लिये हर साल 18000 करोड़ खर्च हो रहा है, मै तो उनको एक तिहाई भी खर्च नहीं कर रहा हूँ।

अब आप सोच रहे होंगे कि वो करते क्या है तो वो गरीब आदिवासी के लिये निशुल्क स्कूल चलाते है, और उन स्कूल में भर्ती होने पर उनको फिर से हिन्दू बनाते है, उनके लिये स्कूल के सभी खर्चे करते है, जैसे किताब, कॉपी, पेन्सिल, खाना पीना, कपडे । फीस भी वही भरते है, रहने के लिये हॉस्टल का खर्च भी शंकराचार्य जी का मठ करता है। और ऐसे उनके करीब 170 स्कूल तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश में चलते है जिनकी संख्या धीरे धीरे वो बढ़ा रहे है। उनके बहुत से हॉस्पिटल चलते है जहा पर गरीब आदिवासियों को निशुल्क चकित्सा दी जाती है ।

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दोस्तों उस वक़्त की कांग्रेस की सरकार चाहती थी कि ये सब बंद हो जाये क्योकि Christian Institutes को ये बर्दास्त नहीं, क्योकि शंकराचार्य जी उनके सामने खड़े है, अब आर-पार की लड़ाई हो रही है Christian Institutions का असर भारत में उसी दिन बढ़ाना शुरू हो गया था जिस दिन सोनिया गाँधी इस देश की सुपर प्राइम मिनिस्टर बनी थी। शंकराचार्य के इन कार्यो को रोकने के लिये तरह तरह से कोशिस चल रही है, एक तो सीधे सीधे उनके ऊपर चार्ज लगाओ और उनको जेल में डालो, चार्ज अप्रूव नहीं हुआ फिर में जेल में डालो। और जिनके ऊपर चार्ज अप्रूव हो गए है उनको केबीनेट मिनिस्टर बनाकर बिठाओ। सिभु सोरेन ने 78 मर्डर किये है, 78 मुसलमानों को झारखण्ड में जिन्दा जला दिया था। सबुत है अपराध सिद्ध हुआ है, चार्ज भी प्रूव हुए है, लेकिन वो आजतक छुटा  हुआ है क्योकि सरकार में मंत्री बनकर बैठा है और अगर सरकार उसे अरेस्ट करे तो केंद्र की सरकार गिरेगी तो सिभु सोरेन को मंत्री बनाओ और उसको सुरक्षा दो, ये सरकार कर रही है और शंकराचार्य जी जिनका अपराध अभी सिद्ध नहीं हुआ उनको जेल में भेजो, और पुरे देश में बदनामी करवाओ और टीवी वालो को भी पैसा देकर कई महीनो तक दिखवा, आजकल चले रहे लगभग सभी चैनल अमरीका या दुसरे देशो के है जिन्होंने 3 महीनो तक शंकराचार्य जी को बदनाम किया। सत्य बिलकुल उसके विपरीत है। शंकराचार्य जी के ऊपर एक भी चार्ज प्रूव नहीं होगा जब मामला सुप्रीम कोर्ट में जायेगा । सुप्रीम कोर्ट ने अभी अभी आर्डर दिया है कि तमिलनाडु में कोई निष्पक्ष न्याय नहीं मिलेगा एसलिये सभी मामले कर्नाटक में भेजे जाए, ये आर्डर आते ही जय ललिता को मिर्ची लग गई और वो परेशान हो गई, क्योकि उसे मालूम है कि किसी और अदालत में ये सिद्ध नहीं होगा। एक दिन सुप्रीम कोर्ट में शंकराचार्य जी का बेल एप्लीकेशन गया और उसी दिन स्वीकार हो गया और हाई कोर्ट ने बेल एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दी थी क्योकि हाई कोर्ट जय ललिता के कण्ट्रोल में है, जय ललिता सोनिया गाँधी के कण्ट्रोल में है और सोनिया गाँधी चर्च के कण्ट्रोल में है। भाई राजीव दीक्षित जी का ये व्याख्यान कांग्रेस सरकार के समय का है इस केस में शंकराचार्य जी पर कोई चर्ज प्रूव नहीं हुआ।

10 साल कैद के बाद कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि शंकराचार्य जी पर प्रथम दृष्टया मामला बनता ही नहीं था. प्रश्न वहीं है 10 साल 10 साल क्यों लगा और इसकी भरपाई कैसे हो पाएगी.

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