अब तक का सबसे बड़ा घोटाला जो पिछले 20 साल से चल रहा है ! इसपर सब मोन क्यों है ?

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हमारे देश में पिछले 20 सालो से एक लूट चल रही है जिसपर किसी की नजर भी नहीं जा रही, हुआ क्या है की 20 सालो से एक निति चल पड़ी है Globalization, Liberalization, और हमारा ये मानना है कि इस निति का नाम है लूट की खुली छुट | इसमे ये हो रहा है कि भारत की बेश कीमती ज़मीन विदेशी कंपनियों को कोडी के भाव में बेचीं जा रही है, अकेले उड़ीसा में एक फोस्को नाम की कोरियाई कम्पनी को 55,000 हेक्टेयर ज़मीन कोडियों के भाव बेच दी और उस ज़मीन में “आयरन ओर” का भरपूर खजाना छुपा हुआ है, आपको एक बात पता होनी चाहिए कि उड़ीसा अकेले राज्य का “आयरन ओर” पुरे एशिया के कुल “आयरन ओर” का एक तिहाई है, ये खनिजो से भरी हुई धरती विदेशियों को कोडी के भाव दी जा रही है, ये पूरा लूट का तंत्र है

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ऐसी ही एक दूसरी कम्पनी है स्टर लाइट उनको 70-75 हजार हेक्टर ज़मीन बेच दी | ये ज़मीन ऐसे बेच रहे है जैसे इनके माता पिता छोड़कर गए हो, और दूसरी तरफ किसान जो अपनी ज़मीन बचा रहे है उनको लाठियां मारी जा रही है और गोलियां चलाई जा रही है जिससे वो मर रहे है जो ये ज़मीन बेचने का तंत्र शुरू हुआ है ये भारत में उड़ीसा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, कर्णाटक, तमिलनाडु कुल मिलकर भारत के 17 राज्यों में पिछले 20 साल से चल रहा है और पता नहीं कितनी ज़मीन बेच दी है जिनका कोई हिसाब किताब नहीं है

अब देश की अदालतों में मुक़दमे चल रहे है लोग अपनी ज़मीने बचाने के लिये लड़ रहे है और अगर वो ना लड़े तो ये पता नहीं क्या क्या कर देंगे| और दुर्भाग्य से इसको देश का विकास कहा जा रहा है. हमारी समझ में ये नहीं आता कि जब उड़ीसा में कच्चा लोहा निकलता है अगर उससे स्टील बनाकर  पूरी दुनिए के बाज़ार में बेचे तो वो अच्छा है या कच्चे लोहे को ही बेचे पूरी दुनिया में वो अच्छा है | दुनिया में भारत के आलावा ore (कच्चा माल) कोई नहीं बेचता सब फिनिश प्रोडक्ट बनाकर बेचते है| हमारे नेताओ को इतनी भी समझ नहीं है कि कच्चा लोहा ना बेचकर उससे स्टील बनाओ ताकि यह के नोजवानो को रोजगार और देश को मुनाफा मिले

भारत आयरन ओर 25 पैसे प्रति एक किलोग्राम के हिसाब से बेचता है और भारत की सरकार फिर दुसरे देशो से स्टील खरीदती है जिसका भाव 50 रूपये किलो होता है हमारा कच्चा लोहा तो बेचा जाता है 25P/Kg लेकिन उसी से बनाया गया स्टील खरीदते है 50 /Kg. यही स्टील भारत में 12 रूपये किलो बनता है जो हमने कॉमनवेल्थ खेलो के दौरान चीन से 50 रूपये किलो ख़रीदा.  भारत में बहुत सी इंडस्ट्रीज है जो स्टेल बनती है और उसे 12 रूपये किलो बेचती है लेकिन भारत की सरकार अन्य देशो से वही स्टील 50 के भाव से ले रही है जब ये कच्चा लोहा बेचते है उसमे घोटाला करते है और जब स्टील लेकर आते है उसमे भी घोटाला करते है, ये काम रोज होता है, करोड़ो टन हमारा स्टील ऐसे ही 20 सालो से बिक रहा है… जिस दिन ये घोटाले खुलेंगे आप यकीन नहीं करेंगे की हमारे नेता इतने गद्दार और बईमान हो सकते है

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