देखिए सेना के पास कैसी बुलेट प्रूफ जैकेट है जिसका होना या ना होना बराबर है

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एक और छोटी सी बात आपके ध्यान में लाना चाहता हूं अभी थोड़े दिन पहले हमारे यहां बम्बई पर अटैक हुआ माफ करिए मुंबई पर अटैक हुआ और 200 लोग हमारे मार दिए पाकिस्तानी आंतकवादियों ने और हमारे जांबाज पुलिस अधिकारी भी मारे गए उसमें 14 पुलिस अधिकारी जिनके नाम आप सभी जानते हैं हेमंत करकरे और सभी लोग यह सारे लोग मारे गए कारण क्या था बुलेटप्रुफ जो जैकेट थी उनकी घटिया थी नकली थी उसमे से गोली पार गई और वह सब मारे गए हिंदुस्तान के आर्मी के सारे सारे के सारे जवानों के पास ऐसी ही बुलेट प्रूफ जैकेट है  जो हेमंत करकरे के पास थी हमारे देश के जवानों के बारे में अभी थोड़े दिन पहले से मैं कुछ अध्यन करना शुरू किया तो पता चला कि पाकिस्तान की सेना से आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ करते हुए अब तक इस देश के 56 हजार से ज्यादा जवानों ने शहीदी प्राप्त की है या अपनी कुर्बानी दी है उनमें से 70% सिर्फ इसलिए मारे गए कि सबके पास घटिया बुलेट प्रूफ जैकेट है गोली उसमें से पार जाती है रुकती नहीं है

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और उससे भी ज्यादा दुख और दर्द की कहानी है कि हिंदुस्तान की सीमा पर एक एक इंच जमीन की रक्षा करने के लिए जो जवान अपने प्राणों की बाजी लगा रहे हैं आपको मालूम है हमारे देश की सीमा के जवान ऐसे इलाके में तैनात है जहां तापमान -40 डिग्री सेंटीग्रेड होता है  -30 -40 -45  जहां पर पूरे शरीर का खून जमा हो जाता है वहां एक एक जवान 24 24 घंटे ड्यूटी दे रहा है उन जवानों के पास रात में देखने के लिए उपकरण नहीं है वह अपनी आंखों से देखते हैं उनको हमारी सरकार अभी तक उपकरण मौजूद नहीं करवा पाई उपलब्ध नहीं करवा पाई है और लड़ने के लिए उनके पास जो राइफलें हैं वह बाबा आदम के जमाने की है 30 साल पुरानी 40 साल पुरानी आंतकवादी आते हैं तो AK-47 लेकर आते हैं AK-56 लेके आते हैं KALASHNIKOV लेकर आते हैं  जिसमें एक बार ट्रिगेर दबाया तो 56 गोलियां निकलती है कुछ सेकंड में और हमारे सेना के जवानों के पास जो राइफलें हैं वह ऐसी हैं जिनमें एक ट्रिगर दबाओ तो एक या दो या तीन गोली निकलती है एक-दो सेकंड में तो जवान ज्यादा हताहत होते हैं और आंतकवादी कम मारे जाते हैं पिछले 20 सालों से यह सिलसिला चल रहा है

सरकार उनको जैकेट उपलब्ध नहीं करा पा रही है राइफलें अत्याधुनिक नहीं दे पा रही है रात में देखने लायक उपकरण नहीं है हमारे जवानों के पास इस स्थिति में हमारे जवान काम कर रहे हैं और दुख और दर्द मुझे इस बात का है इन जवानों को कंट्रोल करने वाली जो डिफेंस मिनिस्ट्री है उसमे डिफेंस का एक भी आदमी नहीं है ताली मत बजाइए इसमें

हमारे हिंदुस्तान के 14 लाख जवानों को कंट्रोल करने वाली जो डिफेंस मिनिस्ट्री है उस डिफेंस मिनिस्ट्री में चपरासी से लेकर मनिस्टर तक एक भी डिफेंस का आदमी नहीं है सारे लोग सिविलियन है जो डिफेंस मिनिस्ट्री चला रहे हैं अब सिविलियन आदमी से आप डिफेंस मिनिस्ट्री चलवा रहे हैं जिसको पता ही नहीं है कि AK-47 में और 30 साल पुरानी राइफल में क्या अंतर है जवानों की मौत हो ऐसी ही बेदर्दी से हो रही है.

और चूँकि कोई दूसरा लाल बहादुर शास्त्री इस देश में अभी तक नहीं आया है आ गया होता तो इस देश का नक्शा उन्होंने बदल दिया होता जय जवान जय किसान का नारा उन्होंने दिया था तब उन्होंने कहा था कि इस देश की अगर रक्षा करनी है तो दो समूहों के रक्षा पहले करो किसानों की और जवानों की किसान अगर पेट से भूखा रहा और खेत में अन पैदा नहीं हुआ तो सारा देश भीख मांगेगा दूसरों के सामने और जवान अगर सुस्त हो गया और पूरी तरह से लैस नहीं हुआ हत्यारों से तो यह देश सुरक्षित नहीं रहेगा तब उन्होंने नारा दिया था जय जवान जय किसान का और पहली बार हिंदुस्तान में एक प्रधानमंत्री ने जवानों की तनखा बढाई थी अधिकारियों की तुलना में में कई गुना दुबारा कोई आया नहीं लाल बहादुर शास्त्री जैसा दूसरा प्रधानमंत्री जवानों के दुख दर्द पर किसी का ध्यान नहीं और देश की सुरक्षा पूरी तरह से खतरे में है तो मेरा आप सब लोगों से बीच में यह सब बातें लाने का एक ही मकसद है कि क्या हम सब मिलकर इन छोटी-छोटी बातों पर कुछ प्रयास करके कुछ स्पेस अपना बड़ा करके कुछ पब्लिक देश की सुरक्षा का मुद्दा उठाकर देश के स्वाभिमान का मुद्दा उठाकर देश की धन-संपदा के लूटने का मुद्दा उठाकर पूरे देश में कोई ऐसी व्यवस्था ला सकते हैं

जिसका उदाहरण मैंने मेरे व्याख्यान के शुरू में दिया कि आपके बीच में से एक भाई निकले एम सी मेहता और उन्होंने पूरी दिल्ली और देश के लिए नई दिशा दे दी दूसरा कोई हमारे बीच में से कोई एम सी मेहता निकले जो इन मुद्दों पर देश की नई दिशा दे सके तो बहुत सार्थक होगा हम सबका भारत स्वाभिमान के साथ जोड़ना इतना ही मैं आपसे कहना चाहता हूं आपके ध्यान में यह सब बातें लाना है और इन सबके अलावा भी बहुत सारी बातें हैं कभी समय मिला तो वह भी शेयर करुंगा लेकिन इन छोटी-छोटी बातों पर कहीं 1 2 3 10 20 50 समूह काम करना शुरू करदे आपके आसपास देखे कौन से ऐसे मुद्दे हैं जिन पर आप कर सकते हैं और कोर्ट में दिया हुए स्पेस का इस्तेमाल करके इन सब चीजों पर कोई अच्छा समाधान ढूंढ सकते हैं इसी व्यवस्था में रहते हुए तो आप सब करें हम सब एक साथ मिलकर करेंगे जरुर हमें सफलता मिलेगी भगवान हमें जरुर शक्ति देते हैं

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