कुछ नहीं तो इस किसान की ही नकल कर लो, महीने के 70 हजार रूपए तो कमा ही लोगे

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स्कूल के दौर में अक्सर आपने टीचर और स्टूडेंट्स को कहते सुना होगा कि नकल के लिए भी अकल की जरूरत होती है। यही बात देश के हर उस किसान पर लागू होती है जो अपने खेत में साल में सिर्फ 1 या बहुत ज्यादा 2 ही फसल लेता है। 4 मौसम में एक साल में एक ही खेत से जब 4 फसलें ली जा सकती है तो क्यों फिर किसान 4 फसलें या फिर कम से कम 3 फसलें नहीं लेते।

इसी बात की अहमियत को हरियाणा के एक किसान ने बखूबी समझा और कर लिया हर महीने 70 से 80 हजार रूपए महीने की कमाई का अच्छा इंतजाम। गांव में 70-80 हजार रूपए शहर में 4 लाख रूपए महीने की कमाई के बराबर ही है।

जैविक तरीके से खेती करके हरियाणा के किसान लाखों कमा रहे है। ऐसा ही एक नाम के सिवानी कालोद गांव के किसान जगत सिंह का। जगत सिंह सालाना 8 लाख रूपए से ज्यादा कमा लेते हैं। ये मुमकिन इसलिए हुआ क्योंकि वो साल में परंपरागत 1 या 2 फसलें नहीं लेते बल्कि 4 फसल लेते हैं। इससे उन्हें लाखों का मुनाफा भी होता है। जगत सिंह ने जैविक खेती के सही तरीके और खेती में नई तकनीक का इस्तेमाल सीखने के लिए पहले तो हरियाणा के अलग अलग कृषि संस्थानों से पढ़ाई की। फिर पढ़ाई और अनुभव से वो साल में 4 फसले लेने लगे। नतीजा, हर फसल पर प्रति 3 एकड़ वो 2 लाख रूपए बुरे से बुरी स्थिति में भी कमा लेते हैं। जगत सिंह की देखादेखी अब गांव के बाकी कई और किसान भी इसी राह पर चल पड़े हैं।

कैसे लेते है साल में 4 फसल ?
1. जगत सिंह के पास तीन एकड़ खेत में किन्नू के बाग लगे हुए हैं। जिससे उनको साल दर साल कमाई होती रहती है।
2. तीन एकड़ जमीन में मई से नवंबर तक घीया की फसल लेते है।
3. फिर नवंबर से जनवरी तक आलू की खेती की जाती है।
4. इसके बाद फरवरी से अप्रैल में तरबूज की फसल लेकर वो मोटा मुनाफा कमाते हैं।

एक फसल के तुरंत बाद दूसरी फसल लेने के क्या फायदें होते हैं
1. खेत को खाली ही पड़ा है। उसको किराए पर देकर भी कुछ खास कमाया नहीं जा सकता। ऐसे में एक ही खेत पर 3-4 फसलें करके जबरदस्त कमाई होती है।
2. एक के बाद दूसरी फसल करने से खेत की मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है।
3. तरह तरह के फसल करने से मिट्टी की नमी बनी रहती है और उत्पादन क्षमता बढ़ाने वाले किटाणु हमेशा आपके खेत में रहते हैं। खाली खेत से किटाणु या तो मर जाते हैं या फिर भाग जाते हैं।

कैसै जैविक खाद से मिलती है मदद ?
पेस्टिसाइड्स की जगह अगर आप जैविक खाद का इस्तमाल करते है तो ना सिर्फ आपकी फसल की गुणवत्ता बढेगी जमीन की मिट्टी की नमी भी बनी रहेगी।
जगतसिंह अपने खेतों में जैविक खाद का इस्तमाल करते है। इसके अलावा वो कृषि विभाग की बायो गैस प्लांट का उपयोग भी करते है। उन्होंने अपने घर में बायो गैस प्लांट लगाया है। जिसके बाद से उन्हें कभी घर के लिए गैस नहीं खरीदनी पड़ी। घर में भी वो गोबर गैस प्लांट से निकलने वाली गैस का ही इस्तमाल करते है। इसके अलावा गोबर गैस प्लांट से निकलने वाले बेकार गोबर से वो वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार करते है। जो अंत में खेत में जाकर वो फसल का उत्पादन बढ़ा लेते हैं।

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