किसान की सफलता की कहानी – अब बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद से होगा एग्रीमेंट

8735

आज जहां खेती के मायने बदलते जा रहे हैं, वहीं एलोवेरा की खेती अपने आप में एक मिसाल बन चुकी है। बहुत ही कम खर्च से किसान लाखों कमा सकते हैं। इसी तरह जींद में भी एक किसान के दिन बदलने वाले हैं। आने वाले समय में आप योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड (Patanjali Ayurveda Limited) का जो भी एलोवेरा प्रोडक्ट (Aloevera Product) खरीदेंगे, उसके लिए एलोवेरा उनके खेत से सप्लाई होगा।

साढ़े 8 एकड़ जमीन पट्‌टे पर लेकर लगाया एलोवेरा…
– जींद जिले के गांव अशरफगढ़ के सोनू पांचाल 12वीं पास हैं। उन्होंने गांव के पास ही साढ़े 8 एकड़ जमीन इसलिए पट्‌टे पर ली है। उनके पास जमीन नहीं है। बावजूद इसके उन्होंने कई साल पहले बागवानी विभाग (Horticulture department) से एलोवेरा की खेती करने की ट्रेनिंग ली।
– इसके बाद प्रदेशभर में किसानों को एलोवेरा की खेती के लिए प्रेरित किया। कैसे लगाया जाए और देखरेख की जाए, कहां इसे बेचा जा सकता है, इसके बारे में जानकारी देकर वह 100 से ज्यादा किसानों को एलोवेरा की खेती के लिए प्रेरित कर चुके हैं।

कंपनियां खेत से लेकर जाएंगी एलोवेरा
– सोनू पांचाल के मुताबिक, पहले साल 8 से 10 महीने के बाद एलोवेरा खेती पैदावार देनी शुरू कर देगी। इस दौरान प्रति एकड़ 150 क्विंटल तक की पैदावार हो सकती है। दूसरे साल इसकी पैदावार बढ़कर 450 क्विंटल तक प्रति एकड़ तक पहुंच जाएगी।
– इतना ही नहीं सोनू का अनुमान है कि तीसरे और आखिरी साल में एलोवेरा की पैदावार 900 क्विंटल प्रति एकड़ तक पहुंच जाएगी। एलोवेरा प्लांट बड़ा होने के वजह से वह इसको बाजार में कई तरह से बेचेंगे।
– खेत में ही मशीन लगाकर जूस, जैल व शैंपू तैयार करके बेचे जाएंगे तो कच्चे माल के लिए सोनू पांचाल ने कई बड़ी कंपनियों, जिनमें बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के सान्निध्य में चल रही पतंजलि ने सोनू पांचाल के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया है। ये कंपनियां खेत से ही कच्चे माल को लेकर जाएंगी।

बागवानी विभान ने फ्री में लगाया क्लोन सफेदा
– इस बार सोनू को गांव के पास में ही साढ़े 8 एकड़ जमीन मिल गई, जिसे उसने पट्‌टे पर लेकर पूरे खेत एलोवेरा लगाने का फैसला लिया। इसके लिए उसने पहले वन विभाग से संपर्क किया और विभाग ने फ्री में साढ़े आठ 8 एकड़ में क्लोन सफेदा के 413 पौधे लगा दिए।
– सोनू ने बताया उन्होंने अब पूरे खेत में एलोवेरा लगाया है, जिस पर प्रति एकड़ 30 हजार रुपए खर्च आया है। बागवानी विभाग ने इस पर प्रति हेक्टयेर 17 हजार रुपए की सब्सिडी दी है।

परंपरागत खेती से कई गुना ले सकते हैं मुनाफा
– खास बात यह है कि एलोविरा और क्लोन सफेदा लगाने के बाद तीन साल तक खेत में दूसरे फसल लगाने की जरूरत ही नहीं है। तीन साल मिलेगी एलोवेरा से आय, बागवानी विभाग सब्सिडी देता है।
– इस बारे में सोनू बताते हैं कि एलोवेरा कम पानी में तैयार होनी वाली फसल है। एक साल में इसमें सिर्फ तीन पानी देने से ही काम चल सकता है। कोई दवा, खाद डालने की जरूरत नहीं पड़ती। सिर्फ फसल में खरपतवार की रोकथाम करनी पड़ती है। इस दौरान किसान प्रति एकड़ परंपरागत फसलों से तीनों साल कई गुणा अधिक मुनाफा ले सकता है।