पथरी का ऐसा घरेलू इलाज आपने पहले नहीं देखा होगा- Stone Treatment by Rajiv Dixit

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सबसे पहले कुछ परहेज ! मित्रो जिसको भी शरीर मे पथरी है वो चुना कभी ना खाएं ! (काफी लोग पान मे डाल कर खा जाते हैं ) क्योंकि पथरी होने का मुख्य कारण आपके शरीर मे अधिक मात्रा मे कैलशियम का होना है | मतलब जिनके शरीर मे पथरी हुई है उनके शरीर मे जरुरत से अधिक मात्रा मे कैलशियम है लेकिन वो शरीर मे पच नहीं रहा है वो अलग बात हे| इसलिए आप चुना खाना बंद कर दीजिए.  पखानबेद नाम का एक पौधा होता है ! उसे पथरचट भी कुछ लोग बोलते है ! उसके 10 पत्तों को 1 से डेड गिलास पानी मे उबाल कर काढ़ा बना ले ! मात्र 7 से 15 दिन मे पूरी पथरी खत्म !! और कई बार तो इससे भी जल्दी खत्म हो जाती !!! आप दिन मे 3 बार पत्ते 3 पत्ते सीधे भी खा सकते हैं !

इस विडियो में देखिए पथरी का इलाज >>

आजकल बहुत से लोगो को पत्थरी हो जाती है. अक्सर पित्त के थैले में पत्थरी हो जाती है, या तो मूत्र पिंड में हो जाती है, नहीं तो किडनी में, पत्थरी को निकालने के लिए एक बहुत अच्छी दवा है. पित्त की पत्थरी अथवा स्टोन के लिए सेब का रस एक अच्छी दवा है. एक कप सेब का रस रोज सवेरे खाली पेट पियो और जब सेब का रस निकालेंगे तो छिलका नहीं निकालना है, क्यूंकि सेब की सारी ताकत छिलके में होती है. अगर छिलका उतार दिया तो सेब बेकार है. अगर आप चार सेब एक साथ खओगे तो एक कप रस बनेगा, तो आप चार सेब सुबह खाली पेट चबा चबा के खाओ. इससे पित्ते की थैली की पत्थरी 6 से 8 महीने मे गल जाएगी.

पत्थरी की एक और दूसरी दवा है. जब पत्थरी गुर्दे में, किडनी में और हमारे मूत्र पिंड में हो तब उसकी दवा है, गाय का मूत्र. इसे आप आधा कप रोज पी लो उससे पत्थरी टूट के निकल जाएगी और आप जिंदगी मे कभी भी पत्थरी की बीमारी के शिकार नहीं होंगे. अगर आप पानी को घूँट घूँट करके पियेगे तो भी आपको कभी भी पत्थरी नहीं होगी, न ही पित्त की थैली में, न मूत्र पिंड में और न आपके गुर्दे में, पत्थरी उन्ही को बनती है, जो जल्दी जल्दी गट गट करके पानी पीते है.

मनुष्य को छोड़ कर कोई गट गट पानी नही पीता दुनिया मे सारे जानवर धीरे-धीरे पानी पिते है. कुत्ता चाट चाट के पानी पीता है, सूअर चाट के पानी पीता है, बिल्ली चाट के और पक्षियों में चिडियाँ एक एक बूंद पानी पीती है. सब धीरे धीरे पानी पीते है. आदमी ऐसा मुर्ख प्राणी है जो गट गट करके पानी पीता है. पानी कभी भी गट गट करके मत पीओ. जानवर चाट चाट के थोडा थोडा करके पीते है, इसीलिए किसी भी जानवर को कभी पत्थरी की बीमारी नही होती. घूँट घूँट करके आप भी ऐसे ही पानी पियो. आयुर्वेद में तो ये कहा गया है कि जो घूँट घूँट करके पानी पिते है, उनको जिंदगी में कोई भी बीमारी नही होती.

होमियोपेथी इलाज !

अब होमियोपेथी मे एक दवा है ! वो आपको किसी भी होमियोपेथी के दुकान पर मिलेगी उसका नाम हे BERBERIS VULGARIS ये दवा के आगे लिखना है MOTHER TINCHER ! ये उसकी पोटेंसी हे|
वो दुकान वाला समझ जायेगा| यह दवा होमियोपेथी की दुकान से ले आइये| (स्वदेशी कंपनी SBL की बढ़िया असर करती है).  (ये BERBERIS VULGARIS दवा भी पथरचट नाम के पोधे से बनी है बस फर्क इतना है ये dilutions form मे हैं पथरचट पोधे का botanical name BERBERIS VULGARIS ही है )

अब इस दवा की 10-15 बूंदों को एक चौथाई (1/ 4) कप गुण गुने पानी मे मिलाकर दिन मे चार बार (सुबह,दोपहर,शाम और रात) लेना है | चार बार अधिक से अधिक और कमसे कम तीन बार|इसको लगातार एक से डेढ़ महीने तक लेना है कभी कभी दो महीने भी लग जाते है | इससे जीतने भी stone है ,कही भी हो गोलब्लेडर gall bladder )मे हो या फिर किडनी मे हो,या युनिद्रा के आसपास हो,या फिर मुत्रपिंड मे हो| वो सभी स्टोन को पिगलाकर ये निकाल देता हे|

99% केस मे डेढ़ से दो महीने मे ही सब टूट कर निकाल देता हे कभी कभी हो सकता हे तीन महीने भी हो सकता हे लेना पड़े|तो आप दो महीने बाद सोनोग्राफी करवा लीजिए आपको पता चल जायेगा कितना टूट गया है कितना रह गया है | अगर रह गया हहै तो थोड़े दिन और ले लीजिए|यह दवा का साइड इफेक्ट नहीं है

पथरी के इलाज का ये एक अन्य विडियो भी देखिए >>