सामान्य दिखने वाली ये आदतें आपके दांत को पहुंचा रही हैं ये नुकसान

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‘जब तक दर्द नहीं होता तब तक चोट का पता नहीं चलता।’ अरे हम यहां मोहब्बत की बात नहीं कर रहे हैं। बल्कि ये असली वाले दर्द की बात है। हम इंसानों की आदत होती है कि जब तक तकलीफ बढ़ ना जाए हम उसके कारण पर ध्यान नहीं देते हैं। बीमारियों के बारे में भी अक्सर ऐसा ही होता है।

इसमें भी जब ओरल हेल्थ की बात करें तो इस पर तो हम ध्यान देना जरूरी ही नहीं समझते हैं। सामने से दांत सफेद दिख रहे होते हैं तो हमें लगता है कि बाकी मामला भी ठीक ही है, मगर ऐसा होता नहीं है। अगर छोटी समस्या हो तो उसे भी हम नजरअंदाज कर देते हैं। हमारी कुछ आदतें भी होती हैं जो हमें सामान्य लगती है मगर वो हमारी ओरल हेल्थ को खराब कर रही होती है। ऐसे में जरूरी है कि हम इन बातों पर ध्यान दें।

खाने के बाद ब्रश करना

यदि आपको लगता है कि खाने के तुरंत बाद ब्रश करने से कैविटीज कम होगी तो यह सही है। लेकिन इससे दूसरे नुकसान होंगे। खाना खाने के बाद मुंह में एसिडिक एनवायरनमेंट बन जाता है। ऐसी स्थिति में ब्रश करने से दांतों को नुकसान पहुंचता है।

 

ब्रश ना बदलना

माउथब्रश को तीन महीने में या बीमार पड़ने के बाद बदल लेना चाहिए। इतना ही नहीं ब्रश की नियमित रूप से सफाई भी जरूरी है। इसके लिए आप ब्रश को 20 मिनट्स तक माउथवॉश में रखकर धोले। ऐसा करने से भी इनकी सफाई हो जाती है।

लीडिंग गम्स को इग्नोर करना

कई लोगों को मसूड़ों में खून आने की समस्या से दो-चार होना पड़ता है। ऐसी स्थिति में हम उस स्थान पर ब्रश करना ही छोड़ देते हैं। ऐसा करने के बजाए किसी डेंटिस्ट की सलाह लेना चाहिए।

जोर से ब्रश करना

हमें लगता है कि जितना जोर लगाकर ब्रश करेंगे उतने अच्छे से सफाई होगी। मगर असल में ऐसा करने से मसूड़ों का पीछे खिसकना, उनमें जलन होना, दांतों का सेंसिटिव होना और उनकी ऊपरी परत का निकलना जैसी दिक्कतें हो जाती हैं।

फ्लॉसिंग ना करना

दांतों के बीच फंस गए पदार्थों की सफाई करना जरूरी होता है। ऐसा करने से कैविटीज और मसूड़ों से सम्बंधित समस्याएं दूर होती हैं। इससे दांतों में सड़न भी होने लगती है। हालांकि फ्लॉसिंग के लिए सही तरीका अपनाना आवश्यक है।

जोर से ब्रश करना

यदि आप दिन में दो बार ब्रश कर रहे हैं तो यह बहुत ही अच्छी बात है। मगर ज्यादा ब्रश मतलब ज्यादा अच्छे दांत नहीं होता है। बहुत बार ब्रश करने से दांतों और मसूड़ों को नुकसान पहुंचता है, इसलिए अति भी ना करें।

टेढ़े-मेढ़े दांत

टेढ़े-मेढ़े दांतों के बारे में हम ज्यादा से ज्यादा ये सोचते हैं कि ये लुक को बिगाड़ते हैं। असल में ये ओवरऑल हेल्थ को प्रभावित करते हैं। इनकी वजह से कैविटीज, मसूड़ों की बीमारी और दांतो का फ्रैक्चर होना जैसी स्थिति बनती है। वही जो दांत सीधे नहीं होते हैं वो जल्दी से टूटते भी हैं।

दिनभर खाना-पीना

कई लोगों को दिनभर खाने-पीने या चॉकलेट्स का मजा लेने की आदत होती है। इन फास्ट फूड्स में शुगर की मात्रा अधिक होती है। इसे आपने कितना खाया इससे ज्यादा नुकसान कितनी बार खाया, इस बात से होता है। ऐसे में आप बार-बार स्नैक्स लेंगे तो नुकसान होगा।

 

वाइन का सेवन

वाइन और अन्य ड्रिंक्स को लेते समय कई लोग इनकी मात्रा पर ध्यान नहीं देते हैं। वो तो बस एक के बाद एक बॉटल खाली करते जाते हैं। इन ड्रिंक्स में भी बहुत शुगर होती है जो कैविटी का कारण बनती है।

स्पोर्ट्स ड्रिंक्स का सेवन

फिटनेस के लिए गंभीर लोग स्पोर्ट्स ड्रिंक्स पर बहुत भरोसा करते हैं। यह बेशक उन्हें एनर्जी से भर देती है। मगर यह ड्रिंक, सॉफ्ट ड्रिंक से भी ज्यादा हानिकारक हो सकती है। इनमें भारी मात्रा में शक्कर होती है। इनके बहुत ज्यादा सेवन से कैविटीज का खतरा बढ़ता है।

 

टूथ व्हाइटनिंग प्रोडक्ट्स

आजकल मार्केट में दांतों को चमकाने के लिए कई तरह के प्रोडक्ट्स मिलते हैं। ये प्रोडक्ट्स हमेशा ही फायदेमंद नहीं होते हैं। ये आपके दांतों के स्ट्रक्चर को भी खराब कर देते हैं। इससे बचने के लिए टूथ व्हाइटनिंग के लिए किसी प्रोफेशनल की ही सलाह लें।

नोट :- दोस्तों जितने भी टूथ पेस्ट बनते है सब केमिकल से बनते है जो किसी ना किसी रूप में आपको नुकशान पंहुचा रहे है. अगर आप किसी भी तरह की प्रॉब्लम से बचाना चाहते है तो दातुन करे, नीम की सबसे अच्छी नहीं तो अमरूद, आम, बाबुल आदि की करे. अगर आप दातुन भी नहीं ले सकते तो सरसों का तेल, हल्दी और नमक के मिश्रण से करे.

इस विडियो में देखिए कैसे बनाए जाते है टूथ पेस्ट >>