हमारे ग्रंथों के अनुसार ये 5 काम करने से हमारी आयु कम होती है

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जीवन और मृत्यु भगवान के हाथों में हैं। कब, क्यों व कैसे किसकी मृत्यु होगी, ये बात सिर्फ भगवान ही जानते हैं, लेकिन हमारे धर्म ग्रंथों में ऐसे अनेक काम बताए गए हैं, जिन्हें करने से हमारी आयु कम होती है। गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित संक्षिप्त गरुड़ पुराण अंक में भी मनुष्यों की आयु कम करने वाले कामों के बारे में बताया गया है। ये काम इस प्रकार हैं-

रात में दही खाना – गरुड़ पुराण के अनुसार, रात में दही खाने से मनुष्यों की आयु कम होती है। वैसे तो दही खाना शरीर के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन रात के समय दही का सेवन करने से कई प्रकार के रोग होने की संभावना बढ़ जाती है जैसे- पेट के रोग आदि। आयुर्वेद में भी रात को दही खाने की मनाही है। क्योंकि रात को भोजन करने के बाद हम अधिक मेहनत नहीं करते और कुछ देर बाद सो जाते हैं, जिसके कारण भोजन ठीक से पच नहीं पाता। पेट में दही के ठीक से न पच पाने के अनेक साइट इफेक्ट होते हैं, जिसके कारण शरीर में अनेक प्रकार के रोग हो सकते हैं। इसलिए रात के समय दही नहीं खाना चाहिए

मां-स का सेवन – मांस खाने से भी मनुष्यों की आयु कम होती है। मांस खाने से कई प्रकार के खतरनाक बैक्टीरिया व वायरसों का संक्रमण हो जाता है। जब कोई व्यक्ति यह मांस खाता है तो मांस के साथ बैक्टीरिया तथा वायरस भी उसके पेट में चले जाते हैं और कई प्रकार के रोग उत्पन्न करते हैं। कुदरत ने मनुष्य मांसाहारी नहीं बनाया है.. आपने देखा होगा कि मांसाहारी जीवो के ४ दन्त बड़े होते है.. २ ऊपर के २ निचे के… जैसे शेर या चिता… और शाकाहारी जीवो के सब दान्त बराबर होते है, जैसे मनुष्य, गाय आदि. और मनुष्य का पाचन तंत्र इस लायक नहीं है कि वो मांस को सही से पचा सके. मांसाहारी लोग अनेक रोगों को जन्म देते है. ये रोग मनुष्य की आयु कम करते हैं।

सुबह देर तक सोना – सुबह देर तक सोने से भी मनुष्यों की आयु कम होती है। आयुर्वेद की दृष्टि से देखा जाए तो पूरे दिन की अपेक्षा सुबह ब्रह्म मुहूर्त में शुद्ध वायु अधिक होती है। ब्रह्म मुहूर्त की वायु का सेवन करने से शरीर के अनेक रोग स्वत: ही ठीक हो जाते हैं और श्वसन तंत्र भी स्वस्थ रहता है। जब आप देर तक सोते हैं तो ब्रह्म मुहूर्त की शुद्ध वायु का सेवन नहीं कर पाते और अनेक प्रकार के रोग आपको घेर लेते हैं। इसलिए सुबह देर तक सोने से मनुष्यों की आयु कम होती है

श्मशान के धुएं से – श्मशान में शवों का दाह संस्कार किया जाता है। शरीर के मृत होते ही उस पर अनेक प्रकार के बैक्टीरिया व वायरसों का संक्रमण हो जाता है। ऐसे न जाने कितने शवों को प्रतिदिन श्मशान लाकर जलाया जाता है। जब इन शवों का दाह संस्कार किया जाता है, तब कुछ बैक्टीरिया-वायरस तो शव के साथ ही नष्ट हो जाते हैं और कुछ वायुमंडल में धुएं के साथ फैल जाते हैं। जब कोई व्यक्ति उस धुएं के संपर्क में आता है तो ये बैक्टीरिया-वायरस उसके शरीर से चिपक जाते हैं और विभिन्न प्रकार के रोग फैलाते हैं। इन रोगों से मनुष्य की आयु कम हो सकती है

सुबह व अत्यधिक मै-थुन करना – सुबह के समय मै-थुन करने तथा अत्यधिक मै-थुन करने से भी मनुष्यों की आयु कम होती है। हमारे महापुरुषों ने सुबह का समय योग, प्राणायाम आदि के लिए निश्चित किया है। इस समय यदि कोई मनुष्य मैथुन (स्त्री से शारीरिक संबंध) करता है तो इससे उसका शरीर कमजोर होता है। अत्यधिक मै-थुन के कारण शरीर लगातार कमजोर होता जाता है।

एक समय ऐसा भी आता है, जब शरीर में रोगों से लड़ने की ताकत ही समाप्त हो जाती है। उस स्थिति में अनेक घातक रोग शरीर को अंदर तक खोखला कर देते हैं। इसलिए सुबह के समय व अत्यधिक मैथुन नहीं करना चाहिए, इससे मनुष्यों की आयु कम होती है