अनिल बोकिल (अर्थक्रांति) नहीं इस महान व्यक्ति की योजना थी करंसी का बदलाव

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दोस्तों पहले तो हम बता दे कि हम मोदी जी के इस साहसी कदम का स्वागत करते है ऐसा कदम उठाना किसी मनमोहन सिंह जैसे प्रधानमत्री का काम नहीं था. अभी जब से मोदी जी ने ये कदम उठाया है मीडिया में एक नाम चल रहा है “अर्थक्रांति”. कहा जा रहा है कि मोदी जी को ये सलाह इस संस्था ने दी. दरसल भारत में दुसरे के काम को अपना बनाने का इस फैशन सा चल पड़ा है वही इस चोर संस्था ने किया.  भाई राजीव दीक्षित जी ने एक विडियो में सन 2009 में ही इस योजना के बारे में देश को बताया था. और भाई राजीव जी 2014 का चुनाव भी लड़ने वाले थे. और उनके अनुसार वो सरकार बनते ही इस योजना पर काम करने वाले थे लेकिन दुर्भाग्य वस उनकी 2010 में हत्या हो गई थी.

सब लिख पाना असंभव है ये विडियो देखे  >>

भारत सरकार ने कुछ वर्ष पहले एक सर्वे करावा था । कि पता करो कि देश में सही में ग़रीबो की संख्या कितनी हैं?? क्यों कि पहले कोई कहता था कि 25 करोड़ हैं ,कोई कहता था कि 35 करोड़ हैं ,कोई कहता था कि 37 करोड़ हैं  तो सर्वे कराया | सर्वे के लिये अर्जुन सेनगुप्ता को कहा गया ।अर्जुन सेनगुप्ता भारत के बहुत बड़े अर्थशास्त्री हैं । और इंदिरा गांधी के समय से भारत सरकार के आर्थिक सलाहकार रहे हैं । प्रोफेसर भी है। तो उन्होने 3,4 साल कि मेहनत के बाद संसद मे एक रिपोर्ट प्रस्तुत की । रिपोर्ट कहती है देश कि कुल आबादी 115 कारोड़ ।और एक 115 कारोड़ मे से 84 करोड़ 30 लाख लोग ऐसे है । जो एक दिन 20 रुपये भी खर्च नहीं कर पाते । 84 कारोड़ 30 लाख में से 50 कारोड़ लोग ऐसे हैं । जो एक दिन में 10 रुपये भी खर्च नहीं कर पाते । और 15 कारोड़ ऐसे है 5 रुपये भी रोज के नहीं खर्च कर पाते । और 5 कारोड़ ऐसे है 50 paise भी रोज के नहीं खर्च कर पाते । ये हमारे देश भारत की नंगी वास्विकता है कठोर सच्चाई है !

(Google पर अर्जुन सेन गुप्ता रिपोर्ट सर्च कर देख लो सबूत )

अब आप खुद विचार करें जिस देश में 84 करोड़ 30 लाख लोग मात्र रोज के 20 रूपये पर जिंदा हो उस देश को 2000 के नोट की क्या जरूरत है ??

इस विडियो में देखिए कि हमें क्यों 50-100 से ऊपर के नोट की जरुरत नहीं है >>

आपको जानकार आश्चर्य होगा अमेरिका और अन्य देशो में currency Denominations में 100 से ऊपर का नोट नहीं है । वो लोग जानते है जितना बड़ा नोट होगा ,उतनी रिश्वत आसानी से दी जाती है ,10,20,50 के नोट हों और 10 करोड़ की रिश्वत देनी पड़े तो ट्रक भरकर ले जाना पड़ेगा । अब पूरा ट्रक नोटो का संभालकर कहाँ रखेगा
वहीं 2000 के नोट हों छोटी अटैची में आ जाएंगे ।

तो अंत मित्रो यही कहना चाहता हूँ सरकार ने एक बार जो बड़े नोट वापिस लेने का निर्णय लिया है 100 % ठीक है ,

1) ये बिलकुल सत्य है कि एक बार सारे नकली नोट खत्म हो जाएंगे ।

2) देश में छिपा कालाधन एक बार पूरा पकड़ मे आएगा या नष्ट हो जाएगा ।

3) क्योंकि बैंको में बहुत अधिक पैसा इक्कठा हो जाएगा तो बहुत संभावना है कर्ज सस्ता मिले । जिससे विकास होगा ।

4) इस बजट में राजकोषीय घाटा भी कम होने की पूरी आशा है ,

पाकिस्तान की और से आतंकियों की आर्थिक मदद में भी कमी आएगी ।  मित्रों ऊपर की सब बातें ठीक है और मैं उनका समर्थन भी करता हूँ । लेकिन दुबारा से 500-2000 नोट बनाना कालेधन को एक बार फिर से बढ़ावा देने वाला कदम होगा । कल को 500-2000 के भी नकली नोट दुबारा आ जाएंगे ।

कुछ समय पहले पाकिस्तान का एक आंतकवादी पकड़ा गया था उससे पूछा गया था , कि वो 10,20,50 के नकली नोट क्यों नहीं बनाते ?? तो उसने कहा था 50 का नोट बनाने पर 55 रु का खर्चा आता है । 20 का नोट बनाने पर 25 रु का । इसीलिए बड़े नोट ही बनाते है ,और बार्डर से पर करवाने में आसानी होती है ,! और अंत आपको बता दूँ अरुण जेटली ने साफ कर दिया है कि चिप लगने वाली बात अफवाह है । इसलिए मित्रो 500,2000 के नोट दुबारा बनाना है गलत निर्णय साबित होगा ।