गलत समय पर गलत चीज लेने से शुरू होते है रोग ! दूध, छांछ (लस्सी) और जूस पीने का सही समय !

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अगर आपको स्वस्थ होना है, पेट के रोगों से मुक्ति पानी है, तो भोजन के बाद पानी पीना तो बंद करना ही पड़ेगा. तो आप ये पूछेंगे कि  क्या कुछ और पी सकते है. तो जवाब ये है कि हाँ कुछ और पी सकते है. महर्षि वागभट्ट जी ने के सूत्र लिखा था उसमे पहला सूत्र तो ये था कि “भोजनान्ते विषमभारी” यानि कि भोजन के अंत पानी पीना विष के समान है.

दूसरी बात उन्होंने ये लिखी है, की कुछ पीना ही है, तो द्रव रूप में तो भोजन के बाद आप ताक (छांछ या लस्सी) (छांछ) पी सकते है, भोजन के बाद दूध पी सकते है, और कोई भी फल का रस पी सकता है. पानी नही पी सकते.

आप अगर भोजन के बाद कुछ पीना चाहते है तो तीन चीजो का आपको परमिशन है आप या तो रस पीजिये या तो दूध पीजिये या तो ताक (छांछ या लस्सी) पीजिये. पानी मत पीजिये, पानी कब पीना है कम से कम 1 घंटा 30 मिनट का बाद पानी पीजिये. डेढ़ घंटा के बाद पानी पीजिये.

फिर कुछ लोग कहेंगे गले में भोजन फस गया तो ? भोजन गले में कब फसता है इसके लिए भी एक कारण है अगर आप भोजन जल्दी जल्दी जल्दी खायेंगे तो जरुर गले में फसेगा लेकिन धीरे धीरे धीरे खायेंगे कभी भीं ही फसेगा.

अब ये तो स्पष्ट हो गया है कि भोजन के बाद आपको पानी नहीं पानी है उसके स्थान पर आप जूस, ताक (छांछ या लस्सी) या दूध पी सकते है. अब आपके मन में प्रश्न होगा कि क्या ये तीनो चीजे भोजन के साथ कभी भी पी सकते है, तो हमारा जवाब नहीं है. जूस, ताक (छांछ या लस्सी) और दूध का समय भी निर्धारित है, ये आप हर समय नहीं पी सकते. कभी भी ताक (छांछ या लस्सी) नही पी सकते, कभी भी जूस नही पी सकते और कभी भी दूध नही पी सकते. तीनो का समय निश्चित है.

समय की निश्चिता यह है कि सवेरे का नास्ता अगर किया है तो नाश्ते के बाद आप जूस पी सकते है दोपहर के भोजन के बाद आप ताक (छांछ या लस्सी) पी सकते है और रात के भोजन के बाद आप दूध पी सकते है. ये जो समय का चक्कर है, इसी को ध्यान में रखना है. इसको आगे पीछे नही करना है. थोडा और समझाता हु, सुबह कभी भी दूध नही पीना, रात को कभी भी ताक (छांछ या लस्सी) नही पीना और दोपहर को कभी भी जूस नही पीना.

इस नियम पर भाई राजीव दीक्षित जी ने बहुत ऑब्जरवेशन (observation) किये थे. उन्होंने कई मरीजो कहा कि ये आगे पीछे कर दो, सुबह जो नियम है जूस पीने का वो शाम को करवाया. और कुछ मरीजो का दूध पीने का नियम सुबह करवा दिया. उसका परिणाम ये हुआ कि जो उनकी बीमारी थी उसमे कोई कमी आई. बीमारी जैसी पहले थी वैसी ही रही.

लेकिन जैसे ही इस नियम को ठीक किया, सुबह को जूस पीना, रात को दूध पीना, दोपहर को ताक (छांछ या लस्सी) पीना, उनकी बीमारी कुछ दिनों में ही जड से चली गयी और वो सब इस नियम का पालन करके आज तक स्वस्थ है, दरुस्त है, तंदरुस्त है. तो आप भी इसका ध्यान रखना सुबह के नाश्ता के बाद जूस पी सकते है, संतरे का, मौसमी का, आम का, तरबूज का, खरबूज का, टमाटर का, गाजर का या पालक का. दोपहर के भोजन के बाद ताक (छांछ या लस्सी) और रात्रि के भोजन के बाद दूध.

इस विडियो में देखिए दूध, लस्सी और जूस पीने का सही समय >>