अगर 148 बिमारियों से बचना है तो भोजन के साथ ना पिए पानी ! ये 3 चीजे ले सकते हो

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मेरी आपको एक छोटी से विनती है कि भोजन के बाद पानी मत पियो, तो आप कहेंगे इससे क्या होगा. आप जो कुछ भी खायेंगे उसके बाद पेट में अग्नि प्रदीप्त होगी, अग्नि से भोजन का पाचन हो जाएगा, पाचन के बाद उसमे से मास, मज्जा, मल, मूत्र, वीर्य ठीक से बढ़ जाएगा वो शरीर के काम आ जाएगा इसलिए भोजन के बाद पानी मत पीओ, तो आप पूछेंगे कब तक न पिए पशु तो 4 घंटे में पिटे है, अभी मैं आपको एक सरल जानकारी दे देता हूँ, कब आप पी कर सकते है, हम जो कुछ भी खाते है वो पहले पेस्ट में बदलता है पेस्ट आप समझते है की कोई वस्तु न तो द्रव है न तो ठोस है, बीच की अवस्था है. न तो सॉलिड है न तो लिक्विड है बीच की अवस्था को पेस्ट कहते है. हमने जो कुछ भी खाया वो पेस्ट में बदलता है. इसको लगभग 1 घंटा लगता है और पेस्ट के बाद अगला जो चरण है, वो है रस बनने का पहले पेस्ट बनेगा, भोजन फीर रस में बदलता है, और रस बदलने का जो समय है वो 1 घन्टे से शुरु होता है और 2 घंटे तक चलता है. यह आप पहले से ही जानते है कि कोई भी चीज रस बने तो उसमे पानी का होना आव्श्यक है. जब भोजन का रस बनना शुरू होता है, उस समय पानी पीना सबसे अच्छा होता है. तो कम से कम 1 घंटे बाद ज्यादा से ज्यादा दो घंटे बाद पानी पीना है.

इस विडियो में देखिए खाने खाने के बाद क्या पीना चाहिए और क्या नहीं >>

अगर आपको स्वस्थ होना है, पेट के रोगों से मुक्ति पानी है, तो भोजन के बाद पानी पीना तो बंद करना ही पड़ेगा. तो आप ये पूछेंगे कि  क्या कुछ और पी सकते है. तो जवाब ये है कि हाँ कुछ और पी सकते है. महर्षि वागभट्ट जी ने के सूत्र लिखा था उसमे पहला सूत्र तो ये था कि “भोजनान्ते विषमभारी” यानि कि भोजन के अंत पानी पीना विष के समान है. दूसरी बात उन्होंने ये लिखी है, की कुछ पीना ही है, तो द्रव रूप में तो भोजन के बाद आप ताक (छांछ) पी सकते है, भोजन के बाद दूध पी सकते है, और कोई भी फल का रस पी सकता है. पानी नही पी सकते.

अब आपके मन में तुरंत एक प्रश्न आएगा कि जब ये सब पी सकते है. तो पानी क्यूँ नही पी सकते, इन सब में भी तो पानी होता है. इसका उत्तर मैं सरल तरीके से देता हु अपने कोई फिल्म का गीत सुना होगा. मुझे फिल्म का नाम याद नही गीत याद है “पानी रे पानी तेरा रंग कैसा, जिसमे मिला दो उस जैसा” ये गीत आपके शरीर की फिलोसफी है. पानी रे पानी तेरा रंग कैसा, रंग मतलब गुण, पानी के अपने गुण कुछ भी नही है जिस चीज में आप मिला देते हो वैसा ही है, पानी पीने का तो निषेध है लेकिन रस पी सकते है क्योंकि रस में जो पानी है वो फल के गुण वाल है ताक में जो पानी है वो दही के गुण वाला है, दूध में जो पानी है वो दूध के गुण वाला है,

आप अगर भोजन के बाद कुछ पीना चाहते है तो तीन चीजो का आपको परमिशन है आप या तो रस पीजिये या तो दूध पीजिये या तो ताक पीजिये. पानी मत पीजिये, पानी कब पीना है कम से कम 1 घंटा 30 मिनट का बाद पानी पीजिये. डेढ़ घंटा के बाद पानी पीजिये. फिर कुछ लोग कहेंगे गले में भोजन फस गया तो ? भोजन गले में कब फसता है इसके लिए भी एक कारण है अगर आप भोजन जल्दी जल्दी जल्दी खायेंगे तो जरुर गले में फसेगा लेकिन धीरे धीरे धीरे खायेंगे कभी भीं ही फसेगा.