नई दिल्ली। भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री भी ग्लोटबल मार्केट की तरह नई टेक्नोलॉजी की ओर से बढ़ रही है। सरकार का मकसद है कि 2030 तक इलेक्ट्रिक व्हीकलस को देश भर में लागू कर दिया जाए। जो लोग अब भी अपनी पुरानी कारों को इलेक्ट्रिीक या हाइब्रिड में बदल सकते हैं। इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड कार चलाने का सबसे बड़ा फायदा आपको कम खर्च है। साथ ही, ये कारें पॉल्यूिशन को कम करने में भी मददगार साबित होती है। कई कंपनियों का दावा है कि इनको चलाने से आपको 60 फीसदी खर्च कम हो जाएगा।
क्या है ये सिस्टम
कुछ टेक्नोलॉजी कंपनियां पेट्रोल, डीजल या सीएनजी कारों में इलेक्ट्रििक या हाइब्रिड मोटर्स को लगाने का काम कर रही हैं। वहीं, कारों में बैटरी को फीट किया जाता है। इसे रेट्रोफिटिंग भी कहा जाता है। इसके लिए आपकी कार पेट्रोल या डीजल के अलावा इलेक्ट्रिक मोटर से भी चल सकेगी।
कैसे काम होता है
केपीआईटी टेक्नोैलॉजी ने इसके लिए रेवोलो नाम से प्रोडक्ट् तैयार किया है। इस सिस्टम में एक इलेक्ट्रिक मोटर रहती है जिसे इंजन फैन बेल्ट से कनेक्ट किया जाता है और lithium Lion बैटरी से जोड़ा जाता है जिसे बाद में आसानी से चार्ज किया जा सकता है। इलेक्ट्रिक मोटर पेट्रोल या डीजल इंजन के क्रैंकशाफ्ट को पावर देने का काम करता है जिससे फ्यूल एफिशियंसी 35 फीसदी बढ़ जाती है और एमिशन में 30 फीसदी की कमी आती है।
ऐसे ही दूसरी कंपनियां भी इलेक्ट्रिक किट प्रोवाइड कर रही हैं। इसमें टारा इंटरनेशनल कंपनी भी है जो इलेक्ट्रिजक या हाइब्रिड रेट्रोफिटिंग किट प्रोवाइड करते हैं। इनके सिस्टम को लगाने ने कार चलाने का खर्च 60 फीसदी तक कम हो सकता है।
कैसे इंस्टॉल होता है सिस्टम
ऐसी है एक कंपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडिया कंपनी 2 फीट या 3 फीट ब्लैक बॉक्सो के साथ मोटर, मोटर के लिए कंट्रोलर, चार्जस और बैटरी मैनेजमेंट सिस्टाम देता है। एक यूनिट में करीब 800 से 1000 बैटरीज रहती है। व्हीरकल के हॉर्स पावर के आधार पर विभिन्न किट्स लगाई जाती है। इनकी रेंज 800 सीसी से 2500 सीसी तक रहता है। इलेक्ट्रिक सिटी की 8 यूनिट 7 से 8 घंटे में चार्ज हो सकती है और इसकी स्पीड 100 से 120 किमी हो सकती है।
कितनी है इसकी कॉस्ट्
मारुति ऑल्टो जैसी छोटी कार के लिए इसकी कॉस्ट करीब 80 हजार रुपए तक रहती है जबकि बड़ी डीजल सेडान या एसयूवी के लिए इसकी कॉस्टत लगभग 1 लाख रुपए तक पड़ती है।
सरकार का नोटिफिकेशन
देश में बढ़ते पॉल्यूफशन को देखते हुए सरकार ने पुरानी कारों में हाइब्रिड इलेक्ट्रिक किट्स की रेट्रोफिटिंग को मंजूरी देने का ऐलान साल 2016 किया था। कार चलाने वाले अपनी पुरानी पेट्रोल या डीजल कारों में इलेक्ट्रिूक किट्स और हाइब्रिड सिस्टकम फिट करा सकते हैं।
सरकार ने कहा है कि 3,500 किलोग्राम तक के हाइब्रिड इलेक्ट्रिकक सिस्टम किट की रेट्रोफिटिंग को मंजूरी दी गई है। सरकार के नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया कि 1 जुलाई 1990 के बाद बने व्हीकल्सक में इलेक्ट्रिक किट को फिट किया जा सकती है।