कार ड्राइविंग के लिए ड्राइविंग लाइसेंस (DL) का होना बहुत जरूरी है। लाइसेंस की मदद से आप कानूनी तौर किसी भी लाइट मोटर व्हीकल (फोर व्हीलर) को चला सकते हैं। हालांकि, आप शायद ये नहीं जानते कि इंडियन ड्राइविंग लाइसेंस इतना पावरफुल होता है कि आप इससे देश के साथ विदेश में भी गाड़ी ड्राइव कर सकते हैं। बस उन्हें दूसरे देश के ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करना होगा। जैसे हमारे यहां रोड के बाएं तरफ ड्राइविंग की जाती है। वहीं, विदेशों में दाएं तरफ ड्राइविंग होती है।
इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस भी जरूरी – विदेशों में भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस के वैलिड होने पर हमने संजय तिवारी, असिस्टेंट RTO, भोपाल से बात की। उन्होंने बताया कि सभी देशों के अलग नियम होते हैं। हालांकि, इंडियन DL कई देशों में वैलिड होता है। इसके अलावा, जो लोग बाहर जाते हैं और उन्हें ड्राइविंग भी करना है, तब वे इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लेते हैं। जोकि आपके लोकल अथॉरिटी आपके लाइट मोटर व्हीकल के बेस पर ही बनाती है.
लाइसेंस अंग्रेजी में होना जरूरी- जिन देशों में आपको ड्राइविंग लाइसेंस वैलिड होता है वहां पर उसका अंग्रेजी में होना जरूरी है और वो डिजिटल प्रिंटिंग वाला होना चाहिए. हाथ से डिटेल लिखा हुआ नहीं चलेगा. देश के अधिकतर राज्यों में 2007 के बाद से ही डिजिटल प्रिंटिंग वाले लाइसेंस शुरू हुए है. उससे पहले कार्ड टाइप होता था, उसमे हाथ से डिटेल भरकर और स्टाम्प लगाकर हमें दिया जाता था। कई देशों में आपको दुसरे देश के ट्रैफिक नियम के अनुसार कुछ फॉर्म भरना होते हैं। विदेशी सड़कों पर आप 3 महीने से लेकर 1 साल तक इंडियन ड्राइविंग लाइसेंस की मदद से गाड़ी चला सकते हैं। हालांकि, कहीं-कहीं आईडीएल या आईडीपी भी जरूरी हो जाता है। हम यहां ऐसे ही देशों के बारे में बता रहे हैं जहां आप अपने लाइसेंस से गाड़ी ड्राइव कर सकते हैं।
अमेरिका –यहां इंडियन ड्राइविं ग लाइसेंस से एक साल तक गाड़ी चला सकते हैं, लेकिन लाइसेंस का अंग्रेजी में होना जरूरी है। यहां आपको फॉर्म I-94 की कॉपी की भी जरूरत पड़ेगी। इस फॉर्म में आपके अमेरिका आने की डेट लिखी होती है।
जर्मनी – इंडियन ड्राइविंग लाइसेंस से जर्मनी में 6 महीने तक गाड़ी चला सकते हैं। यहां इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत नहीं होती, लेकिन जरूरी है कि आपके पास गाड़ी से जुड़ी सभी डॉक्युमेंट्स हों।
साउथ अफ्रीका – साउथ अफ्रीका में गाड़ी चलाने के लिए आपका ड्राइविंग लाइसेंस अंग्रेजी में होना चाहिए। यहां आप गाड़ी रेंट पर लेते हैं तब लाइसेंस की जरूरत होती है।
स्विट्जरलैंड – स्विट्जरलैंड में आप भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस से 1 साल तक गाड़ी चला सकते हैं। हालांकि, अमेरिका और साउथ अफ्रीका की तरह यहां भी आपके ड्राइविंग लाइसेंस का अंग्रेजी में होना जरूरी है।
नॉर्वे – नॉर्वे में आप इंडियन ड्राइविंग लाइसेंस पर सिर्फ 3 महीने ही गाड़ी चला सकते हैं। इसके बाद आपको यहां का ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना होगा। वैसे, लाइसेंस का अंग्रेजी में होना भी जरूरी है।
न्यूजीलैंड – यहां पर आप इंडियन ड्राइविंग लाइसेंस से एक साल तक गाड़ी चला सकते हैं। हालांकि, इसमें सिलेक्ट गाड़ियां ही शामिल हैं। लाइसेंस का अंग्रेजी में होना जरूरी है, या फिर न्यूजीलैंड ट्रांसपोर्ट एजेंसी से ट्रांसलेट।
ऑस्ट्रेलिया – भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस सिर्फ न्यू साउथ वेल्स, क्वीनलैंड और साउथ ऑस्ट्रेलिया की सभी जगहों पर सिर्फ 3 महीने तक वैलिड है। ये इंग्लिश में होना चाहिए
फ्रांस – यहां की सड़कों पर आप इंडियन ड्राइविंग लाइसेंस से एक साल तक ड्राइविंग का मजा ले सकते हैं। हालांकि, लाइसेंस की फ्रेंच कॉपी आपको साथ रखना होगी।