जो लोग भोजन के बाद गट गट पानी पीते है. उनको 103 रोग आते है. सबसे पहला रोग पेट मे जलन होना, जिसको आप एसिडिटी कहते है. जो लोग खाने के तुरंत बाद ही पानी पिते है. उनको 101% नही 201% भी नहीं उनको 1000% एसिडिटी होती है. आज नही तो कल, कल नही तो परसों, नहीं तो दो साल बाद या पांच साल बाद होने ही वाली है. एसिडिटी तो होनी ही है. और ये पेट की जलन आगे बढ़ते बढ़ते छाती तक आती है, फिर छाती में जलन और आगे बढ़े तो गले में जलन, फिर पुरे शरीर में जलन, किसी को पाँव में जलन किसी को जलन में जलन, पुरे शरीर में आग ही आग आग ही आग, और ये आग अगर फ़ैल गयी तो पित बिगड़ता है. और पित बिगड़े तो शरीर भी बिगड़ता है, और शरीर बिगड़े तो जिंदगी बिगडती है. इसलिए इस बात का ध्यान देना है, कि जैसे रसोई घर में खीर बनाने के लिए दूध और चावल को पकाते समय आग का जलना बहुत जरुरी है. वैसे ही खाना खाने के बाद हमारे शरीर में आग का जलना बहुत जरूरी है, ताकि भोजन ठीक से पचे, इसलिए भोजन के साथ पानी ना पिए, पानी का और आग का मेल नही है. इसलिए सीधा सा मतलब ये है कि खाना खाने के बाद पानी मत पियो.
इस विडियो में देखिए भोजन के साथ पानी पीने से कौन से 103 रोग आपको हो सकते है >>
महर्षि वाग्भट इस सूत्र को संस्कृत में कहते है “भोजनान्ते विश्माही” अर्थात भोजन के अंत में पानी पीना विष पिने के जैसा है. जो लोग खाना खाने के बाद पानी पिते है. बाण भट कहते है, की वो जान ले की वो जहर पी रहे है. और ये जहर उनको जिंदगी में इतना त्रास (तकलीफ) देने वाला है. जिसकी कल्पना आप खुद उस समय नही कर पाते जिस समय वो पानी पीते है. राजीव भाई ने ने वो सूची पढ़ी है जो महर्षि वाग्भट जी ने लिखी थी, तो उसमे एसिडिटी पेट की जलन पहले नंबर पर है, और आखिरी नंबर पर उसमे जो बीमारी है वो है कैंसर. मतलब ये कि पेट की जलन से जो शुरू हुआ वो कैंसर तक जा सकता है. मतलब ये कि पेट का कैंसर भी आपको हो सकता है.
अगर खाना खाने के बाद आप पानी पीते है तो ये सब बीमारिया भरी हुई है. यहाँ से आज से बात शुरू होती है कि अगर आप अपनी जिंदगी में एक छोटी सी चुक कर रहे है तो उसे बंद कर दो, और फैसला करो कि आज से भोजन के बाद पानी नही पीना है. भोजन के बाद कभी भी पानी मत पीजिये क्योकि अगर भोजन के बाद पानी पियेंगे तो तैयार रहिये 103 रोगो के लिए, उनमे से कुछ रोग है, जो आपके गुर्दों में तकलीफ से सम्बन्धित होंगे, पेट से सम्बन्धित होंगे, रक्त से सम्बन्धित होंगे, वीर्य (Sperm) से सम्बन्धित हो सकते है. मस्तिष्क से सम्बन्धित हो सकते है, कई तरह की बीमारिया जो पित की बिमारिओ से हो जाती है. मतलब ये है कि खाने के बाद अग्नि को जलने दीजिये, पानी गिराकर उस अग्नि को शांत मत करिये, जो आपके पेट में जल रही है.
अब मैं जल्दी से आपको एक और उदाहरण देता हूँ ताकि आपको जल्दी से ये बात समझ में आये. क्या आपने कभी पशुओ को देखा है. जानवरों को, गाय को, भैंस को, गधे को, भेड़ को, बैल को, इन सबको अपने अच्छे से देखा है. आप जरा देखिये की ऐसा कौन सा पशु है, जो खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीता है. किसी एक का नाम बताइए कभी गाय को देखा है, कि खाना खाते ही पानी पी लेती है. भैंस को देखा है, भैंस सबसे मुर्ख मानी जाती है सबसे मुर्ख उसको भी इतनी अक्ल है कि भोजन के बाद पानी नही पीती. मैंने देखा है भैंस सुबह सुबह खाना खाती है 6 बजे 7 बजे भर पेट खाना खाती है और पानी 11 बजे या 12 बजे ही पीती है. मतलब ये कि खाना खाने के 4-5 घंटे बाद ही पानी पीती है. भैंस को भी अक्ल है, मनुष्य को नही है. मनुष्य भैंस से भी गया गुजरा हो गया है.
कुत्ते, भैंस, गाय, बैल, गधे, घोड़े, हाथी को देखिये भोजन करने के साथ कोई भी जानवर पानी नही पीता कम से कम 4-5 घंटे के बाद ही जानवर पानी पिते है. इसलिए किसी भी जानवर को गुर्दे की तकलीफ नही होती. किसी भी भैंस को डायबिटीज नही होती, किसी भी बैल को मनके का तरस नही होता सुना है बेल एक दिन में तीन टन वजन लेके जाता है तीन हजार किलो और कम से कम 60 किलो वजन चलता है किसी भी बेल को आज तक नही सुना की मनके का तरस हो गया और ये मनुष्य 10 किलो का एक कट्टा उठाये तो मनके का तरस हो जाये डायबिटीज हो जाये और अस्थमा हो जाये 148 रोगों की लिस्ट है, जो कभी भी हो जाये.
मेरी आपको एक छोटी से सुचना है कि भोजन के बाद पानी मत पियो, तो आप कहेंगे इससे क्या होगा. आप जो कुछ भी खायेंगे उसके बाद पेट में अग्नि प्रदीप्त होगी, अग्नि से भोजन का पाचन हो जाएगा, पाचन के बाद उसमे से मास, मज्जा, मल, मूत्र, वीर्य ठीक से बढ़ जाएगा वो शरीर के काम आ जाएगा इसलिए भोजन के बाद पानी मत पीओ, तो आप पूछेंगे कब तक न पिए पशु तो 4 घंटे में पिटे है, अभी मैं आपको एक सरल जानकारी दे देता हूँ, कब आप पी कर सकते है, हम जो कुछ भी खाते है वो पहले पेस्ट में बदलता है पेस्ट आप समझते है की कोई वस्तु न तो द्रव है न तो ठोस है, बीच की अवस्था है. न तो सॉलिड है न तो लिक्विड है बीच की अवस्था को पेस्ट कहते है. हमने जो कुछ भी खाया वो पेस्ट में बदलता है. इसको लगभग 1 घंटा लगता है और पेस्ट के बाद अगला जो चरण है, वो है रस बनने का पहले पेस्ट बनेगा, भोजन फीर रस में बदलता है, और रस बदलने का जो समय है वो 1 घन्टे से शुरु होता है और 2 घंटे तक चलता है. यह आप पहले से ही जानते है कि कोई भी चीज रस बने तो उसमे पानी का होना आव्श्यक है. जब भोजन का रस बनना शुरू होता है, उस समय पानी पीना सबसे अच्छा होता है. तो कम से कम 1 घंटे बाद ज्यादा से ज्यादा दो घंटे बाद पानी पीना है.