जानकारी के मुताबिक बाजार में बिकने वाला यह मिलावटी चावल एक कटोरा पॉलीथीन बैग खाने के बराबर है। खबर पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन हाल ही में लीक फैक्ट्री के एक वीडियो में यह घटना सामने आई है। भारत में इलेक्ट्रॉनिक सामानों के अलावा खाद्य पदार्थ भी चीन से आयात किया जाता है। ऐसे में वहां से आयात किया जाने वाला मिलावटी चावल दरअसल प्लास्टिक से बना है। प्लास्टिक से बना यह चावल भी सामानय चावल की तरह पकाने पर आसानी से गल जाता है। लेकिन खाने के बाद यह चावल शरीर को किस कदर हानि पहुंचाएगा, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
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ऐसे करें पहचान –
चमक- जब आप चावल को ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे प्लास्टिक के चावल असली चावल की तुलना में ज्यादा चमकीला नजर आता है।
आकार- अगर दो तरह के नकली चावलों को एक साथ मिलकर देखेंगें, तो सारे चावलों की मोटाई और आकार, एक जैसा ही दिखाई देगा।
वजन- नकली चावल का वजन असली की तुलना में हल्का होता है, इसीलिए तौलने पर नकली चावल की मात्रा अधिक होगी ।
भूसी- नकली चावल बिल्कुल साफ सुथरा होगा, जबकि असली चावल में कहीं न कहीं धान की भूसी मिल ही जाएगी।
खुशबू- चावल को पकाते वक्त उसे सूंघ कर देखें। प्लास्टिक चावल पकते वक्त, बिल्कुल प्लास्टिक की तरह महकते हैं।
कच्चापन- प्लास्टिक चावल काफी देर तक पकाने के बाद भी ठीक से नहीं पकता, जबकि असली चावल अच्छी तरह से पक जाता है।
मांड- प्लास्टिक चावल को पकाने के बाद, बचे हुए उसके पानी यानि मांड पर सफेद रंग की परत जम जाती है, जबकि असली चावल में ऐसा नहीं होता।
अगर इस मांड को कुछ देर तक धूप में रख दिया जाए, तो यह पूरी तरह से प्लास्टिक बन जाता है, जिसे जलाया भी जा सकता है। यह एक बेहतर तरीका है, प्लास्टिक चावल को पहचानने का । भिगोते वक्त ध्यान रखें, प्लास्टिक चावल पानी में नहीं तैरता क्योंकि यह सौ फीसदी प्लास्टिक नहीं होता, इसमें आलू और शकरकंद भी मिला होता है। जबकि कुछ असली चावल पानी में तैरते हैं।