भीलवाड़ा ( राजस्थान).आवश्यकता आविष्कार की जननी है..’ इस कहावत को सच कर दिखाया है चाखेड़ के किसान पारस बैरवा ने। जी हां, राजस्थान के भगवानपुरा गांव किसान ने जुताई के लिए देसी जुगाड़ तैयार की है। उनके पास ट्रैक्टर की व्यवस्था नहीं होने पर जुगाड़ के सहारे बाइक को जुताई का साधन बना लिया। इन्होंने कबाड़ की बाइक में हल लगाकर बनाए इस जुगाड़ अपने खेत की जुताई की।
जानें किसान को कैसे आया आइडिया….
– पारस 15 साल गुजरात के राजकोट शहर में रहे हैं। वहां कई किसानों के पास इस तरह के जुगाड़ देखे।
– दो साल पहले घर आए तो पुरानी बाइक सस्ते में खरीदकर लोहे के कुछ पाइप, एंगल आदि लगाकर उसे खेती के लिए उपयोगी बना दिया।
– इस पर करीब 25 हजार रुपए खर्च हुए थे। वे अब इसी से खेतों की जुताई करते हैं। इन दिनों भी बुआई में जुटे हैं।
– पारस कहते हैं- इस जुगाड़ से बनाए यंत्र से निराई-गुड़ाई भी आसानी से हो जाएगी।
– इस जुगाड़ की सहायता से एक दिन में करीब 15-20 मजदूरों जितना काम कर लेता हूं।
– उनका दावा है कि दो साल के दौरान करीब लाख रुपए की बचत की है। गांव के कई लोगों को यह जुगाड़ देकर मदद भी की।
राजस्थान के झालावाड़ में भी किसान ने जुताई के लिए देसी जुगाड़ तैयार कर खेती कर रहे है।
– इन्होंने बाइक में हल लगाकर बनाए इस जुगाड़ से 10 बीघा खेत की जुताई की।
– उन्होंने बताया कि बैल और ट्रैक्टर नहीं होने के कारण यह जुगाड़ बनाया।
– किसानो को जब हल और ट्रैक्टर नहीं मिले तो ये नई तरकीब निकाल ली।
– किसानों ने अपनी दो बाइकों में हल लगाकर खेत की जुताई करनी शुरु कर दी।
किसान कालूवाल ने बताया कि एक बीघा खेत की बुआई करने में आधा लीटर पेट्रोल की खपत होती है जबकि बैलों या ट्रैक्टर से करें तो करीब 350 रुपए लग जाते हैं।
– इन्होंने बाइक में हल लगाकर बनाए इस जुगाड़ से 10 बीघा खेत की जुताई की।
– उन्होंने बताया कि बैल और ट्रैक्टर नहीं होने के कारण यह जुगाड़ बनाया। उन्होंने बताया कि इससे कम पैसे में ज्यादा काम होता है और समय की भी बचत होती है।
-गरीबी की वजह वे पढ़ाई नहीं कर पाए, खेती-बाड़ी में अपने पिता की मदद करने लगे।
– पानी के संकट और बैलों की मौत की वजह से पूरी फैमिली खेती छोड़ने को मजबूर थे।
– बैलों की जगह पर ट्रैक्टर खरीदने का तो सवाल ही नहीं उठता था।
– उन्होंने अपनी बाइक को ही ट्रैक्टर बनाने की ठान ली।
– कड़ी मेहनत के बाद उनका सपना पूरा हुआ। वे बाइक से खेती करने में सफल हो गए।