बाजरा या रागी सामान्यतः दक्षिण भारत के रसोईंघरों में नियमित रूप से प्रयोग किया जाता है। वास्तव में यह दक्षिण भारत के कई गावों का प्रमुख भोजन है। रागी कैल्शियम, लौह, प्रोटीन, रेशे और अन्य खनिजों का समृद्ध स्रोत है। इस अनाज में वसा की मात्रा कम होती है और यह मुख्यतः असंतृप्त वसा होता है। यह पचने में आसान होता है और ग्लूटिन नहीं होता, इसलिये जो लोग ग्लूटिन के प्रति संवेदनशील होते हैं वे बाजरे को आसानी से प्रयोग कर सकते हैं।
रागी को सबसे अधिक पोषण वाले अनाजों में से एक माना जाता है। रागी एक अत्यधिक पोषणयुक्त अनाज है और अच्छे स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिये लाभदायक है। हलाँकि इसके अधिक मात्रा में सेवन से शरीर में ऑक्सैलिक अम्ल की मात्रा बढ़ जाती है। इसलिये वृक्क में पथरी वाले मरीजों को इसकी सलाह नहीं दी जाती।
मोटापा कम करने के लिये रागी
रागी में एक अमीनो अम्ल ट्रिप्टोफैन होता है जिससे भूख कम लगती है और भार को नियन्त्रित करने में सहायक होता है। रागी धीमी दर से पचता है इसलिये अतिरिक्त कैलोरी ग्रहण करने से रोकता है। रागी में रेशे होने के कारण भी पेट भरा होने का अहसास होता है इसलिये अतिरिक्त भोजन की खपत को नियन्त्रित करता है।
हड्डियों के स्वास्थ्य के लिये रागी
रागी कैल्शियम के मामले में समृद्ध होता है इसलिये हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होता है। यह बढ़ते बच्चों और वृद्ध हो रहे लोगों के लिये कैल्शियम का सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक स्रोत है।
मधुमेह के लिये रागी
बाजरे में उपस्थित रसायन पाचन की प्रक्रिया को धीमा करने में सहायक होते हैं। मधुमेह की स्थिति में यह रक्त में शर्करा की मात्रा को नियन्त्रित करने में सहायक होता है।
रक्त में कोलेस्ट्रॉल की कमी के लिये रागी
इसमें लेसिथिन और मिथियोनिन नामक अमीनो अम्ल होते हैं जो यकृत से अतिरिक्त वसा को हटा कर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करते हैं।
खून की कमी के लिये रागी
रागी लौह का बहुत अच्छा प्राकृतिक स्रोत है। रागी की खपत से खून की कमी की स्थिति बेहतर होती है।
शान्ति के लिये रागी
रागी की खपत से शरीर प्राकृतिक रूप से शान्त होता है। यह उत्सुक्ता, अवसाद और नींद न आने की स्थितियों में फायदेमन्द होता है। रागी माइग्रेन के लिये भी लाभदायक है।
प्रोटीन या अमीनो अम्ल के लिये रागी
शरीर की सामान्य क्रियाशीलता तथा मरम्मत के लिये आवश्यक अमीनो अम्ल के मामले में रागी काफी धनी है। यह शरीर में नाइट्रोजन सन्तुलन के लिये भी सहायक है।
अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के लिये रागी
यदि रागी का नियमित रूप से सेवन किया जाय तो यह कुपोषण, क्षरण सम्बन्धी रोग और असमय वृद्ध होने की प्रक्रियाओं को दूर करता है।
उच्च रक्त चाप को ठीक करता है
उच्च रक्तचाप, यकृत रोगों, हृदय की कमजोरी, अस्थमा से ग्रस्त लोगों तथा दूध पिलाने वाली माताओं में दूध की कमी के लिये यह टॉनिक का कार्य करता है।
साबूदाना
सफेद मोतियों की तरह दिखने वाला छोटे आकार क साबूदान व्रत-उपवास में प्रमुख रूप से खाया जाता है। वैसे तो इसका प्रयोग केवल फलाहार के तौर पर किया जाता है, लेकिन इसके गुणों से अभी तक कई लोग अनजान ही है। अगर आप भी नहीं जानते इसके गुणों के बारे में तो जानिए साबूदाने के यह 10 प्रमुख लाभ
1 गर्मी पर नियंत्रण
एक शोध के अनुसार साबूदाना आपको तरोताजा रखने में मदद करता है, और इसे चावल के साथ प्रयोग किए जाने पर यह शरीर में बढ़ने वाली गर्मी को कम कर देता है।
2 दस्त लगने पर
जब किसी कारण से पेट खराब होने पर दस्त या अतिसार की समस्या होती है, तो ऐसे में बगैर दूध डाले साबूदाने की बनी हुई खीर बेहद असरकारक साबित होती है और तुरंत आराम देती है।
3 ब्लड प्रेशर
साबूदाने में पाया जाने वाल पोटेशियम रक्त संचार को बेहतर कर, उसे नियंत्रित करता है, जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। इसके अलावा यह मांसपेशियों के लिए भी फयदेमंद है।
4 पेट की समस्याएं
पेट में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर साबूदाना खाना काफी लाभप्रद सिद्ध होता है, और यह पाचनक्रिया को ठीक कर गैस, अपच आदि समस्याओं में भी लाभ देता है।
5 एनर्जी
साबूदाना कार्बोहाइड्रेट का एक अच्छा स्त्रोत है, जो शरीर में तुरंत और आवश्यक उर्जा देने में बेहद सहायक होता है।
6 गर्भ के समय
साबूदाने में पाया जाने वाला फोलिक एसिड और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स गर्भावस्था के समय गर्भ में पल रहे शिशु के विकास में सहायक होता है।
7 हड्डियां बने मजबूत
साबूदाने में कैल्शियम, आयरन, विटामिन-के भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाए रखने और अवश्यक लचीलेपन के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
8 वजन
जिन लोगों में ईटिंग डिसऑर्डर की समस्या होती है उनक वजन आसानी से नहीं बढ़ पाता। ऐसे में साबूदाना एक बेहतर विकलप होता है जा उसका वजन बढ़ाने में सहायक है।
9 थकान
साबूदाना खाने से थकान कम होती है। यह थकान कम कर शरीर में आवश्यक उर्जा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।
10 त्वचा
साबूदाने का फेसमास्क बनाकर लागाने से चेहरे पर कसाव आता है, और झुर्रियां भी कम होती है। यह त्वचा में कसाव बनाए रखने के लिए भी फायदेमंद है।