टमाटर केचप और ब्रेड, डबल रोटी, पाँव रोटी के दुष्परिणाम

39615

में अपने अनुभव से या खुद आप अपने अनुभव से ये बात कह सकते हैं की दुनिया मैं अगर भोजन पर सबसे ज्यादा रिसर्च अगर कहीं हुईं तो वो भारत मैं हुईं और अगले हजारों सालों में होगी तो वो भारत में ही होगी । क्यों ? दूसरे देशों में भोजन ही नहीं हैं, रिसर्च क्या करेंगे? वो भोजन कब को रिसर्च करे.. आप में से बहुत सारे लोग यूरोप,अमेरिका में गए होंगे, आप देखिये भोजन क्या हैं उनके पास.. ले देंगे के एक पाँव की रोटी या डबल रोटी, अब वो आलू से खा लो या प्याज से खा लो, प्याज से खा लो या आलू से खा लो,उसको बीच में काट कर प्याज भर लो या फिर प्याज बगल में रख कर खा लो, उसको पिझ्झा कह दो, बर्गर कह दो, हॉट डॉग कह दो, कोल्ड डॉग कह दो वो प्रिपरेशन तो एक ही हैं ना ? और वो प्रिपरेशन है मैदा का, मैदा को सड़ाकर बनाया हुआ इसके अलावा उनके पास कुछ है नहीं जिसे फ़ूड स्टफ कहाँ जाये माने सॉलिड भोजन! और अगर हम भारत की बात करे तो यहा एक से एक भोजन है . अगर आप रोज अलग भोजन करे तो आपकी उम्र निकल जाएगी लेकिन भोजन ख़तम नहीं होंगे इतने भोजन है, आपसे हाथ होड़कर प्रार्थना है कि ये विडियो देखे और इनके दुष्परिणाम को जानकर अपने और अपने परिवार की बिमारियों से रक्षा करे

सारी जानकारी लिख पाना असंभव है ये विडियो देखिए >>

असली और नकली में फर्क यह है कि (हांलाकि हानिकारक दोनों है) असली टोमैटो सॉस केवल टोमैटो पेस्ट से तैयार किया जाता है। टोमैटो पेस्ट की कीमत 60 से 70 रुपए प्रति किलो है, जबकि नकली 20 से 30 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से मिल जाती है। इसे बनाने के लिए गाजर, पेठा, मैदा समेत विभिन्न केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। स्टार्च डालकर इसे गाढ़ा किया जाता है। इस तरह के सॉस की केन आपको जगह-जगह रेहड़ी-ठेलों पर बर्गर, पिज्जा, चाउमिन, टिक्की, समोसे बेचने वालों के पास आसानी से दिख जाएगी।

विडियो डाउनलोड करने के लिए यहा क्लिक करे >>

अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी तो जन-जागरण के लिए इसे अपने  Whatsapp और  Facebook पर शेयर करें