गर्मियों आते ही लोगों का खान-पान पूरी तरह से बदल जाता है। ऐसी चीजों का सेवन ज्यादा किया जाता हैं जो गर्मी में ठंडक का अहसास दिलाती हैं। बच्चे हो या बड़े, आइसक्रीम, स्मूदी, सॉफ्ट ड्रिंक्स और जूस आदि सभी को पसंद आते हैं। बहुत से लोग ऐसे हैं जो डिब्बाबंद जूस का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं लेकिन अगर डिब्बाबंद जूस की बजाए ताजे फलों का सेवन किया जाए तो बेस्ट हैं क्योंकि यह पैकड जूस आपकी सेहत को फायदे की बजाए नुकसान पहुंचाता है। दरअसल, फलों में प्राकृतिक मिठास और रंग होता है, इसलिए इसमें अलग से मिठास और रंग देने वाली चीजों को मिलाने की जरूरत नहीं होती।
डिब्बाबंद जूस के नुकसान >>
1- पोषक तत्वों की कमी – अगर आप यह सोचते हैं कि डिब्बाबंद जूस से आपको भरपूर पोषक तत्व मिलेंगे तो आप गलत हैं। दरअसल पैकड जूस बनाने के लिए पहले फलों के रस को उबाला जाता है ताकि सारे बैक्टीरिया खत्म हो सकें लेकिन गर्म करने से बैक्टीरिया के साथ साथ इसके विटामिन व अन्य पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते हैं। इससे शरीर को फाइबर नहीं मिलता। अगर आप जूस की बजाए, सीधे फलों का सेवन करेंगे तो आपको पोषक तत्व भी मिलेंगे और फाइबर भी।
2- मोटापा – डिब्बे वाला जूस आपके वजन को बढ़ा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, प्राकृतिक फल और सब्जियों की तुलना में यह डिब्बाबंद जूस वजन तेजी से बढ़ाते हैं।
3- डायबिटीज – अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो इन डिब्बाबंद जूस का सेवन ना करें क्योंकि ये जूस ये जूस रिफाइंड शुगर से बने होते हैं जो डायबिटिक लोगों के लिए ठीक नहीं है। भले ही इसमें शुगर फ्री की सूचना दी गई हो तब भी डायबिटीज मरीजों को इनसे परहेज करना चाहिए।
4- कृत्रिम रंगों का प्रयोग – इन्हें लंबे समय तक सुरक्षित और कलर देने के लिए कृत्रिम रंगों का इस्तेमाल किया जाता हैं। कई बार ये रंग सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं।
5- पेट की गड़बड़ी – नाशपाती, सेब, चेरी जैसे कुछ फलों में सॉर्बिटॉल जैसी शुगर मौजूद होती है जो आसानी से पचती नहीं जो पेट में गैस, दस्त और डायरिया जैसे परेशानी सामने ला सकती है। सॉर्बिटॉल एक कार्बनिक अल्कोहल है जो चीनी या मिठास के लिए खाने और टूथपेस्ट जैसी चीज़ों में इस्तेमाल किया जाता है। इस कृत्रिम मिठास का इस्तेमाल आजकल बहुत सी चीजों में हो रहा है।
वहीं विशेषज्ञों की मानें तो इन डिब्बे वाले जूस में बहुत ज्यादा मिठास होती हैं जो सेहत को नुकसान देती हैं खासकर बच्चों के लिए क्योंकि यह शरीर में शक्कर की मात्रा को बढ़ाती है जो स्वास्थ के लिए सही नहीं है, इससे कम उम्र में मोटापे जैसी अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता हैं। इसकी जगह पर गर्मियों में ज्यादा से ज्यादा ताजे फल और उनका जूस, लस्सी (छाछ) आदि का सेवन किया तो अच्छा है। कोलेस्ट्राल को नियंत्रित और एसिडिटी से राहत दिलाने में छाछ बेस्ट है।
दोस्तों इसलिए आपसे निवेदन है कि ये विज्ञापन के मायाजाल में फंसकर अपना स्वास्थ्य बरबाद ना करे, अपने और अपने परिवार की सेहत के लिए या तो फल लाकर घर में जूस बनाए अगर ऐसा नहीं कर सकते तो आपके पास की मार्किट में जूस वाले से ताजा जूस निकलवाकर लाए. ताकि आपका पैसा आपके शहर में ही रहे, विदेश ना जाए और आपका शहर ही तरक्की करेगा. सोचा अगर आप किसी ठेले वाले से जूस लेते है. अगर आसपास के लोग पैक जूस छोड़कर उससे ताजा जूस लेने लगे तो कल वो खुद की दुकान ले लेगा, अगर और व्यापार बढ़ा तो बड़ी दुकान लेगा और आपके लिए बैठने आदि की व्यवस्था भी करेगा. और आपके लोकल एरिया के कुछ लोगो को रोजगार भी मिलेगा और जब ठेला वाला खुद की दुकान लेगा तो आपका शहर भी तो तरक्की करेगा. ये लोग कभी कभी थोडा पानी जरुर मिला देते है लेकिन कभी इन कंपनियों की तरह केमिकल या कलर नहीं मिलाते.