चाय जो आप बनाते है उसमें चाय से ज्यादा नुकसानदायक चीनी है । ये जो शुगर है ना, चीनी इसका चाय के साथ कोई मेल नहीं है । अगर आप चाय पी रहे है, वैसे तो मत पीये क्यांकि आपके तासीर के अनुकूल नहीं है । चाय के जो केमिकल है ना ? भारत के लिए उपयोगी नहीं है । युरोप और अमेरिका के लिए बहुत अच्छा है । गरम देशों मे चाय, कॉफी ठीक नही है । फिर भी अगर आप पी रहें है, आप मानते है खराब है लेकिन आदत है तो में एक तरीका बता देता हूँ । वो तरीका ये है की चीनी की जगह गुड का चाय पीजिये । क्यों पीये ? वो समझ लीजीए, गुड जो है ना, क्षारीय है। और चीनी अम्लीय है । चीनी जब डिसइंटिग्रेड (Disintegrate) होती है तो अंतिम परिणाम जो है वो एक एसिड के रूप में ही है । और गुड जब डिसइंटिग्रेट होता है । तो उसको अंतिम परिणाम क्षारीय है । पेट में वैसे ही आम्ल ज्यादा है और सुबह पेट में ज्यादा आम्ल होता है और उस समय अगर चीनी मिलाई हुई चाय पीयेंगे तो ये एसिडिटी बढाएगी आपकी ।
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तो बेहतर है आप चाय पीये तो गुडवाली पीये । अब गुडवाली चाय जब पीये तो दूध नहीं डाल सकते, क्योंकि दूध फट जायेगा गुड में । क्योंकि दूध् और गुड की दोस्ती नही है । तो फिर बीना दूध् की चाय पीये । तो आप काली चाय पीये । गुड डाल के पीये । और मेरी छोटी सी बात अगर मान ले, की काली चाय अगर गुड डालकर आप पी रहे है तो थोडा-सा नींबू का रस डालेंगे तो न्यूट्रलाईज होगी ये । नींबू का रस एसिडिटी है, गुड का रस क्षारीय है । तो गुड मिलायी हुई चाय को अगर न्यूट्रल करना है तो थोडा नींबू डालकर नींबू की चाय पीये । ठीक है ? लेकिन इसको पीने से पहले पानी जरूर पीये । वो नियम ना भूले । गुड डाला चाय में तो क्षारपण आया तो थोडा नींबू डालेगे तो न्यूट्रल हो जायेगा । वो आप पीये तो जीवनभर बिना किसी दुःख और तकलीफ आप पी सकते है । और अगर आपको बन पाए तो हरे पत्ते की चाय पीये । ये जो चाय आती है ना, बाजार में, टी स्पून ये आपके लिए अच्छी नहीं है । आपको हरे पत्तेवाली चाय मिल रही है तो कम से कम इतना जरूर फायदा है कि वो एंटी ऑक्सिडंटल प्रॉपर्टी वाली है क्यांकि हरे पत्तों को सीधे निकालकर, सुखाकर आप बना रहे है । तो वो इससे बेहतर है जो चूरे वाली चाय आप पी रहे है । थोडी बेहतर है ।