जानिए कैसे आप कोलेस्ट्रोल को कम कर सकते है, कुछ ही महीनो में नार्मल हो जाएगा

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राजीव जी ने डायबिटीज के मरीजो को कोलेस्ट्रोल कम करने में कोनसी बातों का ध्यान रखना चाहिए उनके बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि डायबिटीज के मरीजो को उनका कोलेस्ट्रोल कम करने की ज़रूरत है. खान पान ऐसा रखिये के जिसमे कोलेस्ट्रोल कम हो जाये. कोलेस्ट्रोल कम करना है तो कभी भी डालडा मत खाइए क्योंकि ये डालडा कोलेस्ट्रोल को सबसे ज्यादा बढ़ाता है. डालडा कई अलग अलग नामो से बाज़ार में मिलता है. डालडा मतलब वेजिटेबल ओईल यानि के वनस्पति घी. ये बिलकुल मत खाइए क्यूंकि इसी से कोलेस्ट्रोल बढ़ता है.

दुनिया में दो ही चीजे है जिनसे सबसे ज्यादा कोलेस्ट्रोल बढ़ता है. एक वनस्पति घी और दूसरा है मांस. मांस चाहे मुर्गे- मुर्गी का हो, बकरे-बकरी का हो या फिर भेंस का हो. किसी भी जानवर का मास कोलेस्ट्रोल बढ़ाता है.

उन्होंने आगे बताया कि एक और चीज़ है जो कोलेस्ट्रोल बढाती है, बज्ज़र में मिलने वाले रिफाइंड आयल, डबल रिफाइंड या ट्रिपल रिफाइंड आयल से कोलेस्ट्रोल बढ़ता है. अगर आप ज़िन्दगी में किसी चीज़ से नफरत कर सकते है तो रिफाइंड आयल से करिए. किसी भी नाम का रिफाइंड आयल हो वो मत खाइए. उस से कोलेस्ट्रोल नहीं बढ़ेगा. वनस्पति घी, मांस और रिफाइंड आयल नहीं खाने से कोलेस्ट्रोल नहीं बढ़ेगा.

क्या आपने कभी विचार नहीं किया ?? कि आखिर जिस Refine तेल से आप अपनी और अपने छोटे बच्चों की मालिश नहीं कर सकते, जिस Refine को आप बालों मे नहीं लगा सकते, आखिर उस हानिकारक Refine तेल को कैसे खा लेते हैं ?? आज से 50 साल पहले तो कोई रिफाइन तेल के बारे में जानता नहीं था, ये पिछले 20 -25 वर्षों से हमारे देश में आया है |

कुछ विदेशी कंपनियों और भारतीय कंपनियाँ इस धंधे में लगी हुई हैं | इन्होने चक्कर चलाया और टेलीविजन के माध्यम से जम कर प्रचार किया लेकिन लोगों ने माना नहीं इनकी बात को, तब इन्होने डोक्टरों के माध्यम से कहलवाना शुरू किया | डोक्टरों ने अपने प्रेस्क्रिप्सन में रिफाइन तेल लिखना शुरू किया कि तेल खाना तो सफोला का खाना या सनफ्लावर का खाना, ये नहीं कहते कि तेल, सरसों का खाओ या मूंगफली का खाओ, अब क्यों, आप सब समझदार हैं समझ सकते हैं,

शायद आप मानते होंगे कि तेल और घी खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. भाई राजीव जी ने बताया कि तेल और घी शरीर के लिए उतना ही आवश्यक है जितना आपके शरीर के लिए पानी. अगर तेल और घी आपके शरीर में नहीं होगा तो आपका शरीर नही चलेगा. सवेरे से शाम आप कई बार अपने शरीर को मोड़ते है, कई किलोमीटर चलते है फिर भी आपके घुटने और कमर अच्छे से काम करते है. ये सब तेल और घी का ही प्रताप है. शरीर को तेल भी चाहिए और घी भी चाहिए. लेकिन कोनसा तेल और कोनसा घी ये महत्व की बात है. फैट चाहिए, बिना फैट के जिंदगी चलेगी नहीं. लेकिन अच्छा वाला फैट चाहिए. जिसको सरल भाषा में गुड फैट बोला जाता है.

विज्ञान की भाषा में कहा जाये तो आपके शरीर को हाई डेंसिटी लिपो-प्रोटीन चाहिए. जिसको एचडीएल भी कहा जाता है. लेकिन आपके शरीर को एलडीएल और बीएलडीएल यानि की वैरी लो डेंसिटी लिपो-प्रोटीन नहीं चाहिए. ये दोनों प्रोटीन फैट का एक सोर्स है. एचडीएल के बिना हमारा शरीर चलेगा नहि. और ये सबसे ज्यादा ऐसे तेल में मिलता है जो सीधा घानी से निकल कर आता है. आप कहेंगे के ऐसे तेल में से तो बांस आती है या फिर उसका कलर दिखने में अच्छा नहीं लगता. लेकिन उसकी बांस और कलर ही प्रोटीन है. और वास्तव में ये दोनों से ही एचडीएल मिलता है जो शरीर के लिए आवश्यक है.

भाई राजीव जी ने बताया कि पामोलिन तेल और डालडा तेल हमारे शरीर के लिए हानिकारक है. उन्होंने बताया कि पामोलिन तो डालडा से भी ज्यादा खराब है. क्योंकि पामोलिन को दीसेन्त्रिगत करने के लिए शरीर का तापमान 40 से 47 डिग्री तक होना चाहिए. इतना तापमान बुखार आने पर ही होता है. इसका मतलब ये है कि स्वस्थ व्यक्ति को पामोलिन आयल कभी पचता नहीं है. आप एक ऐसा नियम बनाये कि आप जब भी होटल में जाए तब सबसे पहला सवाल खाना कोनसे तेल में बना है वो पूछिये. अगर उनका जवाब डालडा, पामोलिन, रिफाइंड या डबल रिफाइंड हो तो वहाँ का खाना न खाए. अगर वो आपसे पूछे कि आप कोनसा तेल खाते हो तो उनको बताना के अगर खाना मूंगफली के तेल में, तील के तेल में या फिर राइ के तेल में बना हो तो ही आप खायेगे.

राजीव जी ने बताया कि वो मानते है कि डॉक्टर ने देशी घी खाने से  कोलेस्ट्रोल बढ़ता है ऐसी ग़लतफहमी फैलाई है. कई बार आपको डॉक्टर बताते है कि घी मत खाओ, तेल  मत खाओ, इससे कोलेस्ट्रोल बढ़ता है. उन्होंने आगे बताया कि देशी गाय के दूध से बनाये गए देशी घी खाने से कोलेस्ट्रोल नहीं बढ़ता है.

इस विडियो में देखिए कैसे आप कोलेस्ट्रोल को नार्मल कर सकते हो >>