शरीर की साफ सफाई, नहाने का साबुन बाहरी त्वचा को साफ़ रखने एवं उसे नरम मुलायम बनाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। अतः साबुन का प्रयोग करने से आपकी होगी और आप किसी भी तरह की त्वचा की बीमारियों से दूर रहेंगे। आज आप बाज़ार में जाने पर कई तरह के और कई कंपनियों के साबुन पाएंगे और आप इस बात को लेकर चिंता में पड़ सकते हैं कि इनमें से आपकी त्वचा के लिए सबसे सही साबुन कौन सा होगा। इसे बनाने के कई तरीके हम आपको बता रहे है.
फार्मूला – 1
सामग्री –
- * नारियल तेल – 1 किलो ग्राम
- * कास्टिक पोटाश – 250 ग्राम
- * चने का बेसन – 250 ग्राम
- * पानी – 1 लीटर
- * रंग (तेल में घुलने वाला) – 2 ग्राम (1 चुटकी)
- * सेंट (इच्छानुसार) – आवश्यकतानुसार
बनाने की विधि :-
(1). प्लास्टिक के बर्तन में 1 लीटर पानी में 250 ग्राम कास्टिक पोटाश डालकर लकड़ी से अच्छी चलाकर घोले| इस घोल को लई कहते है| इस घोल को 5-6 घंटे डिस्चार्ज (ठंडा) होने के लिये छोड़ दे|
(2). दुसरे बर्तन में 1 किलो तेल में 250 ग्राम बेसन डालकर अच्छी तरह मिलाए, ताकि तनिक भी गांठ ना रहे|
(3). 5-6 घंटे तक ठण्डा हो जाने पर कास्टिक पोटाश के घोल को धीरे धीरे तेल बेसन के घोल में डालकर लकड़ी के डंडे से मिलकर तेजी से घुटाई करते जाए| यह घोल धीरे धीरे गाढे पेस्ट में बदलता जायेगा| घुटाई सामान्यत 4-5 मिनट तक की जाए| जितनी घुटाई की जाएगी उतना ही अच्छा साबुन बनेगा| यह कार्य 2 व्यक्ति अच्छी तरह कर सकते है
(4). साबुन पेस्ट को अब लकड़ी के सांचे अथवा बर्तन में जिसमे साबुन को जमाना है भर दे तथा 10-12 घंटे के लिये छोड़ दे| जमने के बाद निर्धारित साईज की टिकिया बनाए और पैकिंग करे|
फार्मूला 2
सामग्री –
* सोयाबीन तेल – 500 ग्राम
* नारियल तेल – 500 ग्राम
* कास्टिक सोडा – 100 ग्राम
* घुलनशील रंग – आवश्यकतानुसार
* गलेसरिन – 10ग्राम
* सुगंध – 5 ग्राम
बनाने की विधि –
(1). सबसे पहले सोयाबीन व नारियल के तेल को एक बर्तन में मिलाकर कडाही में गुनगुना गर्म करे
(2). इसके बाद 1 लि0 पानी में कास्टिक सोडा मिलाकर इसे तेल में मिलाते हुए घोंटते जाए| पानी ज्यादा हो तो नमक का छिडकाव करे, इससे साबुन पेस्ट और पानी अलग अलग हो जायेगे
(3). साबुन पेस्ट अलग निकालकर इसमे रंग, गलेसरिन व सुगंध मिलकर प्लास्टिक डिब्बे में रख ले| तीन दिन में साबुन जम जायेगा
(4). अब तार से कटिंग करके डाई के जरिए मनचाहा आकर दीजिये|
सावधानियां –
(1). कास्टिक पोटाश अथवा इसके घोल को हाथ से न छुए
(2). कास्टिक पोटाश को खुला ना छोड़े
(3). एल्युमीनियम या अन्य धातु के बर्तन का प्रयोग ना करे
(4). कास्टिक पोटाश के घोल को कम से कम 5-6 घंटे ठंडा होने के बाद ही बेसन के घोल में साबुन बनाने हेतु मिलाए | गर्म में मिलाने से घोल फट सकता है| जमने में भी दिक्कत हो सकती है
(5). यदि कास्टिक पोटाश उपलब्ध नहीं होता है तो इसके स्थान पर 175 ग्राम से 200 ग्राम ताक कास्टिक सोडा भी इस्तेमाल किया जा सकता है| ऐसे स्थिति में ५० ग्राम गलेसरिन भी इस्तेमाल की जाती है गाढ़ा पेस्ट बन जाने पर गलेसरिन धार से डालकर पेस्ट में मिक्स की जाती है|
नहाने को गोमय साबुन बनाने का फार्मूला >>
सामग्री –
(1). नीम तेल – 20 किलो
(2). खोपरा तेल – 1 किलो
(3). मुल्तानी मिटटी – 16 किलो
(4). गेरू – 4 किलो
(5). कास्टिक सोडा – 2 किलो
(6). सिलीकेट – 8 किलो
(7). गोमुत्रा तथा गोबर रस – 20 किलो
बनाने की विधि –
(1). सर्वप्रथम नीम तथा खोपरे का तेल गुनगुना गर्म करे
(2). अब इसमें थोड़ी थोड़ी मात्रा कास्टिक सोडा डालते हुए घोटते जाइये
(3). इसके बाद इसमे गोमूत्र तथा गोबर का रस मिलकर मुल्तानी मिटटी व गेरू का पाउडर मिलाइए|
सबसे पहले सिलीकेट मिलाकर अलग में जमा दीजिये| साबुन जम जाने पर तार से कटिंग करके पैकिंग कर ले| यह त्वचा के लिये बहुत ही उम्दा साबुन है
नहाने का हर्बल सोप (साबुन) बनाने की विधि >>
सामग्री :-
(1). मुल्तानी मिटटी – 1 किलोग्राम
(2). आवंला (सुखा) – 100 ग्राम
(3). नीम की हरी पत्तियां – 100 ग्राम
(4). दही का मटठा – 250 ग्राम
(5). निम्बू का रस – 100 ग्राम
(6). रीठा – 50 ग्राम
(7). हल्दी – 25 ग्राम
(8). सुगंध व रंग – इच्छानुसार
बनने की विधि :-
(1). मुल्तानी मिटटी को इमामदस्ते में बारीक़ कूटकर छान ले
(2). 100 ग्राम नीम की पत्ती को 500 ग्राम पानी में उबालकर छान ले ताकि लगभग 400 ग्राम पानी प्राप्त हो जाये
(3). 100 ग्राम आंवले को तैयार नीम के पानी में 12 घंटे भिगोकर रख दे तत्पशचात अच्छी तरह मथकर तथा छानकर आंवला पानी तैयार करे
(4). 50 ग्राम रीठा को 100 ग्राम पानी में 12 घंटे भिगोकर रख दे तत्पश्चात अच्छी तरह मथकर तथा छानकर रीठा झाग पानी तैयार करे
(5). आंवले के तैयार घोल को मुल्तानी मिटटी के साथ घुथ कर रख ले | 4-5 घंटे बाद मिटटी में 100 ग्राम नींबू का रस तथा रूचि के अनुसार सुगंधि डालकर पुन अच्छी तरह गुथाई करे
(6). उपरोक्त तैयार सामग्री सांचे में डालकर अथवा हाथ से साबुन की टिक्की का आकर देकर छाया अथवा बहुत हलकी धुप में सुखाए पूरी तरह सूखने में मौसम के अनुसार 3 से 6 दिन ताक लग जाता है
(7). अच्छी तरह सुख जाने पर पैकिंग करे
इस साबुन का उपयोग स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत लाभकारी है
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