तुलसी करा सकती है लाखों में इनकम, जानें कैसे करें बिजनेस

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नई दिल्‍ली. कम समय और कम लागत में कमाई का विकल्‍प तलाशने वालों के लिए मेडिसिनल प्‍लांट (औषिधीय पौधों) की खेती और बिजनेस काफी लाभदायक हो सकता है। इन प्‍लांट की खेती के लिए न तो बड़ुत बड़े फार्म की जरूरत होती है और न ही ज्‍यादा इन्‍वेस्‍टमेंट की। इनकी खेती आप कांट्रेक्‍ट पर खेत लेकर भी कर सकते हैं। ज्‍यादातर औषिधीय पौधों की फसल 3 से 6 महीने की होती है। इसके बाद आप इनसे  लगातार इनकम कर सकते हैं। मसलन अगर आप तुलसी की खेती करते हैं तो महज 15 से 20 हजार रुपए के इन्‍वेस्‍टमेंट से आप केवल 3 महीने में 3 से 4 लाख रुपए तक इनकम कर सकते हैं।

आईए आपको बताते हैं और कौनसे ऑषिधीय पौधे हैं जिनकी आधुनिक खेती से आप अच्‍छी खासी इनकम कर सकते हैं….

सिर्फ 3 महीनों की है तुलसी की फसल
तुलसी को ज्‍यादातर धार्मिक मामलों से जोड़कर देखा जाता है लेकिन, इसके औषिधीय गुणों के कारण तुलसी की बाजार में भी बेहद डिमांड है। लंबे समय से कई दवा कंपनियां इसके तेल का इस्‍तेमाल विभिन्‍न दवाओं में कर रही हैं। तुलसी की फसल को अप्रैल-मई में शुरू किया जा सकता है। इसकी बुआई आप दो तरीकों बीज और पौधों की कलम से कर सकते हैं। एक हेक्‍टेयर (ढाई एकड़) में इसकी खेती करने के लिए लगभग 10 किलोग्राम बीज की आवश्‍यकता होती है। तुलसी का पौधा कठोर होता है लिहाजा उस पर ज्‍यादा बीमारियां भी असर नहीं करती हैं। इसकी फसल 80 से 90 दिन में तैयार हो जाती है।

15 से 20 हजार रुपए आती है लागत
सेंट्रल इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमेटिक प्‍लांट (सीमैप) लखनऊ के वैज्ञानिक संजय सिंह ने बताया कि इस दिनों संस्‍थान ने तुलसी की नई किस्‍म सौम्‍या इजाद की है। इस किस्‍म पर बीमारियों का कम असर होता है और इसमें पैदावार भी अच्‍छी मिलती है। इसके अलावा आरआरएलओपी-14 किस्‍म की तुलसी भी उत्‍तर भारत के लिए अच्‍छी मानी जाती है। मध्‍य प्रदेश के रतलाम जिले के रितेश कुमार ने बताया कि इसकी खेती पर लगभग हेक्‍टेयर में लगभग 15 से 20 हजार रुपए का खर्च आता है। इसके अलावा निराई-गुड़ाई और सिंचाई की आवश्‍यकताओं को देखते हुए विभिन्‍न जगहों पर इसके खर्च में अंतर हो सकता है।

2 से 3 लाख रुपए हो सकती है कमाई
तुलसी की फसल से दो तरह के प्रॉडक्‍ट प्राप्‍त तोते हैं। पहला बीज और दूसरा पत्तियां। इसके बीज को सीधे मंडी में बेचा जाता है जबकि, पत्तियों से तेल निकालकर कमाई की जाती है। एक हेक्‍टेयर फसल में लगभग 120 से 150 किलोग्राम तक बीज मिल जाता है। जबकि, अच्‍छी फसल में 170 से 200 किलोग्राम तक पत्तियों से तेल प्राप्‍त किया जा सकता है। नीमच मंडी मध्‍य प्रदेश में बीज की कीमत लगभग 200 रुपए प्रति किलोग्राम के आसपास है। वहीं, तेल कीमत वर्तमान में 700 से 800 रुपए प्रति किलोग्राम है। यदि कम से कम प्रोडक्‍शन और कीमत को आधार बनाएं तो इनसे लगभग 2 से 2.25 लाख रुपए इनकम हो जाती है।

इन पौधों की है भारी डिमांड
चीन के बाद भारत दूसरा ऐसा देश है जहां पर जड़ी-बुटियों पर अधिक रिसर्च होता है। इसका कारण है दोनों ही सभ्‍यताएं दुनिया में सबसे पुरानी हैं और चिकित्‍सा पद्धति भी लगभग एक जैसी है। लिहाजा यहां औषिधीय पौधों की भारी डिमांड रहती है। इनमें आर्टिमीशिया एन्‍नुआ जिससे मलेरिया की दवा बनाई जाती है। इकलौती एक ऐसा मेडिसिनल प्‍लांट है जो सिर्फ भारत और चीन में ही पाया जाता है। इसके अलावा भात में अच्‍छी इनकम कराने वाले मेडिसिनल प्‍लांट अश्‍वगंधा, मूसली, मुलैठी, एलोवेरा, हल्‍दी आदि का नाम शामिल हैं।

Source : DB Media