4 जून 2016 से करीब सेंकडो देशभक्त जंतर मंतर नई दिल्ली पर राजीव दीक्षित हत्याकांड की जांच कराने की मांग को लेकर उपवास पर बैठे हैं। महात्मा राजीव दीक्षित सामूहिक न्याय मंच और माफिया उन्मूलन समिति के संयुक्त तत्वाधान में चल रहा यह आंदोलन अब राष्ट्रव्यापी रूप लेता जा रहा है। आंदोलन में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यपदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, राजस्थान, दिल्ली और कर्नाटक राज्यों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। आंदोलन की कोर कमेटी में मदन लाल आजाद, कांतारानी पिंगोलिया, उमा शर्मा, राजीव खुराना, अनिल सिंह, आर्यवीर अनिल, संतोष सिंह, हरेन्द्र सिंह, शंकर लाल पटेल, तुषार पाटिल, नवनीत तौमर, राकेश बिष्ट, रविन्द्र जैन, प्रखर श्रीवास्तव और नरेंद्र कुमार सहित अन्य दर्जनों साथी शामिल हैं जो इस आंदोलन को बड़ा रूप देने के लिए दिन रात जुटे हुए हैं। तीन दिन से जारी सत्याग्रह आंदोलन में सभी वक्ता एक सुर से एक ही मांग कर रहे हैं,
राजीव भाई के हत्यारों के खिलाफ हत्या, अपराधिक साजिश और सबूत मिटाने का मुकदमा दर्ज हो और जांच पूरी होने तक संदिग्ध आरोपी रामदेव बगैरा को जेल भेजा जाए। आंदोलनकारियों ने आज राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के अलावा राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को भी ज्ञापन दिया और सरकार से समयबद्ध न्यायिक जांच आयोग बनाने की मांग की। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि एक महीने के अंदर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वह जुलाई के प्रथम सप्ताह में प्रधानमंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के सामूहिक पुतले जलाएंगे और सरकार एवं रामदेव के उत्पादों का सामाजिक बहिष्कार करने के लिए देशभर में जनजागरण अभियान चलाएंगे। राजीव भाई के हत्यारों को सख्त से सख्त सजा मिले और भारत ब्रह्महत्या के कलंक मुक्त हो इसके लिए आंदोलनकारी सरकार के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करेंगे।
आंदोलनकारियों ने 20 जून को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से भी मिलने की घोषणा की है। करीब 50 सत्याग्रही कार्यकर्ता देहरादून जाकर मुख्यमंत्री कार्यालय पर धरना देकर राजीव भाई का जबरन संस्कार कर देने वाले रामदेव गिरोह के खिलाफ हरिद्वार में मुकदमा दर्ज करवाने की मांग करेंगे। राजीव दीक्षित हत्याकांड की न्यायिक जांच की मांग को लेकर राजीव भाई के गृह जनपद अलीगढ में भी धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम तय हुआ है। इसके अलावा राजीव भाई के समर्थक देश के प्रत्येक जिले से जिलाधिकारियों के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेज रहे हैं।
राजीव भाई के समर्थकों को महात्मा राजीव दीक्षित सामूहिक न्याय मंच के बैनर तले एकत्रित करने के लिए कोर कमेटी एक रथयात्रा का भी आयोजन करेगी जो यह रथयात्रा पूरे देश में घूम घूम कर सभी न्यायप्रिय सत्यमार्गी देशप्रेमी कार्यकर्ताओं को इकट्ठा करके देश में व्यवस्था परिवर्तन के लिए सत्याग्रह आंदोलन प्रारम्भ करेगी।
राजीव भाई की मृत्यु से जुडे कुछ सवाल !!
किसके आदेश पर ये प्रचारित किया गया ? कि राजीव भाई की मृत्यु दिल का दौरा पडने से हुयी है ?
29 नवंबर दोपहर 2 बजे बेमेतरा से निकलने के पश्चात जब उनको गैस की समस्या हुए और रात 2 बजे जब उनको मृत घोषित किया गया इसके बीच मे पूरे 12 घंटे का समय था 12 घंटे मे मात्र एक गैस की समस्या का समाधान नहीं हो पाया ??
आखिर पोस्ट मार्टम करवाने मे क्या तकलीफ थी ??
राजीव भाई का फोन जो हमेशा आन रहता था उस 2 बजे बाद बंद क्यों था ??
राजीव भाई के पास एक थैला रहता था जिसमे वो हमेशा आयुर्वेदिक, होमियोपैथी दवाएं रखते थे वो थैला खाली क्यों था ??
30 नवंबर को जब उनको पतंजलि योगपीठ मे अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था उनके मुंह और नाक से क्या टपक रहा था उनके सिर को माथे से लेकर पीछे तक काले रंग के पालिथीन से क्यूँ ढका था ?
राजीव भाई की अंतिम विडियो जो आस्था चैनल पर दिखाई गई तो उसको एडिट कर चेहरे का रंग सफेद कर क्यों दिखाया गया ?? अगर किसी के मन को चोर नहीं था तो विडियो एडिट करने की क्या जरूरत थी ??
अंत पोस्टमार्टम ना होने के कारण उनकी मृत्यु आजतक एक रहस्य ही बन कर रह गई !!
राजीव भाई के कई समर्थक उनके जाने के बाद बाबा रामदेव से काफी खफा है क्योंकि बाबा रामदेव अपने एक व्याख्यान मे कहा कि राजीव भाई को हार्ट ब्लोकेज था, शुगर की समस्या थी, बी.पी. भी था राजीव भाई पतंजलि योगपीठ की बनी दवा मधुनाशनी खाते थे ! जबकि राजीव भाई खुद अपने एक व्याख्यान मे बता रहे हैं कि उनका शुगर, बीपी, कोलेस्ट्रोल सब नार्मल है !! वे पिछले 20 साल से डॉक्टर के पास नहीं गए ! और अगले 15 साल तक जाने की संभावना नहीं !!
और राजीव भाई के चाहने वालो का कहना है कि हम कुछ देर के लिए राजीव भाई की मृत्यु पर प्रश्न नहीं उठाते लेकिन हमको एक बात समझ नहीं आती कि पतंजलि योगपीठ वालों ने राजीव भाई की मृत्यु के बाद उनको तिरस्कृत करना क्यों शुरू कर दिया ??
मंचो के पीछे उनकी फोटो क्यों नहीं लगाई जाती ??
आस्था चैनल पर उनके व्याख्यान दिखाने क्यों बंद कर दिये गए ?? कभी साल अगर उनकी पुण्यतिथि पर व्याख्यान दिखाये भी जाते है तो वो भी 2-3 घंटे के व्याख्यान को काट काट कर एक घंटे का बनाकर दिखा दिया जाता है !!
इसके अतिरिक्त उनके कुछ समर्थक कहते हैं कि भारत स्वाभिमान आंदोलन की स्थापना जिस उदेश्य के लिए हुए थी राजीव भाई की मृत्यु के बाबा रामदेव उस राह हट क्यों गए ?
राजीव भाई और बाबा खुद कहते थे कि सब राजनीतिक पार्टियां एक जैसी है हम 2014 मे अच्छे लोगो को आगे लाकर एक नया राजनीतिक विकल्प देंगे ! लेकिन राजीव भाई की मृत्यु के बाद बाबा रामदेव ने भारत स्वाभिमान के आंदोलन की दिशा बदल दी और राजीव की सोच के विरुद्ध आज वो भाजपा सरकार का समर्थन कर रहें !! इसलिए बहुत से राजीव भाई के चाहने वाले भारत स्वाभिमान से हट कर अपने अपने स्तर पर राजीव भाई का प्रचार करने मे लगे हैं !!
राजीव भाई ने अपने पूरे जीवन मे देश भर मे घूम घूम कर 5000 से ज्यादा व्याख्यान दिये! सन 2005 तक वह भारत के पूर्व से पश्चिम उत्तर से दक्षिण चार बार भ्रमण कर चुके थे !! उन्होने विदेशी कंपनियो की नाक मे दम कर रखा था !
भारत के किसी भी मीडिया चैनल ने उनको दिखाने का साहस नहीं किया !! क्योकि वह देश से जुडे ऐसे मुद्दो पर बात करते थे की एक बार लोग सुन ले तो देश मे 1857 से बडी क्रांति हो जाती ! वह ऐसे ओजस्वी वक्ता थे जिनकी वाणी पर माँ सरस्वती साक्षात निवास करती थी। जब वे बोलते थे तो स्रोता घण्टों मन्त्र-मुग्ध होकर उनको सुना करते थे ! 30 नवम्बर 1967 को जन्मे और 30 नवंबर 2010 को ही संसार छोडने वाले ज्ञान के महासागर श्री राजीव दीक्षित जी आज केवल आवाज के रूप मे हम सबके बीच जिंदा है उनके जाने के बाद भी उनकी आवाज आज देश के लाखो करोडो लोगो का मार्गदर्शन कर रही है और भारत को भारत की मान्यताओं के आधार पर खडा करने आखिरी उम्मीद बनी हुई है !