इस इलाज से दो कदम भी ना चलने वाले मरीज अपने पैरो पर चलने लगेगा

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नमस्कार दोस्तों, एक बार फिर से आपका हमारी वेबसाइट में बहुत बहुत स्वागत है. यहाँ आपको राजीव जी द्वारा बताये गये हर प्रकार के घरेलू नुस्खे एवं औषधियां प्राप्त होंगी. आज हम आपके लिए राजीव जी द्वारा अर्थराइटिस के उपचार बतायेंगे. अर्थराइटिस दो प्रकार का होता है. तो दोस्तों अगर अपमे से किसीको अर्थराइटिस  की शिकायत है या फिर डॉक्टर ने बेड रेस्ट के लिए बोल दिया  है, तो आप घबराईये मत क्यों की राजीव जी ने इसका सस्ता एवं बेस्ट इलाज़ ढूँढ लिया है.

अर्थराइटिस के मरीजों को कई बार हद से ज्यादा तकलीफ भी हो सकती है. बहुत सरे इसे लोग भी है, जिनको 20 साल से तकलीफ है. ऐसे भी कंडीशन हो सकती है कि वह दो कदम भी न चल सके, हाथ भी ना हिला सके. उनको इतना दर्द होता है तो वह लेटे रहते हैं बेड पर और करवट भी नहीं बदल पाते. इस कंडीशन के मरीजों के लिए एक स्पेशल मेडिसिन है जो की एक पेड़ से बनती है. उस पेड़ का नाम है “हार सिंगार पेड़”. संस्कृत में इसको पारिजात भी कहा जाता है. इस पेड़ में सफेद रंग के फूल आते है और नारंगी रंग की डंडी रहती है. फूल में बहुत तेज खुशबू आती है.  रात को ही यह फूल खिलते हैं. सुबह जब आप उठेंगे तो यह आपको नीचे जमीन पर गिरे हुए मिलेंगे.

इस पेड़ के पत्तों में से 6 से 7 पत्ते लेने है. अब इनको एक बार में पीसना है. अब इसको एक गिलास पानी में मिलाकर उस को गर्म करना है. याद रखिये कि पानी को और उतना ही गर्म करना है कि पानी आधा हो जाए. फिर इसको ठंडा करके पीना है और यह सवेरे ही पीना है. इसलिए बेहतर होगा कि आप इसको रात को बनाकर रख दीजिए और सवेरे उठकर खाली पेट पी लीजिए और पिला दीजिए. जिनको भी पुराना जोड़ों का दर्द है, या जिनको बहुत तकलीफ है चल नहीं सकते हैं, बैठ नहीं सकते हैं, यह उन सब के लिए अमृत की तरह से काम करता है. आप इसको 3 महीने लगातार पीये और फिर ब्रेक लगा दें.

राजीव जी ने बताया कि, “मैंने इसमें देखा है ज्यादातर केस एक से डेढ़ महीने में ही ठीक हो जातें है. 3 महीने तक तो बहुत रियर कैस जिनको लेना पड़ता है.” इसके इलावा इसका और एक यूज़ है, कि अर्थराइटिस के अलावे अगर आपको डेंगू हो गया हो तो इससे ठीक हो सकता है. डेंगू में बुखार आता है और शरीर बुरी तरह से दर्द होता है. बुखार कई बार चला जाता है लेकिन दर्द नहीं जाता. उसमें भी इसी को इस्तेमाल करें. इसी तरह से बस इतना है कि डेंगू के केस में 15 से 20 दिन ही लेना पड़ेगा लेकिन अर्थराइटिस में डेढ़ दो महीने तक लेना पड़ेगा.

परिजात का पेड़ जिस में सफेद फूल लगते हैं छोटे-छोटे नारंगी रंग के डंडी होती है इसके पहचान करने की एक और तरीका है कि इसके पत्ते में हल्के हल्के कांटे होते हैं. यह दुकान पर नहीं मिलेगा. इसमें आप पूछेंगे की फिल्टर करके पानी में मिला कर पीना है क्या? तो जवाब ये है कि बिना फिल्टर किए पिएंगे तो जल्दी ठीक होगा फिल्टर करके पिएंगे तो परिणाम देर से आएगा.

इस बीमारी के लिए जो मेडिसिन आप ले रहे हैं, उसको रोक दीजिए. इसको इस्तेमाल करिये, आपको हंड्रेड परसेंट रिजल्ट आएगा.  एक भी पेशेंट आज तक ऐसा नही है जिसको इन पत्तों से फायदा न हुआ हो. ऐसा किसी भी तरह का बुखार जिसमें जोड़ों का दर्द आ जाए और जल्दी ठीक ना हो तो आप इसको यूज कर सकते हैं. यह इतनी स्ट्रांग दवा है कि यह अकेले ही दी जाती है इसके साथ और कुछ नहीं लेना पड़ता. और इस दवा का इस्तेमाल आप एक और बीमारी में कर सकते हैं वह है, आर ए फैक्टर. जिसमे डॉक्टर कहता है इसके ठीक होने की कोई चांस नहीं है घुटने के जोड़ आपको बदलने ही पड़ेंगे नी जॉइंट्स आपको रिप्लेस करने ही पड़ेंगे. जिनको यह नौबत आ गई हो उन सबके लिए यह दवा है कभी भी जॉइंट्स को रिप्लेस मत करवाइए. कितना भी अच्छा डॉक्टर क्यों ना हो कितनी भी बड़ी गारंटी दे कभी भी मत कीजियेगा. बीएस इस दवा पर भरोसा रखिये आप पक्का ठीक हो जायेंगे.

इस विडियो में देखिए कैसे इसे तैयार करना है >>