आपको पता है कि कौन सी ऐसी भारतीय कम्पनियां हैं जो मार्केट में विदेशी कंपनियों को खासी टक्कर दे रही हैं? जब नाम ब्रांड्स की आती है तो भारतियों में एक आम धारणा है कि विदेशी होगा तो अच्छा होगा। पर हर बार ऐसा नहीं होता। कई बार ऐसा होता है कि ब्रांडिंग की बात आने पर कम्पनियां अपना पूरा ज़ोर लगा देती हैं और उनका विज्ञापन इतने बहतर ढंग से किया जाता है कि उपभोक्ताओं को ये समझ ही नहीं आता कि कोई कंपनी देशी है या विदेशी। आज हम आपको बता रहे हैं 10 ऐसी भारतीय कंपनियों के बारे में जो भारत की हैं पर विदेशी कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रही हैं।
कैफ़े कॉफ़ी डे
कैफ़े कॉफ़ी डे कई कॉफ़ी ट्रेडिंग कंपनियों से मिलकर बनी एक कंपनी है। ये दक्षिण भारत के चिक्मंग्लोर में स्थापित की गई थी। ये पूरे एशिया की सबसे बड़ी कंपनी है। ये अर्बिका बीन्स की पैदावार करते हैं। ये 12000 एकड़ में फैली हुई है और यहां से यूएसए, जापान और यूरोप में कॉफ़ी का निर्यात किया जाता है। स्टारबक्स, कोस्टा कॉफ़ी, टिया लीफ जैसे बड़े ब्रांड इसे अपनी जगह से हिला नहीं सके हैं। पूरे देश भर में इसके 1500 से ऊपर आउटलेट्स हैं। और पिछले कुछ समय में इसने दुसरे कई देशों में अपने नए आउटलेट्स खोले हैं।
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थम्स अप
1993 में कोका-कोला कंपनी ने इसे चौहान ब्रदर्स से खरीद लिया था। कोका-कोला इस कंपनी को ख़तम कर देना चाहता था पर ऐसा हुआ नहीं। लोग इसे आज भी बेहद पसंद करते हैं। आज भी ये कोका-कोला में 16% शेयर रखती है खूब बिकती है।
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ओल्ड मोंक
इसे 1954 में मोहन मेअकिन लिमिटेड ने बनाना शुरू किया था। ये कंपनी गाज़ियाबाद में स्थित है। ये डार्क रम अपने स्वाद की वजह से जाना जाता है। अभी कुछ ही समय पहले तक ये पूरी दुनिया में बिकने वाली डार्क रम में सबसे पहले नंबर पर थी।
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अमूल
इसे Gujarat Co-operative Milk Marketing Federation Ltd. (GCMMF) द्वारा 1946 में शुरू किया गया। करीब 3 मिलियन लोग इसको चलाते हैं यानि इसमें योगदान देते हैं। इस कंपनी को भारत में श्वेत क्रांति लाने का श्रेय जाता है. ये अभी तक विदेशी ब्रांडों को कड़ी टक्कर दे रहा है।
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एमआरएफ़
एमआरएफ़ का पूरा नाम पता है आपको? मद्रास रबर फैक्ट्री। इस कंपनी को महज़ 14000 रूपए के साथ 40 के दशक में शुरू किया गया था। ये आज दुनिया के लीडिंग ब्रांडों में से एक है। ये टायर, खिलौने, मोटरस्पोर्ट्स और क्रिकेट ट्रेनिंग के सामान बनाते हैं।
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रॉयल एनफ़ील्ड
बुलेट के क्रेज़ के बारे में आप सबको पता होगा। ये दुनिया के लीडिंग ब्रांड में से एक है। ये कंपनी चेन्नई में स्थापित है। इसको यूएस और यूरोप में निर्यात किया जाता है। इसका करंट मार्किट रेट 250-800 cc है।
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लैक्मे
लैक्मे एक ऐसा ब्रांड है जो मिलियन डॉलर ब्रांड लौरियल को कड़ी टक्कर दे रहा है। ये ब्रांड यूनिलीवर group का है। इसका नाम फ्रेंच देवी के नाम पर रखा गया जो कि ख़ुशहाली का प्रतीक मानी जाती हैं। इसको 1952 में शुरू किया गया। तत्कालीन प्रदानमंत्री जवाहर लाल नेहरु इस बात से प्रभावित थे कि भारतीय महिलाएं अपना बहुत पैसा विदेशी ब्यूटी ब्रांडों में खर्च कर रही हैं। उन्होंने जेआरडी टाटा से उन्हें भारत में ही निर्मित करने को कहा। ये कंपनी भारत में लीड कर रही है।
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माइक्रोमैक्स
ये कंपनी Rajesh Agarwal, Sumeet Arora, Rahul Sharma, और Vikas Jain की है। इसे भारत में 2010 में लॉन्च किया गया। ये वो समय था जब सभी विदेशी कम्पनियाँ भारत में मौजूद थीं। उस समय किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि ये फ़ोन चलेगा क्योंकि सैमसंग को ही सबसे विश्वसनीय ब्रांड माना जाता था। जब विदेशी कम्पनियां शहरों के मार्किट पर ध्यान दे रही थीं तब इन्होंने भारत के छोटे इलाकों में अपनी पहुंच बनाई। इस कंपनी ने बेहद कम कीमतों में लोगों को एंड्राइड के वो सभी फ़ीचर्स दिए जो बड़े ब्रांड में ऊंचे दामों में मिल रहे थे। आज ये भारतीय बाज़ार में एक अच्छे और बेहतर स्थान पर है।
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एयरटेल
भारती एयरटेल कंपनी भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के लीडिंग टेलीकम्युनिकेशन कंपनी है। इसके मालिक सुनील भारती मित्तल हैं। ये भारत सहित 20 देशों में अपनी सेवा देते हैं। ये दुनिया में 275 मिलियन सब्सक्राइबर के साथ चौथे स्थान पर है।
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रेमंड
इस कंपनी को 1925 में मुंबई में स्थापित किया गया था। इसके कई और साथी ब्रांड भी हैं जैसे Raymond, Raymond Premium Apparel, Park Avenue, Park Avenue Woman, Manzoni, ColorPlus, zapp, Notting Hill & Parx। ये भारत के फैब्रिक मार्केट में 60% शेयर रखते हैं। ये अपने उत्पाद 55 देशों में निर्यात करता है जिनमें United States, Canada, Europe, Japan and the Middle East शामिल हैं।