जिस उम्र में बच्चे मौज मस्ती करते हैं और पढ़ाई से ज्यादा खेल को प्राथमिकता देते हैं उसी उम्र में कुछ ऐसे भी बच्चे हैं जो चर्चित मैगजीन फोर्ब्स के ‘30 अंडर 30’ में शामिल हुए हैं। जी हां, हाल ही में फोर्ब्स मैगजीन ने ‘30 अंडर 30’ के सफल कारोबारियों की लिस्ट में कुछ ऐसे यंगस्टर्स को शामिल किया है, जिनकी उम्र 18 साल से कम है। दिलचस्प बात यह है कि उन यंगस्टर्स में दो सगे भाई भी शामिल हैं। चेन्नई के रहने वाले संजय और श्रवण कुमारन दोनों भाइयों की उम्र महज 15 और 17 साल है। संजय ने जहां अभी 10वीं पास की है वहीं श्रवण भी 12वीं का एग्जाम दे चुके हैं। दोनों ने मिलकर वर्ष 2011 में ‘गो डाइमेंशन्स’ ऐप लॉन्च किया था। आइए जानते हैं आखिर क्या है इस ऐप में और कैसे इन बच्चों ने हासिल किया सफलता की मुकाम….
एक गेमिंग ऐप से बदली किस्मत
कंम्प्यूटर गेमिंग के शौकीन संजय और श्रवण ने 2011 में कैच मी कॉप नामक एक गेमिंग ऐप लांच किया। इस गेम में चोर के जेल से भागने और उसकी कारामात को कॉमिक किस्से को दिखाया गया है। फोर्ब्स मैगजीन के मुताबिक इस ऐप ने लांच होने के सप्ताह भर में 2500 के करीब डाउनलोड हासिल किए। इसके बाद इन दोनों ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
कैसे मिली सफलता
– ‘गो डाइमेंशन्स’ ऐप के बैनर तले इन दोनों ने अब तक कुल 11 गेमिंग ऐप बना चुके हैं।
– इन्होंने 7 ऐप ऐप्पल के ऐप स्टोर के लिए बनाए जबकि गूगल एंड्रॉयड प्ले स्टोर के लिए 3 ऐप लांच किए।
– वहीं एक विंडो प्ले स्टोर के लिए है। इनके टॉप गेमिंग ऐप में कैच मी कॉप के अलावा अल्फाबेट बोर्ड, प्रेयर प्लानेट और काररेसिंगएचडी शामिल हैं।
– इन गेम्स के 50 से अधिक देशों में 80 हजार से ज्यादा डाउनलोड हो चुके हैं ।
– इन दोनों भाइयों के 70 लाख के करीब सोशल फैंस हैं। इस ऐप की औसत रेटिंग 4.5 है।
– इन दोनों का इरादा है कि गो डाइमेंशन्स के जरिये नए डिजिटल वर्ल्ड का रास्ता खोलें।
कैसे करते हैं कमाई
एक इंटरव्यू में श्रवण कुमारन ने बताया था कि प्रत्येक क्लिक से उन्हें 0.07 डॉलर की कमाई होती है। अगर इनके सारे ऐप का रेवेन्यू जोड़ दिया जाए तो हर महीने करोड़ों रुपए की कमाई होती है। इन ऐप पर विज्ञापनों से भी इनकम हो रही है। हालांकि इस ऐप की डाउनलोडिंग बिल्कुल फ्री है।
फेसबुक फाउंडर मार्क जुकरबर्ग से भी मिल चुके हैं दोनों
अपनी प्रतिभा के कारण दोनों आईआईएम-बेंगलुरु और टेडेक्ट कॉन्फ्रेंस में प्रजेंटेशन दे चुके हैं।
फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग भी दोनों से मिल चुके हैं। श्रवण कंपनी के प्रेसिडेंट, जबकि संजय सीईओ हैं। दोनों की उम्र कम है, इसलिए भारतीय कानून के मुताबिक इनकी कंपनी परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर रजिस्टर्ड है। मार्केटिंग का काम इनके पैरेंटस देखते हैं।