हमारे घर के छोटे छोटे बच्चों को गले में दर्द होता है और गले में दर्द होने वाली एक बीमारी है टोंसिलाइटीस और इस टोंसिलाइटीस बीमारी में गले का ऑपरेशन कभी मत करवाइए. क्योंकि ऑपरेशन से इसका समाधान नही होगा. अगर आज आपने इसका ऑपरेशन करवा दिया तो कल इसके और दुष्परिणाम आ जाएंगे. तो गले का ऑपरेशन भूलकर भी कभी मत करवाइए.
जब बच्चों को टोंसिलाइटीस की तकलीफ होती है, तो उसकी सबसे अच्छी दवा हमारे घर में है जिसका नाम है हल्दी. इस बीमारी में आपके पास मौजूद हल्दी का इस्तेमाल करें. आधा चम्मच हल्दी लीजिए और जिनको टोंसिलाइटीस की प्रॉब्लम है, उसका गला खोलकर हल्दी गले में डालिए. चम्मच के साथ अंदर डालिए . पूरी हल्दी धीरे धीरे लार के साथ अंदर जाएगी. और ये हल्दी जैसे ही अंदर जाएगी टोंसिल की बीमारी ठीक कर देगी. एक खुराक में ही टोंसिल हमेशा के लिए ठीक हो जाएगा. दूसरी खुराक किसी को देने की जरुरत ही नही पढ़ती. इतनी अच्छी और प्रभावशाली है ये हल्दी.
ये विडियो में देखिये इसको कैसे लेना है >>
एक और सबसे अच्छी दवा है हमारे घर में देसी गाय का मूत्र. अगर कोई भी व्यक्ति रोज सुबह आधा कप गाय का ताजा मूत्र पीए तो दमा और अस्थमा दोनों ठीक हो जाएगा. और ट्यूबरक्लोसिस भी ठीक हो जाएगा. अंग्रेजी दवा से ट्यूबरक्लोसिस ठीक होने में 9 महीने लगते हैं. और यही गाय का मूत्र पीकर ट्यूबरक्लोसिस (TB) 2 महीने में ही ठीक हो जाएगा. इतनी प्रभावशाली दवा है ये देसी गाय का मूत्र.
ऐसे ही आपके शरीर में गले से जुडी हुई अगर कोई और प्रॉब्लम भी है जैसे थाइरोइडिज्म, अगर आपका थाइरोइड बढ़ा हुआ है तो इसकी सबसे अच्छी दवा भी आपकी रसोई में ही है, धनिये की चटनी बनाइए. और एक चम्मच चटनी आधे गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर रोज सुबह पी जाइए. और ऐसे ढाई तीन महीने तक लगातार लेते रहे. हमेशा के लिए आपकी थाइरोइड ठीक हो जाएगी.
इसी तरह छाती के कई रोग है जैसे दमा, अस्थमा, ट्यूबर कुलोसिस इसकी सबसे अच्छी दवा है दालचीनी (राशन की दुकान से मिलेगी). दालचीनी का पाउडर बनाइए और इसे शहद के साथ मिलाकर चाटिये और ऊपर से गर्म पानी पीजिए. तो तीन-चार महीने में दमा, अस्थमा, ब्रोन्कियल अस्थमा सब ठीक हो जाएगा.