जहरीले लिक्विड और कोइल की जगह इस्तेमाल कीजिए ये बिना केमिकल वाली कोइल

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नमस्कार दोस्तों, आपका हमारी वेबसाइट में एक बार फिर से बहुत बहुत स्वागत है. दोस्तों जैसा कि आप जानते ही है, कि इस वेबसाइट में आपको राजीव दीक्षित जी के हर तरह के घरेलू नुस्खे एवं औषधियां प्राप्त होती है. आज के आर्टिकल में हम आपको राजीव जी द्वारा बताया एक नया नुस्खा बताने जा रहे है, जिससे साधारण इन्सान को बहुत फायदे हो सकते है. ये औषधि और कोई नही, बल्कि गाय का गोबर है.

आज आप इस आर्टिकल में पढ़ेंगे कि कैसे मामूली सा गाय का गोबर इस्तेमाल करने से हम मच्छरों को दूर भगा सकते हैं. मित्रो जैसा की हम सब जानते ही है कि गाय के गोबर से बहुत सारी चीज़े बनती है. जैसे की गोबर गैस गाय से मिलने वाली सबसे बड़ी उपयोगी वस्तु है. ऐसी ही एक और चीज़ है जिसको आप लोग भी घर में बना सकते है. इस चीज़ से आपके घर में मच्छर नही आएगे. वैसे तो हम बाज़ार से सस्ती कछुआ छाप लाकर अगरबत्ती की तरह इस्तेमाल करते है, ताकि हम लोग मच्छरो से बच पाए, लेकिन क्या आप जानते है कि ये सब कछुआ छाप ज़हर है ?

मच्छर भगाने के लिए आप अक्सर घर मे अलग अलग दवाएं इस्तेमाल करते हैं ! कोई तो liquid form मे होती हैं ! और कोई कोई coil के रूप मे और कोई छोटी टिकिया के रूप मे !! और all out ,good night, baygon, hit जैसे अलग-अलग नामो से बिकती है ! इन सबमे जो कैमिकल इस्तेमाल किया जाता है ! वो डी एथलीन है,मेलफो क्वीन है और फोस्टीन है !! ये तीन खतरनाक कैमिकल है ! और ये यूरोप मे अन्य 56 देशो मे पिछले 20 -20 साल बैन है ! और हम लोग घर मे छोटे-छोटे बच्चो के ऊपर ये लगाकर छोड़ देते हैं ! 2-3 महीने का बच्चा सो रहा होता है ! और साथ मे ये जहर जल रहा होता है !! TV विज्ञापनो ने आम व्यक्ति का दिमाग पूरा खराब कर दिया है ! वैज्ञानिको का कहना है ये मच्छर मारने वाली दवाए कई कोई बार तो आदमी को ही मार देती हैं !! इनमे से निकलने वाली सुगंध मे धीमा जहर है जो धीरे – धीरे शरीर मे जाता रहता है !!और कोई बार आपने भी महसूस किया होगा इसे सुघने से गले मे हल्की-हल्की जलन होने लगती है  इस विडियो में देखिए ये कितने खतरनाक है >>

तो दोस्तों अगर आप इन कछुआ छाप से बचने के लिए गाय के गोबर की पाथियो (थेपडी) का इस्तेमाल कर सकते है. ये पाथिया आप आसानी से बना सकते है. इसके लिए आपको बस गाय का गोबर लेना है उसको गोल आकार में दीवार पर लगा कर सुखाना है. और जब पाथियाँ तैयार हो जायें तो, इनमे घी डालकर जला दें. इनमे से जो धुआं निकलेगा वो आपके घर के सारे मच्छर भगा देगा.

गाय के गोबर को जलाते समय अगर हम उसके ऊपर थोड़े बोरोलीन (नीम) के पत्ते डाल दें तो खराब से खराब मच्छर भी भाग जायेंगे. इसका असर 6 घन्टे तक रहता है. राजीव जी ने बताया है कि उन्होंने सरकार को एक प्रपोसल भेजा है, जिसमे उन्होंने बताया है कि ज्यादा मच्छर मलेरिया जैसी खतरनाक बिमारियों का कारण बनते हैं. तो अगर हर गाव में गाय के गोबर की गोरी यानि पाथी बना कर सुखा के जलाई जायें, तो आम इन्सान चिकनगुनिया और मलेरिया जैसे भयंकर रोगों से छुटकारा पा सकते हैं. इसके इलावा अगर हम गाय से निकले हुए दूध को लेते हैं तो उसका बहुत अच्छा उपयोग हो सकता है.

इस विडियो में देखिए कैसे बनाई जाती है मच्छर भगाने की ये कोइल >>

पीलीभीत : मच्छर भगाने के लिए तमाम कंपनियों के स्वास्थ्य के लिए घातक केमिकल से तैयार क्वायल से बाजार पटा हुआ है। दिक्कत काफी ज्यादा है। लिहाजा लोग भी इन्हीं उत्पादों के भरोसे हैं। ऐसे में महिलाओं के एक समूह ने मच्छर भगाने के लिए विशुद्ध देशी नुस्खा ढूंढ निकाला है। गाय के गोबर से बनी छोटी छोटी गोल टिकिया मच्छरों को भगाने के साथ ही घर का वातावरण शुद्ध कर रही है। महिलाओं का यह नुस्खा फिलहाल कामयाब दिख रहा है। उसे लोकल बाजार में भी उतारा जा चुका है।

DNA: गाय के गोबर और गोमूत्र के लाभ >>

महिलाओं के एक समूह ने इसका व्यवसाय भी शुरू कर दिया है >>

गाय के गोबर में नीम, तुलसी, गेंदा की सूखी पत्तियों, लोबान एवं कपूर का मिश्रण से यह टिकिया तैयार हो रही है। इसके धुआं से स्वास्थ्य पर भी कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं होने का दावा किया जा रहा है। इसे सुलगाने पर उठने वाली सुगंध से घर या दुकान का वातावरण भी शुद्ध होने लगता है। सांसद व केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने महिलाओं के एक समूह को दो साल पहले मच्छर भगाने वाली गाय के गोबर की इस टिकिया का उत्पादन कुटीर उद्योग के तौर पर शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया था। शहर में मधुबन कॉलोनी में रहने वाली रेखा ¨सह परिहार ने अनुभव चौहान सेवा समिति के माध्यम से दर्जनों महिलाओं को मशरूम उत्पादन एवं जलकुंभी से हैंड बैग समेत अन्य काम की चीजें तैयार कराने का कार्य पहले से ही शुरू कर रखा था। अब उन्होंने गाय के गोबर से मच्छर भगाने वाली टिकिया बनाना भी शुरू करा दिया।

दो साल पहले इसकी शुरुआत छोटे स्तर पर हुई लेकिन, जब मांग बढ़ने लगी तो उत्पादन भी बढ़ाना पड़ा। अब तो ऑनलाइन भी इसके लिए आर्डर बुक करने और सप्लाई बताए गए स्थान पर पहुंचाने का काम चल पड़ा है। एक पैकेट में इस तरह की दस टिकिया के साथ एक माचिस व थोड़ी मात्रा में हवन सामग्री भी रहती है। रेखा के अनुसार मच्छर भगाने के साथ ही नवरात्र या अन्य धार्मिक पर्व पर गाय के गोबर से बनी इस टिकिया का प्रयोग हवन के लिए भी किया जा सकता है। इसमें सभी शुद्ध चीजों का इस्तेमाल हो रहा है। एक थैली की कीमत फिलहाल पचास रुपये रखी गई है। यानि दस दिनों तक मच्छर भगाने पर पचास रुपये का खर्च आएगा। एक दिन के लिए एक ही टिकिया पर्याप्त बताई गई है। उनका कहना है कि अब बाजार के दुकानदारों से संपर्क करके उनके यहां भी माल उपलब्ध कराने की योजना बनाई जा रही है।

कोइल बनाने की मशीन >>

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