अमरीका में नीम के दातुन की कीमत जानकर आप भी हैरान रह जायेंगे

30765

हम तो उस दौर से गुजर रहे है जहाँ लगभग 80 प्रतिशत बच्चे नींम का पेड़ भी नहीं पहचान सकते, मेडिकल प्रॉपर्टीज तो दूर की बात है। हमारे पूर्वज जो सिर्फ नीम का ही दातुन इस्तेमाल करते थे और वर्षो उनके दांत मजबूत और बीमारी रहित रहा करते थे। आज हम कूड़ा कचरा का उपयोग करके तरह तरह की डेन्टल प्रोब्लेम्स झेलने को मजबूर है। एक बार पुनः सोचने की जरूरत है की हमारे पूर्वज ज्यादा साइंटिफिक थे या हम है ।

पढ़े लिखे लोग ब्रांड नाम की बीमारी के चक्कर में मुर्ख बनते हर जगह नजर आ जायेंगे। हम भारतीय नीम के दातुन को जाने कब का भूल चुके है और अमेरिका में ऑनलाइन बिक रहा है। है न हैरानी की बात ! हम उनका कचरा पेस्ट इस्तेमाल कर रहे है और वो नीम का दातुन।

neem-ki-datun-sale-in-america-mall-and-amazon3

अमेरिका मैं नीम की दातून की कीमत 135 रूपये

एंटी बैक्टीरियल व एंटी फंगल तत्वों से निपटने के लिए यूरोपीय देशों में तेजी से बढ़ रही मांग

नीम को विदेशों में गॉड गिफ्ट के रूप में देखा जा रहा है एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल तत्वों की मौजूदगी इसकी खास वजह है यही कारण है कि यूरोपीय देशों में लोग टूथपेस्ट के बजाए नीम की दातुन को कर रहे हैं इसकी मांग लगातार बढ़ रही है अमेरिका जैसे देशों में 2 डॉलर यानी लगभग 135 रूपये की एक दातुन बिक रही है

यूरोपीय देशों में बढ़ रही मांग

सीबीआरआई के प्रो वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यूरोपीय देश के लोग स्वास्थ्य के प्रति बहुत जागरूक हैं. नीम पर वहा कई शोध हो चुके है. वहां के कई नागरिक सुबह दातून करते नजर आ जाएंगे. अमेरिका के शहर में तो 2 डॉलर में एक दातुन बिकते उन्होंने खुद देखी है. यूरोपीय देशों में धीरे-धीरे इसकी मांग बढ़ती जा रही है. वहां के मॉल में भी इसकी बिक्री शुरु हो गई है उनको एक पैकेट में पैक करके उसे शो केस में विशेष जगह दी जा रही है

neem-ki-datun-sale-in-america-mall-and-amazon2

शरीर में नैनो रूप में पहुंचते हैं तत्व                            

डॉक्टर श्रीवास्तव ने बताया कि सुबह के वक्त जीभ सबसे अधिक संवेदनशील अवस्था में रहती है खाली पेट जब दातुन को दांतों से कुचते हैं तब मुंह में मौजूद बैक्टीरिया तो मरते ही है साथ में वह जीब के माध्यम से सूक्ष्म रुप में शरीर के सभी हिस्सों में पहुंचती है और बेक्टेरिया को समाप्त करती है

एशिया रीजन की नीम में ही मिलते है तत्व

डॉक्टर प्रदीप श्रीवास्तव ने बताया कि एशिया की जलवायु नीम के लिए बहुत मुफीद है एंटी बैक्टीरियल व एंटी फंगल गुण यही की नींद में पाया जाता है ठंड ज्यादा होने से यूरोपीय देश में नीम उगाई नहीं जा सकती. वहां के लोगों ने किसी तरह उगा भी लिया तो उस में वह तत्व नहीं मिल पाता

सारी जानकारी लिख पाना असंभव है ये विडियो देखिए >>

अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी तो जन-जागरण के लिए इसे अपने Whatsapp और Facebook पर शेयर करें