ट्रैफिक नियमों से परेशान होकर वृद्ध ने बनाई इलेक्ट्रिक साइकिल ! साइकिल का वजन सिर्फ 5 किलो

1995

एक साल पहले वृद्ध का स्कूटर डिटेन हुआ, नियमों से बचने के लिए निकाला नया रास्ता ! वृद्ध ने केवल एक सप्ताह में बनाई इलेक्ट्रिक साइकिल

पोरबंदर. यहां रहने वाले हरीलाल परमार (78) का स्कूटर एक साल पहले डिटेन कर लिया गया। उसे छुड़ाने के लिए हीरालाल को काफी मशक्कत करनी पड़ी। ट्रैफिक नियमों से बचने के लिए उन्होंने इलेक्ट्रिक साइकिल बनाने की ठानी और केवल 8 दिनों में 5 किलो वजन वाली साइकिल बना ली। अब वे शान से अपनी साइकिल से घूमते हैं।

लीवर वाली इलेक्ट्रिक साइकिल

हीरालाल ने बताया कि उन्होंने अपनी पुरानी साइकिल से इसे बनाया है। ब्रेक दबाने से पीछे की लाइट जलती है। हेंडल में स्पीडो मीटर भी लगाया है। साइकिल की बैटरी एक बार चार्ज करने पर 35 किलोमीटर तक का सफर किया जा सकता है।

केवल सातवीं तक की ही शिक्षा प्राप्त की है

हरीभाई ने गुजराती भाषा में केवल सातवीं तक ही शिक्षा प्राप्त की है। उनका पुश्तैनी व्यवसाय दर्जी का काम था। यह काम करते हुए उनकी दिलचस्पी इलेक्ट्रॉनिक्स में भी थी। कई साल पहले उन्होंने लकड़ी का विमान बनाया था। इस तरह से वे कई काम करते रहे। वह तो उनका स्कूटर डिटेन हो गया, फिर उसे छुड़ाने के लिए उन्हें जो मशक्कत करनी पड़ी, उससे उनके दिमाग में यह बात आई कि क्यों न ऐसेी साइकिल बनाई जाए, जिस पर ट्रेफिक नियम लागू न होते हों। बस फिर क्या था, उनके जुनून ने केवल 8 दिनों में ही इलेक्ट्रिक साइकिल बनाने में कामयाबी हासिल कर ली।