छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 45 किलोमीटर दूर महासमुंद में 73 साल के भागीरथी बिसई खेती के लिए जमीन नहीं थी तो उन्होंने अपने घर की छत पर ही धान की खेती की और घर की छत को ही खेत बना लिया। भागीरथ दुबराज धान, सब्जी की खेती करते हैं। गेंदा फूल के पौधे में टमाटर, बैगन के साथ दो किस्म की मिर्ची का उत्पादन करते हैं। एक ही तने में दो तरह की पैदावार। इस प्रयोग को बड़े पैमाने पर करेंगे। अब कम लागत में धान की 14 इंच की बाली से अधिक उपज लेने में लगे हुए हैं। पौधे तैयार कर दूसरी जगह प्लांट करते हैं। फूल के पौधे के साथ टमाटर उपजा रहे हैं।
बुजुर्ग किसान के जुनून को देखकर वैज्ञानिक भी हैरान >>
2004 में एफसीआई से रिटायर होने के बाद 100 वर्गफीट में धान बोया और प्रयोग सफल रहा। फिर घर को दो मंजिला किया। तीन हजार वर्गफीट की छत पर छह इंच मिट्टी की परत बिछाई। अब वे तीन हजार वर्गफुट की छत पर ही खेती कर रहे हैं। साल में दो क्विंटल धान दो अलग-अलग किस्मों के साथ लेते हैं। उनके इस जुनून को देखकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं।
छत गिरे ना इसलिए ऐसे किया मोडिफाई…
छत पर रेत और सीमेंट की ढलाई तो कराई, लेकिन लोहे की छड़ के साथ बांस की लकड़ी लगवाई। उनका तर्क है कि बांस जल्दी नहीं सड़ता। बांस के साथ प्रयोग करने से सीलन की समस्या दूर हो गई। छत पर मिट्टी की छह इंच परत बिछाई। मिट्टी साधारण है। इसके लिए न तो ट्रेनिंग ली और न ही वे परंपरागत किसान हैं।
परिवार की जरूरत छत से पूरी
परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटा है। वे कहते हैं कि छत पर जितनी फसल उगा रहे हैं, उनके परिवार के लिए काफी है।
ऐसी ही खेती चीन में भी
चीन में भी एेसे ही तरीके से छत पर खेती की जा रही है। जेझियांग प्रांत के शायोझिंग शहर में पेंग कुइजेन भी अपने घर की छत पर खेती करते हैं। उनका मकान चार मंजिला है, और छत का क्षेत्रफल 120 वर्गमीटर में फैला हुआ है।
सभार- दैनिक भास्कर