गोपीचंद जब स्टार खिलाड़ी थे तो ठुकरा दिया था कोल्ड ड्रिंक का विज्ञापन

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पीवी सिंधू के रियो ओलंपिक में सिल्‍वर मैडल जीतने के बाद पुलेला गोपीचंद का नाम भी सबकी जुबान पर हैं। गोपीचंद बैडमिंटन के खेल में भारत को दो ओलंपिक पदक दिला चुके हैं। पहले लंदन ओलंपिक में कांस्‍य और अब रियो में सिल्‍वर। कहा जा रहा है कि टोक्‍यो ओलंपिक में वे भारत को गोल्‍ड दिला सकते हैं। गोपी कड़े परिश्रम, अनुशासन और आदर्शों के लिए जाने जाते हैं। गोपीचंद खुद साल 2000 में ओलंपिक के क्‍वार्टर फाइनल से बाहर हो गए थे।

गोपी के करीबियों का कहना है कि इसके बाद से उन्‍होंने ठान लिया था कि कोच बनेंगे और खिला‍ड़ी तैयार करेंगे। साल 2002 में ऑल इंग्‍लैंड ओपन चैंपियन जीतने के दो साल बाद वे कोच बन गए थे। साइना नेहवाल, पीवी सिंधू, किदाम्‍बी श्रीकांत और परुपल्‍ली कश्‍यप जैसे खिलाड़ी उनके ही तैयार किए हुए हैं। 2006 में वे नेशनल कोच बने थे और आज इस पद पर उन्‍हें 10 साल हो चुके हैं।

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गोपीचंद जब अपने खेल के चरम पर थे तब उन्‍हें सॉफ्ट ड्रिंक बनाने वाली कंपनी की ओर से एंडॉर्समेंट का ऑफर मिला था। लेकिन उन्‍होंने यह ऑफर ठुकरा दिया। कई दिनों बाद इस बात का खुलासा हुआ था। इस बारे में उन्‍होंने कहा था कि जिस चीज को वे नहीं पीते उसे दूसरों को पीने के लिए कैसे कह सकते हैं। गोपी ने कहा था कि वे जब इसको प्रमोट करेंगे तो गरीब परिवार भी इसे देखेंगे और खरीद लेंगे। उन्‍हें इस चीज की जरूरत नहीं है। इस घटना के कई साल बाद अमिताभ बच्‍चन ने भी पेप्‍सी का विज्ञापन करने से इनकार कर दिया था। उस समय गोपी ने उनके कदम की तारीफ की थी।

गोपी के बारे में उनके पूर्व साथी अरविंद भट्ट कहते हैं कि वह काफी सख्‍त कोच हैं। फिटनेस पर उनका काफी जोर रहता है। उनका मानना है कि ट्रेन तोड़ देने वाली होनी चाहिए। दिन में दो बार तीन-तीन घंटे के ट्रेन सेशन होते थे। इनमें रनिंग, स्‍ट्रोक प्रेक्टिस, जिम सेट शामिल होते थे और इन्‍हें बार-बार दोहराया जाता था। गोपी का मानना है कि फिटनेस पहले और टैलेंट बाद में आता है। वे खिलाड़ी की सारी जिम्‍मेदारी अपने पर ले लेते हैं। उनके साथ ऐसा है जैसे एक जनरल जंग में जा रहा है।

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विडियो में देखिए सॉफ्ट ड्रिंक की असलियत >>

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