नमस्कार दोस्तों, आपका एक बार फिर से हमारी वेबसाइट में बहुत बहुत स्वागत है. यहाँ आपको राजीव जी द्वारा बताये गये हर प्रकार के घरेलू नुस्खे एवं औषधियां प्राप्त होंगी. तो दोस्तों आज की हमारी चर्चा का विषय है भारत में पैदा होने वाले बच्चो का हाल. तो दोस्तों पिछले आर्टिकल में हमने भारत के स्वास्थ्य की स्तिथि के बारे में पढ़ा. जिससे हमे पता लगा की भारत की कुल जनसंख्या में से 80 प्रतिशत लोग बिमारिओ के शिकार है. और हर दो मिनट में किसी न किसी की मृत्यु हो रही है.
अब बुरी स्तिथि ये है की भारत की जो 40 करोड़ औरतें एनीमिया से पीड़ित है, उनसे पैदा होने वाली सन्तान पर इससे बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है. भारत सरकार की कैलकुलेशन के हिसाब से हर साल हमारे भारत में 56 लाख बच्चे पैदा होने के कुछ ही मिनट बाद मर जाते है. और उन बच्चो की मौत का सबसे बढ़ा कारण है की उन बच्चो की माताओं को बराबर दूध नही उतरता. और उन बच्चो को जन्म लेते ही भ्र्पूप दूध पीने को नही मिल पाता.
ये तो हम सभी जानते है जिन औरतों को एनीमिया होगा यानि कि रक्त की कमी होगी, उन माताओं को दूध भी कम आएगा. और बच्चे की जन्म से तीन महीने तक केवल एक ही खुराक है वो है माँ का दूध. अब जिन माताओं को दूध ही नही आ पाता उनके बच्चे तो बुख से ही मरेगे. और इन्ही बच्चो की हर साल की संख्या 56 लाख तक पहुंच जाती है. इसके इलावा भारत में 80 लाख से अधिक बच्चे ऐसे जन्म लेते है जो मानसिक और शारीरिक रूप से विकलांग हो जाते हैं. क्योंकि उन बच्चो के शरीर में बहुत सारी चीजों की कमी रहती है. जैसे की कैल्शियम, आयरन, विटामिन्स आदि. इन सब तत्वों की कमी से ही ही भारत में अधिकतर बच्चे या तो मानसिक रूप से परेशान है या तो शारीरिक रूप से.
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