इसे चमत्कार कहना सही है। बिहार में दरवेशपुरा के रहने वाले किसान सुमन्त कुमार ने अपनी एक हेक्टेयर की जमीन पर खेती कर 22.4 टन चावल की पैदावार कर ली। सुमन्त का कहना है कि धान की खेती के लिए वह एसआरआई तरीके का उपयोग करते हैं। इस तरीके में धान के एक के बाद एक बीज रोपे जाते हैं। कृषि वैज्ञानिकों की भाषा में इसे ग्रीड पैटर्न कहते हैं।
सुमन्त कुमार ने चीन के कृषि वैज्ञानिक और फादर ऑफ राइस कहे जाने वाले युआन लोंगपिंग का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। युआन ने एक हेक्टेयर की जमीन पर सबसे अधिक 19.4 टन चावल की फसल उपजाई थी। जब इस बात का पता बिहार के कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विश्वविद्यालयों को लगा तो उन्होंने इसे मजाक समझा और सुमन्त की बातों को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन राज्य के कृषि विभाग के प्रमुख ने सच्चाई जानने के लिए खुद सुमन्त के गांव जाने का फैसला किया।
वहां जाकर उन्हें पता चला कि सुमन्त की बातों में दम है और वह सच बयां कर रहा है। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि सुमन्त के चार दोस्त कृष्णा, नीतीश, संजय और विजय ने भी इतनी ही जमीन पर 17 टन से अधिक चावल उगाने में सफलता हासिल की है। सुमन्त को मिली सफलता के बाद दरवेशपुरा कृषि वैज्ञानिकों के लिए एक केस स्टडी बन गया है। सुमन्त की ही बदौलत अब गांव में बिजली पहुंच गई है। यही नहीं, यहां एक राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा भी खुल गई है।