अटल जी की जिन्दगी की सबसे बड़ी भूल, जिसकी वजह से आज वो इस हालत में है

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नमस्कार दोस्तों, एक बार फिर से आपका हमारी वेबसाइट में बहुत बहुत स्वागत है. यहाँ आपको राजीव जी द्वारा बताये गये हर प्रकार के घरेलू नुस्खे एवं औषधियां प्राप्त होंगी. तो दोस्तों आज के आर्टिकल की चर्चा का विषय है घुटनों और हिप्स के जॉइंट. तो दोस्तों राजीव जी का मानना है की जिनको आर्थराइटिस या घुटनों और जॉइंट्स में दर्द की शिकायत रहती है, उन लोगो को डरने या घबराने की जरूरत नही है. भले डॉक्टर आपको जितना भी कहें की ऑपरेशन करवा लो या जॉइंट रिप्लेस करवा लो, मगर कभी भी उनकी बातों पर ध्यान मत दिजिये और चुप चाप घर आजईये.

इस दवा का इस्तेमाल आप एक और बीमारी में कर सकते हैं वह है, आर ए फैक्टर. जिसमे डॉक्टर कहता है इसके ठीक होने की कोई चांस नहीं है घुटने के जोड़ आपको बदलने ही पड़ेंगे नी जॉइंट्स आपको रिप्लेस करने ही पड़ेंगे. जिनको यह नौबत आ गई हो उन सबके लिए यह दवा है कभी भी जॉइंट्स को रिप्लेस मत करवाइए. कितना भी अच्छा डॉक्टर क्यों ना हो कितनी भी बड़ी गारंटी दे कभी भी मत कीजियेगा. बस इस दवा पर भरोसा रखिये आप पक्का ठीक हो जायेंगे.

हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री अटल जी ने यह प्रयास किया था. उन्होंने नी जॉइंट का रिप्लेसमेंट करवाया था, अमेरिका के बहुत बड़े डॉक्टर ने किया था. आज उनकी तकलीफ पहले से ज्यादा है पहले तो थोड़ा बहुत चल लेते थे. अब तो चलना बिल्कुल बंद हो गया है. अब आप सोचो कि जब प्रधानमंत्री के साथ या हो सकता है तो आप तो कॉमन पीपुल हो. अमेरिका से बड़े बड़े डॉक्टर आते हैं और यहां हर साल कैंप लगाते हैं. और इन कैंपों में भीड़ बहुत बढ़ती है यह आप मत करिए. भगवान ने जो दिया है उस पर भरोसा रखिए उस को रिपेयर कर लीजिए पैसे का घमंड कभी मत करिए. मेरे पास पैसा है मैं क्यों नहीं कर सकता, पैसे से दुनिया में सब नहीं होता. अगर हो जाता तब तो यह दुनिया ही दूसरे तरह की हो जाती है

अटल जी को यह मालूम था कि इससे ठीक नहीं होगा लेकिन उनके सहयोगियों ने उनकी चलने नहीं दी. क्योकि आजकल पढ़े लिखे लोगो के दिमाग में भूत घुसा हुआ है अमेरिका अमेरिका अमेरिका. सारी दुनिया में हर चीज अमेरिका की ही अच्छी है. आप दिमाग का फितूर हटाइए कि अगर डॉक्टर के पास आठ-दस बड़ी डिग्रियां है और वह ज्ञानी हो जाएगा. ऐसा बिल्कुल जरूरी नहीं है. ज्ञान का डिग्री के साथ कोई लेना देना नहीं है. हो सकता है किसी के पास बिलकुल डिग्री ना हो और आप के गांव का साधारण वैध हो और वो कैंसर मिटा सकता है. और ये भी हो सकता है कि बड़ा डिग्री वाला आपकी जान ले ले. इसलिए नॉलेज को सम्मान करिए. डिग्री के पीछे मत भागिए. थोड़ा सा पागलपन हमें आ गया है. यह चक्कर छोड़िए क्योंकि सिंपल मेडिसिन हमारे आस पास में जो उपलब्ध है वह इतनी इफेक्टिव है जो कोई दूसरी कॉन्प्लिकेटेड मेडिसिन काम नहीं करते

अर्थराइटिस या जॉइंट पेन के मरीजों को कई बार हद से ज्यादा तकलीफ भी हो सकती है. बहुत सरे इसे लोग भी है, जिनको 20 साल से तकलीफ है. ऐसे भी कंडीशन हो सकती है कि वह दो कदम भी न चल सके, हाथ भी ना हिला सके. उनको इतना दर्द होता है तो वह लेटे रहते हैं बेड पर और करवट भी नहीं बदल पाते. इस कंडीशन के मरीजों के लिए एक स्पेशल मेडिसिन है जो की एक पेड़ से बनती है. उस पेड़ का नाम है “हार सिंगार पेड़”. संस्कृत में इसको पारिजात भी कहा जाता है. इस पेड़ में सफेद रंग के फूल आते है और नारंगी रंग की डंडी रहती है. फूल में बहुत तेज खुशबू आती है.  रात को ही यह फूल खिलते हैं. सुबह जब आप उठेंगे तो यह आपको नीचे जमीन पर गिरे हुए मिलेंगे.

इस पेड़ के पत्तों में से 6 से 7 पत्ते लेने है. अब इनको एक बार में पीसना है. अब इसको एक गिलास पानी में मिलाकर उस को गर्म करना है. याद रखिये कि पानी को और उतना ही गर्म करना है कि पानी आधा हो जाए. फिर इसको ठंडा करके पीना है और यह सवेरे ही पीना है. इसलिए बेहतर होगा कि आप इसको रात को बनाकर रख दीजिए और सवेरे उठकर खाली पेट पी लीजिए और पिला दीजिए. जिनको भी पुराना जोड़ों का दर्द है, या जिनको बहुत तकलीफ है चल नहीं सकते हैं, बैठ नहीं सकते हैं, यह उन सब के लिए अमृत की तरह से काम करता है. आप इसको 3 महीने लगातार पीये और फिर ब्रेक लगा दें.

राजीव जी ने बताया कि, “मैंने इसमें देखा है ज्यादातर केस एक से डेढ़ महीने में ही ठीक हो जातें है. 3 महीने तक तो बहुत रियर कैस जिनको लेना पड़ता है.” इसके इलावा इसका और एक यूज़ है, कि अर्थराइटिस के अलावे अगर आपको डेंगू हो गया हो तो इससे ठीक हो सकता है. डेंगू में बुखार आता है और शरीर बुरी तरह से दर्द होता है. बुखार कई बार चला जाता है लेकिन दर्द नहीं जाता. उसमें भी इसी को इस्तेमाल करें. इसी तरह से बस इतना है कि डेंगू के केस में 15 से 20 दिन ही लेना पड़ेगा लेकिन अर्थराइटिस में डेढ़ दो महीने तक लेना पड़ेगा.

परिजात का पेड़ जिस में सफेद फूल लगते हैं छोटे-छोटे नारंगी रंग के डंडी होती है इसके पहचान करने की एक और तरीका है कि इसके पत्ते में हल्के हल्के कांटे होते हैं. यह दुकान पर नहीं मिलेगा. इसमें आप पूछेंगे की फिल्टर करके पानी में मिला कर पीना है क्या? तो जवाब ये है कि बिना फिल्टर किए पिएंगे तो जल्दी ठीक होगा फिल्टर करके पिएंगे तो परिणाम देर से आएगा.

इस बीमारी के लिए जो मेडिसिन आप ले रहे हैं, उसको रोक दीजिए. इसको इस्तेमाल करिये, आपको हंड्रेड परसेंट रिजल्ट आएगा.  एक भी पेशेंट आज तक ऐसा नही है जिसको इन पत्तों से फायदा न हुआ हो.  ऐसा किसी भी तरह का बुखार जिसमें जोड़ों का दर्द आ जाए और जल्दी ठीक ना हो तो आप इसको यूज कर सकते हैं. यह इतनी स्ट्रांग दवा है कि यह अकेले ही दी जाती है इसके साथ और कुछ नहीं लेना पड़ता.

इस विडियो में देखिए आप इसको कैसे ठीक कर सकते हो >>