रात को तो कुकर्म होते है! आजादी लेने देने के कम के काम तो दिन में होते है

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एक आखरी बात इस आज़ादी के बारे में और कह दू, जब लार्ड माउन्ट बैटन इस देश को आज़ाद करने की बात कर रहा था, तो इस देश के बहुत सारे ज्योतिषी थे, पुराने दस्तावेज़ मैंने बहुत इकट्ठे किये है और उनको जब मै देख रहा था तो १९४५ से इस देश में बहुत सारे ज्योतिषियो ने भविष्यवाणी करना शुरु किया, और सारे ज्योतिषी इस बात से सहमत थे कि १५ अगस्त १९४७ की रात को आज़ादी न ली जाये, वो दिन अच्छा नहीं है, उनके अपने कुछ कैलकुलेशन्स होंगे, ज्योतिष का शास्त्र है, ज्योतिष का विज्ञान है इस देश में, और बहुत विकसित विज्ञान है, मै मानता हु उसको. और इस देश के उस ज़माने के सारे बड़े ज्योतिष शास्त्री कह रहे थे कि १५ अगस्त १९४७ की रात को आज़ादी मत लीजिए, पंडित नेहरु से मना किया था, सरदार पटेल से मना किया था. लेकिन ये सत्ता के मोह में इतने अंधे थे कि जो कुछ अंग्रेज कह रहे है वो ही मानो.

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और उस ज़माने में एक फ़्रांसिसी लेखक था उसका नाम था डोमेनिक लापियरे, उसने लार्ड माउंट बैटन से एक इन्टरव्यू लिया. डोमेनिक लापियरे ने कई किताबे लिखी है. उसमे एक किताब है फ्रीडम एट मिडनाइट, और ऐसी ही उसकी एक दूसरी किताब है “द डिविजन ऑफ़ इंडिया इन लार्ड माउंट बैटन” उस इस दूसरी किताब में उसने लार्ड माउंट बैटन से जो इन्टरव्यू लिया है वो छापा है. और वो मैंने जब पढ़ा तो मेरा खून खौल गया. डोमेनिक लापियरे ने सवाल किया लार्ड माउंट बैटन से कि आप हिंदुस्तान को १५ अगस्त १९४७ की रात के १२ बजे आजाद क्यों करना चाहते है? ये काम तो दिन में करने के है, आज़ादी लेने और देने के काम तो दिन में होते है, रात के १२ बजे तो दुनिया में सबसे ज्यादा कुकर्म होते है. आप ये क्यों करना चाहते है? तो लार्ड माउंट बैटन का जवाब जानते है क्या था? लार्ड माउंट बैटन ने जवाब दिया है उस इन्टरव्यू में कि मैंने जानबूझ कर १५ अगस्त १९४७ की रात को १२ बजे इस देश को आजाद करने का फैसला किया है, क्यों, क्योकि मैंने सारे ज्योतिषियो से पता किया है कि १५ अगस्त १९४७ का दिन इस देश के लिए बहुत ही दुर्भाग्य का दिन है और अगर उस दिन इस देश को आजाद किया जाए तो ये देश एक रह नहीं सकता, ये बंटेगा, खंड खंड बंटेगा.

तो इसीलिए मैंने इस देश को १५ अगस्त १९४७ को रात को ही १२ बजे आजाद करने का फैसला किया है क्योकि सारे बड़े ज्योतिषी ये कह रहे है कि ये देश खंड खंड टूटेगा, एक नहीं रहेगा अगर इस दिन इस देश को आज़ादी मिले एक बात, और दूसरी बात इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है उसने कहा कि १५ अगस्त १९४५ अंग्रेजो के लिए विश्व विजय का दिवस है, क्यों? क्योकि १५ अगस्त १९४५ को जापान की आर्मी ने अंग्रेजो के सामने सरेंडर किया था. क्यों किया था? जापान के उपर २ एटम बम गिराए थे. ६ अगस्त और ९ अगस्त को, हिरोशिमा और नागासाकी पर, उसके बाद जापान ने सरेंडर कर दिया था, सेकंड वर्ल्ड वॉर में, और वो सरेंडर जो हुआ था वो इंग्लैंड की आर्मी के सामने  हुआ था. तो लार्ड माउंट बैटन ने कहा कि १५ अगस्त १९४७ को जापान के सैनिको ने हमारे सामने सरेंडर किया है, वो हमारा विश्व विजय का दिवस है, इसीलए हम १५ अगस्त १९४७ को ही आजाद करेंगे.

और इस बात को पंडित नेहरु जानते थे, सरदार पटेल भी जानते थे, बहुत लोग जानते थे कि १५ अगस्त १९४७ की रात को १२ बजे आज़ादी लेना इस देश के ज्योतिष शास्त्र के सारे कानूनों के खिलाफ है और बहुत सारे ज्योतिषियों ने ये भविष्यवाणी कर दी थी कि आप आज़ादी लोगे और १ – २ साल के बाद ये देश टूट जाएगा. और वो टुटा, पाकिस्तान अलग हुआ. वही हुआ, और आगे भी उन्होंने यही अभिशाप दिया कि ये देश आगे भी खंड खंड टूट सकता है. और उसकी तयारी चल रही है. कश्मीर अलग हो जाए, पंजाब अलग हो जाए, आसाम अलग हो जाए, नागालैंड अलग हो जाए, त्रिपुरा अलग हो जाए, झारखण्ड अलग हो जाए, ये सारे आन्दोलन इस देश में चल रहे है और सभी आंदोलनों को अमेरिका और यूरोप से भरपूर हथियार मिलते है, पैसा भी मिलता है. aurऔर मै जानता हु ऐसे लोगों को जो इस देश में करोड़ो करोड़ो रूपये का फॉरेन फण्ड आता है, करोड़ो करोड़ो रूपये की ए. के. ४७ राइफल आती है, वाया पाकिस्तान या वाया चीन के बॉर्डर से ये तिब्बत के इलाके में हमारे देश में घुसाई जाती है. और उन्ही हथियारों से लेकर इसी देश के कुछ नौजवान जिन्हें कुछ बरगलाया गया है वो इस देश को खंड खंड बाँटने का आन्दोलन कर रहे है.

आपको मालूम है, नागालैंड हिंदुस्तान से अलग होना चाहता है, आप नागालैंड में जाइये वो इस देश का पहला ऐसा प्रदेश है, जिसने घोषित किया है कि हमारी राज्यभाषा अंग्रेजी है. भारत के संविधान में कहीं नहीं है, ये नागालैंड में चलता है. और नागालैंड में मै गया पिछले साल, तो पिछले साल जब मै दीनापुर जा रहा था, कोहिमा से दीनापुर, तो रास्ते में मुझको रोक दिया, और रोकने के बाद पुलिस वाले ने कहा के आपके पास वीजा है? तो मेरे अन्दर से पहले कमकपी सी छुटी, मैंने कहा के वीजा मांग रहे हो? मेरे ही अपने देश के एक गाँव में जाने के लिए वीजा, तो बोला हां, आपको वो सारे परिपत्र चाहिए, नहीं तो हम आपको जाने नहीं देंगे. तो बॉर्डर पे दूसरा आदमी खड़ा था, उसने कहा कि आप हिंदुस्तान से आया है, मैंने कहा आप हिंदुस्तान का नहीं है क्या ? हम हिंदुस्तान का नहीं है, हम हिंदुस्तान से अलग होना मांगता. ये बात नागालैंड में घुसी हुई है, और आप नागालैंड जाइये, आपको अंदाज़ा नहीं लगेगा कि क्रिस्चियन मिशनरीज ने कितने बड़े लेवल पर पैसा बांट बांट कर वहाँ के लोगों का धर्म परिवर्तन करा के, सिर्फ धर्म ही परिवर्तन नहीं कराया, उनको हिंदुस्तान से अलग करना है, वहां तक मानसिकता बनाई है.

और कल को आपको ये आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि अलग नागालैंड की मांग करने वाले कुछ लोग वहां खड़े हो जाएँगे. तो हिंदुस्तान के ऐसे दशियो प्रदेश है जिनको अलग अलग हिंदुस्तान से बाँटना है, और इसकी पूरी प्लानिंग अमेरिका में सी. आई ए. के लोग बैठ कर बनाते है. क्योकि बिल क्लिंटन इस बात को कह चुके है, उनके पहले रोनाल्ड रीगन भी कह चुके थे कि हिंदुस्तान और चीन हमारी हिट लिस्ट में नम्बर १ है. सोवियत संघ को तो हमने तोड़ दिया, जैसे तोडना था. अब तोड़ने के लिए दो ही देश हमारे सामने है, या तो चीन है या भारतवर्ष. तो भारतवर्ष को तोडना है उसके तरीके वो जानते है, चीन के कैसे तोडना है इसको तरीके वो इस्तेमाल करने के कोशिश कर रहे है. ये अभिशाप आज का नही है, ये १९४७ का है, इसलिए मै कहता हु आज़ादी झूठी है. इस आज़ादी का कोई मतलब नहीं है.

राजीव दीक्षित जी को सत सत नमन

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