क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि स्कूल बस को पीले रंग का पेंट क्यों किया जाता है, क्या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.
आपने ध्यान दिया होगा कि हर स्कूल बस पर अपने स्कूल का नाम होता है और ये बस पीले रंग की पेंट होती हैं. रंगों का अपना ही एक महत्व है. अगर हम देखें तो ट्रैफिक लाइट में अलग-अलग रंगों की लाइट लगाई गई हैं जिसकी मदद से ट्रैफिक को नियंत्रित किया जाता है. उसी प्रकार से स्कूल बस को भी एक रंग दिया गया है और वो है पीला.
आखिर पीला रंग क्यों?
ये हम सब जानते हैं कि सफेद लाइट के विभिन्न घटकों के बीच लाल रंग में अधिकतम तरंग दैर्ध्य (wavelength लगभग 650 nm) होती है और इसलिए आसानी से ये बिखरती (scattered) नहीं हैं और दूर से भी स्पष्ट रूप से दिखाई देती है. चूंकि लाल रंग आमतौर पर सावधानी के साथ जुड़ा हुआ है, इसलिए यह स्कूल बस को पेंट करने का अच्चा विकल्प नहीं होगा? अब सवाल यह उठता है कि फिर स्कूल बसों को लाल पेंट करने के बजाय पीले रंग का क्यों किया गया?
पीला रंग अलग दिखता है
स्कूल बस को पीले रंग का इसलिए पेंट किया गया क्योंकि पीला रंग हमें जल्दी आकर्षित करता है. यह देखा गया है कि आमतौर पर हमारे दैनिक जीवन में जब अनेक रंगों के बीच हम आते हैं तो पीला रंग आंखों में सबसे अधिक दिखाई देने वाला रंग होता है. स्कूल बस के इस रंग को नेशनल स्कूल बस क्रोम येलो भी कहते है.
स्कूल बस को पीला पेंट करने के पीछे वैज्ञानिक कारण
पीला रंग एक ऐसा रंग है जिसे हम आसानी से बहुत दूर से देख सकते है, बारिश, कोहरा और ओस में भी हम इस रंग को आसानी से देख पाते है. इतना ही नहीं यदि हम बहुत सारे रंगों को एक साथ देखें तो पीला रंग सबसे पहले हमारा ध्यान आकर्षित करता है. वैज्ञानिकों के अनुसार पीले रंग का lateral peripheral vision लाल रंग की तुलना में 1.24 गुना अधिक होता है. इसका मतलब है कि बाकी रंगों की तुलना में पीले रंग में 1.24 गुना ज्यादा आकर्षण होता है और अन्य किसी भी रंग की तुलना में ये आंखों को जल्दी दिखाई देता है. भले ही आप सीधा ना देख रहे हो तब भी आप आसानी से पीले रंग को देख पाते है.
इसलिए स्कूल बस को पीले रंग से पेंट किया जाता है ताकि हाईवे पर एक्सीडेंट की संभावना ना के बराबर हो ताकि बच्चे सेफ्टी से अपने घर पहुंच सके. क्या आप जानते हैं कि सबसे पहले अमेरिका में 1930 में इस बात की पुष्टि हुई थी कि अन्य रंगों की तुलना में पीले रंग में ज्यादा आकर्षण होता है. यहां तक कि कुछ सांकेतिक बोर्ड को भी तो पीले रंग से पेंट किया जाता है.
उच्च न्यायालय की स्कूलों को लेकर गाइडलाइन्स
उच्च न्यायालय ने 2012 में स्कूलों में बदलाव के लिए कुछ गाइड लाइन्स जीरी की थी जो इस प्रकार हैं:
- स्कूल की बसों पर स्कूल का नाम होना चाहिए.
- प्रधानाचार्य का मोबाइल नंबर अंकित होना चाहिए.
- प्राथमिक उपचार की सुविधा भी बसों में उपलब्ध होनी चाहिए.
- बसों में स्पीड गवर्नर होना चाहिए ताकि बसों की गति का निर्धारण किया जा सके.
- स्कूल बस के ड्राईवर का वेरिफिकेशन होना चाहिए.
- तो अब आपको पता चल गया होगा कि ज्यादातर स्कूल बसों को पीले रंग से पेंट क्यों किया जाता हैं.