जानिए यूरोप के लोग शोचालय में लाइब्रेरी क्यों बनाते है, मज़बूरी है बेचारों की

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अब हम बिना सोचे समझे यूरोप वालों की  नक़ल कर रहे हैं.  और जिनके घुटने भी अच्छे हैं, फ्लेक्सिबिलिटी भी है, कमर भी ठीक है उन्होंने अपने अपने घर के बाथरूम में अंग्रेजी स्टाइल का कमोड लगा रखा है, वो भी बिना सोचे समझे. अब उनकी तो मज़बूरी है कि बैठ नही सकते, झुक नही सकते और एक समस्या और अब वो सड़े हुए मैदे की पाव रोटी खाते हैं, अब उनका पेट कैसा होने वाला है जरा सोचिये, कब्जियत रहती है, कांस्तिपेसन है बहुत और पेट साफ़ नही होता. अब पेट साफ़ नही तो उनको 2-2 घंटे तक बैठना पड़ेगा कि नही पड़ेगा. तो 2 घंटे तक बैठेंगे कैसे अगर हिन्दुस्तानी तरीके से बैठने लगेंगे तो, क्यूंकि हिन्दुस्तानी तरीके से टॉयलेट में आप 5 मिनट तक ही बैठ सकते हैं. यूरोप में तो 2-2 घंटे बैठना पढता है.

यूरोप के लोगों को देखें तो वो 2-2 घंटे तक टॉयलेट से बाहर ही नही आते बैठे ही रहते हैं, फिर उनसे पूछो कि बाहर क्यूँ नही आते तो कहेंगे कि न्यूज़पेपर पढ़ रहे थे. क्यूंकि पोटी साफ़ नही होती, संडास नही होती, पेट साफ़ करने के लिए इंतेजार करना पड़ता है. ये उनकी सबसे बड़ी समस्या है,

और भारत में खान पीन ऐसा है, सूर्य के प्रकाश की वजह से पाचन तंत्र ऐसा है कि टॉयलेट में 5 मिनट से ज्यादा बैठने की जरुरत ही नही है. और यूरोप में 2-2 घंटे बैठना उनकी मजबूरी है इसलिए यूरोप के लोग टॉयलेट रूम में लाइब्रेरी बनाते हैं क्यूंकि 2-2 घंटे वहीँ बैठना पड़ेगा तो टाइम पास तो टाइम पास तो करना ही है. और भारत में ड्राइंग रूम में होती है.

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आगे जानिए पेट साफ़ ना होने से क्या क्या समस्या आती है 

जिनका पेट साफ नही होता दुनिया की 103 बीमारियाँ उन्हीं को होती हैं. क्यूंकि आयुर्वेद ये कहता है कि जिनकी आंते साफ़ नही होती है तो बिमरियों का केंद्र आपके घर में ही है. और 90% बीमारियाँ कब्जियत से शुरू होती है. हमारे देश में सभी वैद और चिकित्सक कहते हैं अगर पेट साफ़ नही हैं तो बीमारी तो आनी ही है. संधिवाद, डाईबिटिज, और कॉनसटीपेशन और मुँह से बदबू आयेगी, सांस में इतनी भयंकर बदबू आयेगी कि पडोसी आपके सामने बैठ नही पायेगा. रात को नींद नही आएगी भूख समय से नही लगेगी, शरीर में कमजोरी आयेगी.