वैज्ञानिकों ने बंदर को बीमार बनाने के एक्सपेरिमेंट में 15 साल लगा दिए लेकिन बंदर बीमार नहीं हुआ

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कहने में थोडा अजीब है लेकिन ये सत्य है कि किसी भी चिड़िया को डाईबिटिज नही होता, किसी भी बन्दर को हार्ट अटैक नही आता, हम सब जानते हैं कि बन्दर और मनुष्य के शरीर की संरचना एक है सिर्फ पूंछ का फर्क है बाकि सब एक सा है लीवर, किडनी, हार्ट सब कुछ एक जैसा है. लेकिन बन्दर कभी बीमार नही होता लेकिन दूसरी तरफ मनुष्य रोगों से घिरा रहता है.

इसी बात का रहस्य जानने के लिए राजीव भाई के एक मित्र है जो मेडिकल साइंस की फील्ड से सम्बंधित है और वैज्ञानिक है.  उन्होंने 15-16 साल एक बन्दर पे एक्सपेरिमेंट किया क्योंकि उन्होंने कही सुना था कि “बन्दर कभी बीमार नही होता” और अगर बीमार हो गया तो पक्का मरेगा, जीवित नही रहेगा. उन्होंने एक प्रयोग किया कि बंदर को बीमार बनाओ.

बंदर को बीमार बनाने के लिए उन्होंने कभी इंजेक्शन के माध्यम से कभी किसी अन्य माध्यम से तरह तरह के वायरस और बैक्टीरिया बन्दर को देना शुरू किया. अब वो कहते हैं कि मै 15 साल इस प्रयोग में असफल रहा लेकिन बन्दर बीमार नही हुआ. बन्दर को कुछ नही हो सकता.  उन्होंने बहुत कोशिश किया कि बंदर का कोलेस्ट्रोल बढ़ा दिया जाये लेकिन बढ़ता ही नही, क्योकि बंदर के खून का RH factor बहुत आदर्श होता है. आपको एक अदभुत जानकारी देता हु कि जब आप डॉक्टर से खून जाँच करवाते है तो डॉक्टर आपके खून के RH फैक्टर को बंदर के खून के RH फैक्टर से कमपेयर करता है. वो ये बात बताता नही, वो एक अलग बात है. और उसके RH factor के आदर्श होने का कारण यही है कि वह सुबह पेट भरकर खाता है. यही कारण है कि ब्लड प्रेशर कभी बढ़ता नही मोटापा आता नही, कोलेस्ट्रोल बढता नही, डाईबीटीज नही होता.

आदमी सुबह सुबह भरपेट नही खा पाता. फिर उस वैज्ञानिक ने अपने कुछ मरीजों को सुबह पेट भरकर खाने को कहा जिन्होंने सुबह पेट भरकर खाना शुरू किया. किसी का ब्लड प्रेशर कम हो गया, किसी का कोलेस्ट्रोल कम हो गया, किसी के घुटने का दर्द कम हो गया, किसी के कमर का दर्द कम हो गया, किसी के पेट में जलन होना बंद हो गया, नींद अच्छी आनी शुरू हो गयी. तभी से वो अपने सारे रोगियों और अन्य लोगो को जोर देते हुए ये बात कहते है कि सुबह का भोजन पेट भरकर खाए

ये बात वागभट्ट जी साढ़े तीन हजार साल पहले बता कर चले गये कि सुबह का खाना पेट भरकर खाओ तो बहुत अच्छा वो ही बात आज वैज्ञानिक अपने मरीजों को बोल रहे हैं. सुबह का भोजन करने का सही समय सूरज निकलने के अढाई घंटे के अंदर होता है. जैसे 6 बजे सूरज निकलेगा तो 8 बजकर 30 मिनट तक खाना खा ले. क्योकि उस टाइम पेट की जठर (अमास्य) अग्नि जलती है. हमारे शरीर के हर अंग का एक टाइम होता है जब वो सबसे ज्यादा कार्य करता है. जैसे हमारा हार्ट रातको 2 से 5 बजे के बिच सबसे अधिक काम करता है. इसी कारण जितने भी हार्ट अटैक आते है, उनमे से 90-95% इसी समय के बीच आते है.

लेकिन युरोप के लोगों के लिए सुबह पेट भरकर खाना अच्छा नही है क्योंकि वहां की आबो हवा ऐसी ही है और सुबह कभी कभी सूर्य निकलता है ज्यादातर ठण्ड रहती है और हम उन्ही कि नक़ल कर रहे हैं और बीमार हो रहे हैं. उनकी नक़ल छोडिये और भारत के अनुसार सुबह भोजन हैवी ले जिससे वो सारा दिन पचा सके. दोपहर में सुबह से थोडा कम और रात को सुबह के भोजन का एक तिहाई लें. जैसे सुबह 6 रोटी, दोपहर को 4 और रात को 2.

इस विडियो में देखें बंदर क्यों बीमार नहीं होते >>