दोस्तों राजीव भाई जब भी दूध की बात करते है तो हमेशा रखे कि वो गाय का दूध है. आयुर्वेद के किसी भी शास्त्र में मस्सी (भैंस) के दूध की व्यवस्था नही है क्योंकि जिन लोगो ने आयुर्वेद के शास्त्र लिखे है. किसी ने भी मस्सी (भैंस) पालन नही किया. चरक का पास गाय,थी, शुश्रुत ने गाय पाली, बाग भट का पास गाय थी, कश्य्त ऋषि के पास गाय थी, गौतम ऋषि के पास गाय थी, सबने गौ पालन किया है.
मस्सी (भैंस) पालन सिर्फ यमराज ने किया है और यमराज ने कोई शास्त्र नहीं लिखा. वो तो मृत्यु के देवता है. इसलिए जहाँ भी दूध की बात आयगी तो आप ध्यान देना कि वो गाय का ही दूध है. रात को जो दूध पीना है गाय का दूध पीना है, मस्सी (भैंस) का नही. भैस का दूध ना पिए, नहीं तो आप मस्सी (भैंस) जैसे ही होने वाले हो.
मस्सी (भैंस) कैसी है आप देख लो फिर दूध पीओ. अगर सडक पर मस्सी (भैंस) खड़ी है सामने से एक ट्रक आयगा पीछे से बस आयगी दोनों हॉर्न बजायेंगे मस्सी (भैंस) हटेगी नही व्ही खड़ी रहेगी, बस हटेगी, ट्रक हटेगा, मस्सी (भैंस) नही हटेगी. ये आपने कई बार देखा भी होगा. वो ऐसा इसलिए करती है क्योकि उसको अक्ल नही है, उसमे बुद्धि नही है क्यूंकि मस्सी (भैंस) का दूध वैसा ही है, बिना बुद्धि का. और अगर आपने कभी ध्यान दिया हो तो, भैंस कीचड़ में भी बैठ जाती है, अगर कही गंदगी है तो मस्सी (भैंस) उसी में घुस जायगी और घुस के आराम से बेठ जायगी, फिर डंडे मरोगे तो भी नही निकलेगी. भैंस अपने बच्चे को भी नही पहचानती.
राजीव भाई ने एक बार एक परिक्षण किया 10 मस्सी (भैंस) खड़ी थी एक बछड़ा था, मस्सी (भैंस) का बच्चा उन सब में घूमता ही रहा. अपनी माँ को नही पहचान पाया और उसकी माँ भी उसको नही पहचान पाई. फिर ये हुआ कि दूर एक 11वी मस्सी (भैंस) खड़ी थी वो उसके पास चला गया और वो मस्सी (भैंस) उसको अपने साथ ले गई. वो दोनों माँ -बेटा नही थे लेकिन वो ले गई. भैस इतनी मुर्ख है और मस्सी (भैंस) जो घर से निकल गयी तो आपकी ड्यूटी है, उसको पकड़ के लाना, क्योकि उसका ऑयक्यू बहुत लो है.
अगर आप भैंस का दूध पियोगे तो आप उसके जैसे ही होने वाले है. मस्सी (भैंस) का बच्चा जन्म लेता है न तो जमीन पे गिर जाता है 5-6 दिन तो ऐसे ही पड़ा रहता है, हिलता भी नही है. इतना अलसी होता है. और गाय के बच्चे को देखो तो जन्म लेते ही आधे घंटे में खड़ा हो जाता है. अगले आधे घंटे में जुम्पिंग शुरू कर देता है और एक घंटे बाद रनिंग. आप यूज़ पकड़ नही सकते क्यूंकि उसमे चुस्ती और फुरती होती है. दूध गाय का मस्सी (भैंस) का नही तो आप बोलेंगे की ४० गाव में मस्सी (भैंस) ही है तो मेरी आपको एक विनती है कि आप गाय का ही दूध पिए. गाय भी देसी गाय होनी चाहिए.
तो आप खाने के बाद पानी ना पिए, खाने के बाद रात को दूध पियो, दोपहर को ताक (छांछ या लस्सी) पियो और सवेरे जूस पियो. भोजन के बाद जो पिने की है वो ये तिन चीजे है पानी पीना है तो 1 घंटे 30 मिनट के बाद पीना सबसे अच्छा होता है. ये एक ऐसा सूत्र है जो आयुर्वेद का सब महान ऋषि जैसे बाग भट ऋषि, चरक, शुश्रुत, निघ्न्तु, कश्य्त सबने एक ऐसा सूत्र माना है जो सबसे ज्यादा पालन करना चाहिए. इसलिए ये सूत्र आपको सबसे पहले बताया. अगर आप ये नियम का पालन करेंगे तो आपके शरीर का स्वस्थ अच्छा रहेगा. जीवन भर आप निरोगी रहेगे.
इस विडियो में देखिए आपको कौन सा दूध पीना चाहिए >>
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